लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में नए शिक्षकों को पहली तैनाती देने की व्यवस्था बदलने जा रही है। नवनियुक्त शिक्षकों को भी अब शहरी स्कूलों में पहली तैनाती दी जा सकेगी। अभी इन शिक्षकों को केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही नियुक्ति देने की व्यवस्था है। इसके लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद अध्यापक तैनाती नियमावली 2008 में बदलाव किया जाएगा। बेसिक शिक्षा निदेशालय जल्द ही संशोधित नियमावली का प्रस्ताव शासन को भेजने वाला है।
प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद का दायरा काफी बड़ा है। सूबे में 1,13,627 प्राइमरी स्कूल हैं। इसमें से करीब 65,000 ऐसे परिषदीय स्कूल हैं जो ठेठ गांव में हैं। बेसिक शिक्षा परिषद की अध्यापक तैनाती सेवा नियमावली में नवनियुक्त शिक्षकों को पहली तैनाती ग्रामीण क्षेत्र के सुदूरवर्ती इलाकों में देने की व्यवस्था है। पुरुष शिक्षक को पांच साल और महिला शिक्षक को ऐसे स्कूलों में दो साल रहने की अनिवार्यता है। इसके बाद ही इनका तबादला शहर और इससे सटे सीमा के स्कूलों में किया जा सकता है। इस कारण शहर और इसके पास के स्कूलों में शिक्षकों की कमी होती जा रही है। शहर या इसकी सीमा से लगे कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां केवल एक शिक्षक के सहारे काम चलाया जा रहा है।
- शहरी स्कूलों में भी तैनाती पाएंगे नए शिक्षक
- अभी ग्रामीण क्षेत्रों में तैनाती की है अनिवार्यता
- बदलने जा रही है अध्यापक तैनाती नियमावली
- अध्यापक तैनाती नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव तैयार
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