Wednesday, January 28, 2015

प्राथमिक विद्यालयों में लगेंगे सोलर संयंत्र : पांच जिलों के 50 विद्यालयों में होगी शुरुआत

  • पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच जिलों के 50 विद्यालयों में होगी शुरुआत
  • स्वच्छ पेयजल के लिए लगेंगे आरओ
लखनऊ। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में बिजली की कमी अब विद्यार्थियों की शिक्षा में आड़े नहीं आएगी। प्राथमिक विद्यालयों में अब एक किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाये जाएंगे। इसके साथ ही स्वच्छ पेयजल के लिए आरओ भी लगेंगे। 

राज्य सरकार ने प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में एक किलोवाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का निर्णय लिया है। इसी से सबमर्सिबल पम्प लगाकर छात्रों को आरओ से स्वच्छ जल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही ओवरहेड टैंक के माध्यम से रसोई घर तथा शौचालयों में जल की आपूर्ति और विद्यार्थियों के कक्ष में पंखे आदि की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। 

प्रदेश के अतिरिक्त ऊर्जा स्रेत विभाग के प्रमुख सचिव जीवेश नंदन ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश में पांच जिलों के 50 प्राथमिक विद्यालयों में यह योजना ‘पायलट प्रोजेक्ट’ के रुप में चलायी जाएगी। प्रत्येक वर्ष इस योजना के तहत जिलों का चयन शासन स्तर से किया जाएगा, जबकि जिलाधिकारी स्तर से ऐसे विद्यालयों का चयन का जिम्मा पूरा किया जाएगा। इसके लिए विद्यालयों में कम से कम 100 छात्र अध्ययनरत हों तथा वर्तमान में पेयजल के लिए इंडिया मार्का हैन्ड पम्प पहले से ही स्थापित हो। श्री नन्दन ने बताया कि इस योजना का क्रियान्वयन यूपीनेडा द्वारा किया जाएगा। स्थापना के उपरान्त विद्यालय के प्रधानाचार्य को संयंत्र हस्तान्तरित कर दिया जाएगा। 

उन्होंने बताया कि संयंत्रों के नियमित रुप से रखरखाव के लिए जिले में एक सर्विस सेन्टर की स्थापना यूपीनेडा की ओर से अनिवार्य रुप से करायी जाएगी। श्री नन्दन ने बताया कि योजना का नियमित देख-रेख यूपीनेडा के जिला परियोजना अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। यूपीनेडा के मुख्यालय स्तर से समय-समय पर परियोजना की समीक्षा की जाएगी और फीडबैक प्राप्त किया जाएगा। फीडबैक के आधार पर योजना को और सुदृढ़ बनाया जाएगा तथा उसमें आवश्यक सुधार किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि योजना की निगरानी एवं मूल्याकंन तंत्र को अधिक सुदृढ़ करने के लिए र्थड पार्टी की व्यवस्था भी की जाएगी। 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के एक तिहाई प्राथमिक विद्यालयों से ज्यादा में अभी तक बिजली की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में सरकार की यह योजना विद्यार्थियों को गर्मी में भारी राहत देगी। प्राथमिक विद्यालयों का सत्र भी पहली अप्रैल से शुरु होगा। पूरे वर्ष विद्यालयों का समय सुबह नौ बजे से शाम तीन बजे के बीच होगा, ऐसे में यह योजना सफल रही तो सरकारी विद्यालयों के नौनिहालों को भी बिजली-पंखा और आरओ का पानी मिल सकेगा।

खबर साभार : राष्ट्रीय सहारा 

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