गाजीपुर : हाजिरी लगाकर विद्यालय
से गायब रहने
वाले परिषदीय स्कूलों
के शिक्षकों के
लिए अब ऐसा
कर पाना मुमकिन
नहीं होगा। स्कूलों
में हाजिरी का
हिसाब-किताब रखने
के लिए मिड-डे-मील
की तर्ज पर
इंटर ऐक्टिव वायस
रिस्पांस सिस्टम (आइवीआरएस) का
सहारा लिया जाएगा।
बेसिक शिक्षा विभाग
अपनी इस योजना
को शिक्षा सत्र
2015-16 से लागू करने
की योजना बना
रहा है।
परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों
की अनुपस्थिति बड़ी
समस्या है। शिक्षक
स्कूल आते नहीं
हैं लेकिन जुगाड़
से उपस्थिति रजिस्टर
में उनकी हाजिरी
दर्ज होती रहती
है। जिलाधिकारी या
अन्य अफसरों के
निरीक्षण में यह
खेल उजागर भी
होते रहते हैं।
शिक्षक नियमित रूप से
स्कूल में हाजिर
होकर बच्चों को
पढ़ाएं, बेसिक शिक्षा विभाग
इसकी तरकीब ढूंढ
लिया है। योजना
अमल में आते
ही जिले के
1850 प्राथमिक और 904 जूनियर हाईस्कूल
के करीब 4500 शिक्षकों
पर नजर रखी
जा सकेगी। योजना
के तहत सभी
परिषदीय स्कूलों के प्रधानाचार्यो
के मोबाइल पर
कंप्यूटर से जेनरेट
की गई वायस
कॉल जाएगी। कॉल
जाने पर प्रधानाध्यापकों
को उस दिन
स्कूल में उपस्थित
शिक्षकों की संख्या
मोबाइल पर दर्ज
कर एसएमएस करनी
होगी। यह जानकारी
सेंट्रल डाटाबेस में दर्ज
हो जाएगी। इसकी
जानकारी संबंधित खंड शिक्षा
अधिकारी या जिला
बेसिक शिक्षा अधिकारी
को दी जा
सकेगी। यदि उन्हें
लगेगा कि स्कूलों
में उपस्थित शिक्षकों
की संख्या ज्यादा
बताई गई है
तो वे मौका
मुआयना कर असलियत
जान सकते हैं।
बेसिक शिक्षा सचिव
का कहना है
कि इस प्रणाली
के इस्तेमाल का
सबसे बड़ा फायदा
यह होगा कि
इसमें हेरफेर नहीं
किया जा सकेगा।
स्कूल में शिक्षकों
की उपस्थिति की
जो संख्या बताई
गई, यदि जांच
में वह गलत
पाई गई तो
उसके लिए प्रधानाध्यापक
जवाबदेह होगा। दूसरा फायदा
यह होगा कि
शिक्षकों की उपस्थिति
के आंकड़े कंप्यूटर
पर एक क्लिक
से शासन-प्रशासन
के अधिकारियों की
आंखों के सामने
होंगे जो मौजूदा
व्यवस्था में संभव
नहीं है।
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