Wednesday, December 3, 2014

पूरे देश में ई-लॉकर की तैयारी | बोलकर लें कंप्यूटर से जानकारी

महाराष्ट्र की तर्ज पर पूरे देश में ई-लॉकर की तैयारी
इस सुविधा से लोगों को अपने
जरूरी दस्तावेज लेकर नहीं भटकना पड़ेगा इधर-उधर
राजीव कुमार
नई दिल्ली। महाराष्ट्र की तर्ज पर अब पूरे देश में डिजिटल लॉकर (ई-लॉकर) की सुविधा शुरू की जा सकती है। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस योजना को आरंभ करने के लिए अन्य मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श कर रहा है। डिजिटल लॉकर सुविधा को शुरू करने से प्रमाण पत्र, डिग्री, प्रॉपर्टी के कागजात व अन्य जरूरी दस्तावेज को हर जगह लेकर नहीं घूमना पड़ेगा। बार-बार जरूरत पड़ने वाले इन दस्तावेज को डिजिटल लॉकर के जरिए एक जगह पर डिजिटल रूप में सुरक्षित रखा जा सकता है। किसी नागरिक के आधार कार्ड का नंबर डिजिटल लॉकर का पासवर्ड होगा।
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव आरएस शर्मा ने बताया कि अभी इस स्कीम को प्रायोगिक तौर पर महाराष्ट्र और एनएसडीएल के साथ शुरू किया गया है। भारत को पूर्ण रूप से डिजिटल बनाने के तहत डिजिटल लॉकर सुविधा को पूरे देश में लागू करने की तैयारी की जा रही है। हर नागरिक के पास अगर पांच जरूरी दस्तावेज भी हैं, तो 1.2 अरब जनसंख्या वाले देश में 6 अरब दस्तावेज को डिजिटल करना पड़ेगा।
हाल ही में महाराष्ट्र में शुरू किए गए डिजिटल लॉकर सुविधा कार्यक्रम के तहत हर व्यक्ति, जिसके पास आधार कार्ड नंबर है, इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकता है। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से ई-लॉकर डॉट महाराष्ट्र डॉट जीओवी डॉट इन नामक वेबसाइट बनाई गई है, जिस पर जाकर अपने आधार कार्ड नंबर की मदद से कोई व्यक्ति अपना खाता (अकाउंट) खोल सकता है। इस अकाउंट में वह अपने दस्तावेजों की प्रति को स्कैन कर उसे सुरक्षित रख सकता है। शर्मा कहते हैं कि इस सुविधा से किसी नागरिक को सरकारी विभाग में अपने दस्तावेजों को प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं होगी। सरकारी विभाग खुद उसके दस्तावेज देख लेगा। डिजिटल लॉकर की सुविधा को इस प्रकार विकसित किया गया है कि कोई तीसरा उस जानकारी को हासिल नहीं कर सकता।
बोलकर लें कंप्यूटर से जानकारी
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। गांवों में रहने वाले अशिक्षित या कम पढ़े-लिखे किसान भी अब इंटरनेट लगे कंप्यूटर का इस्तेमाल अपने फायदे की जानकारी हासिल करने के लिए कर सकते हैं। इन्हें सिर्फ कंप्यूटर के सामने बोलकर जानकारी मांगनी होगी। कंप्यूटर स्क्रीन पर वह जानकारी अपने आप आ जाएगी। अंग्रेजी या हिंदी भाषा नहीं जानने वाले किसान या ग्रामीण भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
भारत सरकार के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत इंटेल इंडिया ने डिजिटल स्किल फॉर इंडिया कार्यक्रम लांच किया है, जिसके तहत अशिक्षित ग्रामीण या किसानों के लिए ऐप्स बनाए गए हैं। इंटेल इंडिया भारत सरकार के साथ मिलकर वर्ष 2015 के अंत तक 50 लाख लोगों को वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा के लायक बनाने के लिए प्रशिक्षण देगा।
इंटेल का यह ऐप्स पांच क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार किया गया है और अगले छह दिसंबर से यह मुफ्त में एंड्रायड प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगा। फिलहाल ये ऐप्स हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, मराठी और गुजराती भाषा में है। बाद में इसे सभी क्षेत्रिय भाषा के साथ जोड़ा जा सकता है। इस ऐप्स की मदद से वित्तीय समावेश से जुड़ी जन-धन योजना, स्वास्थ्य सुविधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ अभियान के बारे में पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है।
आरटीआई का भी हो सकेगा इस्तेमाल
भारत ब्राडबैंड नेटवर्क लिमिटेड की सीएमडी अरुणा सुंदरराजन के मुताबिक इंटेल के ऐप्स के इस्तेमाल से अब हर कोई सूचना प्राप्त करने के अधिकार (आरटीआई) का लाभ उठा सकेगा। उन्होंने कहा कि अबतक आरटीआई का इस्तेमाल अधिकतर शहरों में रहने वाले लोग ही कर रहे हैं, लेकिन गांव को डिजिटल करने और इस प्रकार के ऐप्स लांच करके ग्रामीण भी अब आरटीआई का लाभ उठा पाएंगे।

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