Thursday, January 8, 2015

विशिष्ट बीटीसी-2012 - शासन को भेजा जाएगा आयुसीमा का मामला


विशिष्ट बीटीसी-2012 के अभ्यर्थी बे.शि.सचिव से मिले

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बीटीसी-2012 के अभ्यर्थियों की आयुसीमा पर उठे विवाद का मामला शासन को संदर्भित किया जाएगा। अभ्यर्थियों ने आयुसीमा की गणना एक जुलाई 2014 से किए जाने पर आपत्ति उठाई है। अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बेसिक शिक्षा के सचिव संजय सिन्हा से मुलाकात करके उन्हें इस आशय का एक ज्ञापन दिया जिसमें कहा गया है कि अध्यापक सेवा नियमावली में हुए संशोधन के हिसाब से उनकी आयुसीमा की गणना एक जुलाई 2015 से की जानी चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो हजारों अभ्यर्थी परीक्षा से बाहर हो जाएंगे। गौरतलब है कि शासन ने बीटीसी-2012 के अभ्यर्थियों को भी परीक्षा में शामिल करने की छूट प्रदान कर दी है जिससे उनकी नौकरी का मार्ग प्रशस्त हो गया है। एक जुलाई 2014 से आयुसीमा की गणना किए जाने पर कई अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित हो रहे हैं। उनकी मांग है कि प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात से आयुसीमा की गणना की जाए।माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड सचिव को ज्ञापन सौपते छात्र। 


प्रशिक्षण पूरा न होने पर भी परीक्षा की अनुमति से रोष

बीटीसी-2011 बैच के अभ्यर्थियों ने आरोप 

लगाया है कि डायट के प्राचार्यो द्वारा 2012 बैच के उन अभ्यर्थियों को भी परीक्षा में शामिल करने की अनुमति दी जा रही है जिनका प्रशिक्षण पूरा नहीं है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने हाल ही में गाइड लाइन जारी की है कि उन अभ्यर्थियों को शामिल किया जा सकता है जिनका सौ दिन का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। विशिष्ट बीटीसी भर्ती संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में अभ्यर्थियों ने सचिव बेसिक शिक्षा संजय सिन्हा से मुलाकात करके इस तथ्य से अवगत कराया। यह भी चेतावनी दी कि यदि ऐसे अभ्यर्थियों को रोका न गया तो न्यायालय की शरण ली जाएगी।

No comments:

Post a Comment