लखनऊ। राज्य सरकार ने
अन्य पिछड़ा वर्ग
(ओबीसी) का जाति
प्रमाणपत्र जारी करने
के लिए आय
सीमा पांच लाख
रुपये से बढ़ाकर
आठ लाख रुपये
सालाना कर दी
है। इस दायरे
में आने वाले
अब आरक्षण का
लाभ उठा सकेंगे।
आठ लाख रुपये
से ज्यादा सालाना
आय वाले ही
क्रीमी लेयर में
रखे जाएंगे। पहले
यह सीमा पांच
लाख रुपये थी।
इस फैसले से
लाखों परिवार लाभान्वित
होंगे।
वर्ष 2008 में जारी
शासनादेश के मुताबिक,
अन्य पिछड़ा वर्ग
के उन परिवारों
को ही आरक्षण
का लाभ मिल
सकता था, जिनकी
लगातार तीन वर्ष
तक सालाना आय
पांच लाख रुपये
से अधिक न
हो। इन वर्षों
में सरकारी मुलाजिमों
की तनख्वाह काफी
बढ़ गई और
वे क्रीमी लेयर
में आ गए।
यहां बता दें
कि क्रीमी लेयर
को आरक्षण की
सुविधा नहीं मिलती।
इसलिए आय सीमा
बढ़ाने की मांग
लंबे समय से
की जा रही
थी।
इस बाबत बुधवार
को प्रमुख सचिव
नियुक्ति एवं कार्मिक
राजीव कुमार ने
शासनादेश जारी कर
दिया। इसके अनुसार,
अन्य पिछड़ा वर्ग
के ऐसे बच्चे
जिनके माता-पिता
की लगातार तीन
साल तक सकल
वार्षिक आय आठ
लाख रुपये से
अधिक नहीं है
और जिनके पास
धनकर अधिनियम 1957 में
निर्धारित छूट सीमा
से अधिक संपत्ति
भी नहीं है,
उन्हें जाति प्रमाणपत्र
जारी किया जाएगा।
संशोधित प्रारूप राज्य सरकार
की अधिकृत वेबसाइट
पर भी उपलब्ध
करा दिया गया
है।
News Sabhaar : अमर
उजाला ब्यूरो
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