Friday, November 14, 2014

बीएड-एमएड इंटीग्रेटेड कोर्स बचाएगा एक साल


एनसीटीई ने तैयार कर रही एमएड के इंटीग्रेटेड कोर्स का मसौदा

कानपुर, जागरण संवाददाता : स्नातक के बाद अगले वर्ष छात्र बीएड एमएड के संयुक्त इंटीग्रेटेड कोर्स में दाखिला ले सकेंगे। तीन साल के इस कोर्स में छात्र बीएड व एमएड दोनों की डिग्री लेकर पास आउट होंगे। इससे उनका एक साल बच जाएगा। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) ने इसके लिए मसौदा तैयार कर रही है।
अगले सत्र से बीएड व एमएड के दो वर्षीय पाठ्यक्रम के साथ ही साथ इस नए पाठ्यक्रम को भी लांच किए जाने की संभावना है। दरअसल अगले वर्ष से बीएड व एमएड दोनों पाठ्यक्रम दो-दो वर्ष के हो जाने के कारण एनसीटीई इस दोहरी डिग्री से छात्रों को राहत देने का प्रयास कर रही है।

एनसीटीई ने बीएड व एमएड के पाठ्यक्रमों में बड़े पैमाने पर बदलाव करके उसे सत्र 2016 में लांच करने की योजना बनाई थी लेकिन कॉलेज प्रबंधकों के सत्र शून्य न किए जाने के निवेदन पर एनसीटीई ने बीएड व एमएड के लिए बनाए गए रेगुलेशन व डिजाइन किए गए कोर्स को अगले साल से लागू किए जाने पर अपनी स्वीकृति दे दी है।

बीएड व एमएड का समय अंतराल बढ़ाने के बाद अब एमएड इंटीग्रेटेड कोर्स के लिए (एनसीटीई) की समीक्षा कमेटी रिपोर्ट तैयार कर रही है। इस रिपोर्ट में रिसर्च वर्क व प्रेक्टिकल पर जोर देते हुए एमएड के इस संयुक्त कोर्स को तीन साल के किए जाने पर मुहर लगाई जाएगी।

सत्र 2015 से देश भर के बीएड व एमएड कॉलेजों में यह नया नियम लागू होने की संभावना है।

कानपुर: बीएड का सत्र शून्य नहीं होगा। एनसीटीई चेयरमैन प्रोफेसर संतोष पांडा ने कॉलेज प्रबंधकों को अगले सत्र में प्रवेश प्रक्रिया जारी रहने का आश्वासन दिया है।

इसके अलावा इसी सत्र से बीएड व एमएड की पढ़ाई भी दो साल की कर दी जाएगी। इससे पहले एनसीटीई ने बीएड व एमएड के दो वर्षीय पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा सत्र 2016 से की थी।
बीएड व एमएड के पाठ्यक्रम को एक साल की बजाय दो साल का करने को एनसीटीई की समीक्षा कमेटी रिपोर्ट तैयार करके पहले ही सौंप चुकी है। इस रिपोर्ट में बीएड के पाठ्यक्रम का समय एक साल बढ़ाने के अलावा 16 हफ्ते की इंटर्नशिप को भी शामिल किया गया है।

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