Monday, December 1, 2014

शिक्षक बनने की राह में खड़े 5000 डीपीएड वाले


लखनऊ(ब्यूरो)। प्रदेश के सरकारी और अर्द्धसरकारी संस्थानों से डिप्लोमा इन फिजिकल एजूकेशन (डीपीएड) करने वाले करीब 5000 छात्र-छात्राएं भटक रहे हैं पर उन्हें शिक्षक बनाने पर कोई निर्णय नहीं हो रहा है। इनके पक्ष में हाईकोर्ट ने भी आदेश दिया, लेकिन इसकी भी अनदेखी कर दी गई है। डीपीएड पास छात्रों ने इस संबंध में बेसिक शिक्षा मंत्री से लेकर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद तक से मुलाकात की, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है।

प्रदेश में डीपीएड के तीन सरकारी और दो सहायता प्राप्त कॉलेज हैं। इन कॉलेजों में 240 सीटें हैं। राज्य सरकार पूर्व में डीपीएड करने वालों को शिक्षक बनाती रही है, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया। यही नहीं वर्ष 2007 से डीपीएड का कोर्स भी सरकारी और सहायता प्राप्त कॉलेजों में बंद कर दिया गया।

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