लखनऊ। अल्पसंख्यकों की बहुप्रतीक्षित
एजुकेशन हब योजना
को सरकार ने
मंजूरी दे दी
है। इसके तहत
पहले चरण में
अल्पसंख्यकों के लिए
20 जिलों में 40 मॉडल इंटर
कॉलेज खोले जाएंगे।
यानी हर जिले
में दो-दो
कॉलेज खुलेंगे। इनमें
एक छात्रों व
दूसरा छात्राओं के
लिए होगा। इनमें
कम से कम
50 फीसदी सीटें अल्पसंख्यक वर्ग
के लिए आरक्षित
रहेंगी। तीन जिलों
में मॉडल कॉलेज
पूर्णतया आवासीय होंगे। इनमें
पूर्वांचल, पश्चिमांचल व मध्यांचल
का एक-एक
जिला लिया जायेगा।
बृहस्पतिवार
को सरकार ने
कैबिनेट बाई सर्कुलेशन
के जरिये यह
महत्वपूर्ण फैसला लिया। देर
रात अल्पसंख्यक कल्याण
एवं वक्फ विभाग
ने इसका शासनादेश
जारी कर दिया।
इस योजना के
लिए सरकार ने
वर्ष 2013-14 में ही
34 करोड़ रुपये की बजट
में व्यवस्था कर
ली थी। अब
इस योजना के
तहत तत्काल काम
शुरू करने के
लिए कहा गया
है।
सरकार ने जो
प्रस्ताव पास किया
है उसके अनुसार
मॉडल कॉलेजों में
प्राथमिक स्तर से
लेकर इंटरमीडियट तक
की पढ़ाई कराई
जाएगी। माध्यमिक के साथ
ही व्यावसायिक शिक्षा
भी दी जायेगी।
इस योजना के तहत
सरकार निजी कॉलेजों
को भी कुछ
शर्तों के साथ
मॉडल कॉलेज स्थापित
करने के लिए
पैसा दे सकती
है। जिस तरह
माध्यमिक शिक्षा में कस्तूरबा
गांधी विद्यालयों का
संचालन निजी संस्थाएं
व एनजीओ कर
रहे हैं, उसी
तरह इसमें भी
कुछ संस्थाओं को
कॉलेज के संचालन
का अधिकार दिया
जा सकता है।
अल्पसंख्यकों
की एजुकेशन हब
योजना की घोषणा
खुद मुख्यमंत्री अखिलेश
यादव ने सरकार
बनाने के कुछ
दिन बाद ही
की थी। लेकिन
बार-बार इसके
प्रस्ताव में हो
रहे संशोधन के
कारण यह योजना
अभी तक लटकी
हुई थी। पहले
चरण में 20 जिलों
का चयन अल्पसंख्यक
बहुल आबादी के
हिसाब से किया
जायेगा।
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