- दबाव में टूट गए बीटीसी प्रशिक्षु, अधिकारियों की अनदेखी से आक्रोश
बीटीसी प्रशिक्षुओं के आंदोलन के बाद आखिरकार सरकार ने शिक्षक भर्ती की घोषणा की थी। इस भर्ती में बाद में शासन की ओर से 2012 के प्रशिक्षुओं को शामिल करने की मंशा से अंतिम तिथि बढ़ाकर 10 मार्च कर दी गई।
सरकार की ओर से अंतिम तिथि बढ़ाने का बीटीसी 2011 के प्रशिक्षुओं ने विरोध करना शुरू कर दिया। प्रशिक्षुओं का दबाव बढ़ने के कारण सचिव ने जिलाधिकारी एवं एसएसपी से निदेशालय परिसर खाली करवाने के साथ आंदोलन को नियम विरुद्ध बताया था।
सोमवार को प्रशिक्षुओं ने सचिव का घेराव किया और उनकी कार के आगे लेट गए थे। इसके खिलाफ परिषद के उप सचिव की ओर से अनशनकारियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। प्राथमिकी दर्ज करवाने के बाद से मंगलवार को दिनभर पुलिस अनशनकारियों पर दबाव बनाती रही। अंतत: देर शाम पुलिस ने अनशनकारियों को अनशन खत्म करने पर मजबूर कर दिया। कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे धरने पर बैठे बीटीसी प्रशिक्षुओं की लगातार हालत खराब हो रही थी।
मंगलवार को एटा के मनोज वर्मा एवं सदाशिव शर्मा की हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अनशन पर बैठने वालों के समर्थन में योगेश पांडेय आदि प्रशिक्षु मौजूद रहे।
आंदोलन के पांचवें दिन दो अनशनकारी बीमार अस्पताल में भर्ती
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से वार्ता करते बीटीसी प्रशिक्षु और मंगलवार देर शाम प्रशिक्षुओं को जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया गया।
अमर उजाला ब्यूरो
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