By Suraj Shukla:
कुछ लोग अपने
को एकेडमिक समर्थक
कहते है और
एकेडमिक टीम के
सदस्यों की बात
पर भरोसा नहीं
करके टेट नेताओं
की पोस्ट में
सच्चाई ढूढते है. हद
है.
टेट नेताओं ने
झूठे स्टाम्प पेपर
पर लिख के
दिया कि १००
तक मेरिट गिरेगी,
उन्होंने कहा था
कि २०१२ वाले
बाहर होंगे, न्यू
ऐड की कोई
रिट अब स्वीकार
नहीं होगी, जुर्माना
होगा, नियुक्ति-पत्र
के बाद फाइनल
सुनवाई होगी, अंतरिम आदेश
अंतिम हो गया
है, अब एनसीटीई
नहीं आयेगी, गुड
पार्ट बैड पार्ट
और एनसीटीई का
केस दत्तू सर
खारिज कर देंगे......
केवल झूठ पे झूठ, एकेडमिक
समर्थकों
का
मनोबल
तोडने
के
लिए.
और
उनकी
पोस्ट
पर
आप
भरोसा
करते
है
यह
बात
एकेडमिक
का
सबसे
बड़ा
दुर्भाग्य
है.
टेट
नेता
कपिल
सिब्बल
के
नाम
पर
५०
लाख
वसूलकर
खा
गए
और
एक
श्रवण-बाधित भुलक्कड
वकील
खडा
करके
सारा
पैसा
हजम
कर
लिया.
अगर
आज
फाइनल
सुनवाई
पूरी
हो
जाती
तो
टेट
नेताओं
को
हार
से
कोई
नहीं
बचा
सकता
था
क्योकि
जब
ये
पैसा
लूटकर
खाने
में
व्यस्त
थे
तब
एकेडमिक
टीम
अपनी
सशक्त
तैयारी
में
व्यस्त
थी.
अब
इतना
बड़ा
फ्राड
करके
अपनी
जीत
का
झूठा
ढिंढोरा
नहीं
पीटेंगे
तो
टेट
समर्थक
इन्हें
खोजकर
बलभर
कूटेंगे.
वैसे
भी
बहुत
से
टेट
समर्थक
लाठी
लेके
अपने
नेताओं
को
कब
से
खोज
रहे
है.
बहुत
से
लो
मेरिट
वाले
तो
कब
से
बस
एक
दाँव
की
तलाश
में
है
कि
कब
इनको
लतिया
जुतिया
के
लूटे
गए
पैसे
का
हिसाब
लिया
जाय
.
ऐसे
धूर्त
मक्कार
टेट
नेता
जो
पैसे
के
लालच
में
इंसान
से
शैतान
बन
गए
हैं
उनसे
आप
सच
की
उम्मीद
करते
हैं.
अगर
टेट
नेताओं
की
पोस्ट
देखना
ही
है
तो
केवल
प्राइम
पोस्ट
वाले
विनय
पाण्डेय
की
पोस्ट
देखिये
(पुराने
फेसबुक
यूजर
प्राइम
पोस्ट
वाले
विनय
पाण्डेय
की
पोस्ट
का
महत्त्व
जानते
होंगे
और
सभी
टेट
समर्थक
आज
भी
उससे
ज्यादा
किसी
की
पोस्ट
पे
भरोसा
नहीं
करते),
साफ़
लिखा
है
कि
टेट
मेरिट
का
वजूद
खतरे
में
है,
आज
टेट
के
वकीलों
को
बोलने
नहीं
दिया
गया
केवल
सरकारी
वकील
को
सुना
गया.....तो फिर सवाल ये है कि टेट समर्थक मिठाई किस बात पर बाँट रहे थे? जाहिर सी बात है कि बहुत से हाई मेरिट वाले टेट सपोर्टर्स
ने
एक
रणनीति
बनाई
है
कि
अगर
हार
हो
रही
है
तब
भी
अपने
झूठ
का
इतना
ढिंढोरा
पीट
दो
कि
विपक्षी
का
मनोबल
टूट
जाए
और
वे
लड़े
बिना
हार
जाए,
पीछे
हट
जाए.
दोस्तों
कोई
टेट
समर्थक
एकेडमिक
समर्थकों
की
पोस्ट
पर
भरोसा
नहीं
करता
क्योकि
इससे
उनकी
टीम
का
मनोबल
टूटेगा,
उनकी
एकता
कमजोर
होगी.
और
आप
अपने
विरोधियो
पर
भरोसा
करके
उनको
सशक्त
और
अपनी
टीम
को
कमजोर
बनाते
हैं.
इसलिए
आप
सब
वास्तविकता
को
समझे,
अभी
भी
वक्त
है,
अंतरिम
आदेश
के
बाद
एकेडमिक
टीम
हार
के
जबड़े
से
जीत
खीच
के
ले
आई
है.
उम्मीदों
को
ज़िंदा
रखा
है
और
आज
की
स्थिति
में
टेट
टीम
से
कई
गुना
अधिक
सशक्त
स्थिति
में
है.
एकेडमिक
टीम
का
साथ
दीजिए,
एकेडमिक
टीम
पर
भरोसा
कीजिये,
इसी
में
एकेडमिक
की
विजय
है
By Kapil Dev
Yadav:
दोस्तों जब तक
आप डरोगे दुनिया
आपको डराएगी २६
नवम्बर और आज
में कुछ विशेष
अंतर नहीं है
२६ नवंबर को
टेट वाले जीत
रहे थे २७/२८ तक
इनके होश ठिकाने
आ गए और
पूरी सच्चाई इनको
बतानी पड़ी आज
भी जीत रहे
है कल तक
इनके होश ठिकाने
आ जाएंगे और
शाम से ये
सच पोस्ट करेंगे
दोस्तों हम लोग
जीत से बस
उतने ही दूर
है जितनी बड़ी
रात होती है
अँधेरा हमेसा चाहता की
सूर्य की किरणे
न निकले लेकिन
सूर्य अपने निर्धारित
समय पे जरूर
निकलता है ठीक
उसी प्रकार से
अंतरिम आदेश के
विल्कुल विपरीत अंतिम आर्डर
आएगा और एकडेमिक
मेरिट
की
जीत
होगी
दोस्तों
अकेडमिक
मेरिट
समर्थक
ये
ग्रुप
से
दूसरे
ग्रुप
मैं
जो
दिन
भर
भाग
दौड़
करते
है
वो
बंद
करे
आपके
विरोधी
कभी
सत्य
पोस्ट
नहीं
करते
जिसका
मैं
कुछ
उदहारण
देता
हु
slp सिविल
मैं
चली
गयी
है
अब
इसपर
२०१९
/२०२४
से
पहले
सुनवाई
नहीं
होगी
दोस्तों
८
महीने
के
अंदर
अंतिम
सुनवाई
करायी
जा
रही
है
दोस्तों
ये
भारत
देश
है
यहा
अगर
सही
से
पैरवी
न
की
जाये
तो
हत्यारा
भी
जमानत
कराके
बाहर
घूमता
है
दोस्तों
न्याय
पाने
के
लिए
सत्य
को
साबित
करने
के
लिए
बड़े
जिगर
की
आवस्कता
होती
है
आज
अगर
ये
अंतिम
सुनवाई
२०१९/या २२ मैं होती तो कोई भी टेट के विरोध मैं नहीं आता क्योकि तब तक सब का मनोबल एकदम से टूट जाता और सत्य कभी नहीं जीतता क्योकि टूटे हुए मनोबल से जंग नहीं जीती जाती दोस्तों
१५/१६ तक अकेडमिक
मेरिट
का
प्रकाश
चारो
तरफ
फैला
होगा
और
मोहन
मेरिट
का
अंत
हो
जायेगा
इतना
मैं
आपको
विश्वाश्ज
दिलाता
हु
टेट
मोर्चे
की
हर
बात
को
गलत
साबित
किया
हुआ
और
टेट
मेरिट
की
जीत
का
दवा
करने
वालो
को
अंतिम
निर्णय
मैं
पराजित
करके
दिखाऊंगा |
Koshis
Karne Walo Ki Kabhi Haar Nahi Hoti !
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