Wednesday, October 29, 2014

डॉयट में प्रवक्ताओं का अकाल



प्रवीन कुमार यादव 

प्रतापगढ़। जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट सालों से प्रवक्ता, लिपिक, सहित प्राचार्य पद के लिए तरस रहा है। जिसकी वजह से शिक्षकों को सही मार्ग दर्शन व शिक्षा देने का बेहतरीन गुर नहीं सिखाया जा रहा है। जिन शिक्षकों पर देश के भावी कर्णधारों को तैयार करने का जिम्मा है। उन्हें ही शासन की मंशा के अनुरूप प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा है। ऐसी दशा में डायट प्रशिक्षण पा रहे शिक्षकों को अधकचरा ज्ञान ही मिल पाता है। यही वजह है कि स्कूल में शिक्षकों का मन बच्चों को पढ़ाने में नहीं लग रहा है। ऐसा नहीं है कि शासन के साथ ही विभाग के उच्चाधिकारियों को यहां पर विभिन्न पदों के रिक्त होने की जानकारी न हो, परंतु हर कोई अपने कान में तेल डाले हुए बैठा हुआ है। किसी को भी शिक्षकों को उचित प्रशिक्षण दिलाने की परवाह नहीं है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में जो भी शिक्षक डायट से प्रशिक्षण लेंगे। उन्हें महज किताबी ज्ञान ही मिल पाएगा। 

ऐसी दशा में किताब ज्ञान पाने वाले शिक्षक समाज से आए हुए बच्चों को सही दिशा निर्देश व ज्ञान कहां से दे पाएंगे। अतरसंड स्थित डायट प्रशिक्षण संस्थान अपनी स्थापना के साथ ही आए दिन किस न किसी बवाल, बदहाली व लूट खशोट के लिए पूरे जनपद में ख्याति प्राप्त कर चुका है। अधिकारियों की चरण वंदना करने वाले कुछ शिक्षक काफी समय से यहां पर तैनात रहकर सभी प्रकार की लूटखशोट करके अपनी तिजोरी का आकार बढ़ाने में लगे हुए हैं। आइए ले चलते हैं आप को यहां पर शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार यहां पर सृजित पदों व यहां पर तैनात सभी पदों के बारे में जानकारी दिलाते हैं। 

सबसे पहले यहां पर डायट प्राचार्य का पद काफी समय से रिक्त रहा है। कुछ समय पहले यहां पर मोहम्मद इब्राहिम को प्रभारी डायट प्राचार्य बनाया गया था। अपनी तैनाती के समय उन्होंन शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देने के नाम पर जमकर धन उगाही की थी। इस मामले में काफी थू-थू होने के बाद शिक्षामित्रों का लिया हुआ पैसा वापस किया गया। वर्तमान समय जिन महोदय को यहां का प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है वह प्राचार्य न होकर सीनियर प्रवक्ता ही है। इसके बाद यहां पर प्रवक्ता के कुल 17 पद सृजित हैं। जिसके सापेक्ष में यहां पर एक भी प्रवक्ता की तैनाती नहीं की गई है। लिपिक पद के लिए यहां पर कुल 9 पद सृजित किए गए हैं। वर्तमान समय में यहां पर एक लिपिक की तैनाती दी गई है। 

सीनियर प्रवक्ता के पद यहां पर तीन है। परंतु यहां पर महज एक सीनियर प्रवक्ता को तैनात कर दिया गया। हद की बात तो यह है कि यहां पर चपरासियों को लिपिक के रूप में काम करता हुआ देखकर आप चौकिए मत। यह तो यहां पर कई साल का खेल है। लिपिक की कमी होने की वजह से यहां पर चपरासियों के बूते ही विभाग का काम कराया जाता है। प्राथमिक विद्यालय के कई शिक्षक अधिकारियों की चरण वंदना करके काफी समय से यहां पर तैनात हैं। जिनके बारे में र्चचा यह है कि नियुक्ति से लेकर हर प्रकार की दलाली में ये लोग पूरे जनपद में ख्याति अर्जित कर चुके हैं। 

पदोंके रिक्त होने की वजह से यहां पर प्रशिक्षण का काम सिर्फ कागजी कोरम को पूरा करने के लिए किया जाता है। शिक्षकों को ट्रेनिंग दे रहे प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक क्या कहते हैं डॉयट प्रभारी इस मामले में डायट प्रभारी बनाए गए सीनियर प्रवक्ता सुनील दत्त का कहना है कि अभी हाल में उन्हें डायट प्राचार्य की जिम्मेदारी दी गई है। शासन स्तर से भर्ती न होने की वजह से शिक्षकों व अन्य पद भरें नहीं जा रहे हैं। जैसे ही शासन स्तर से भर्ती होती है। 

सभी पदों को पूर्ण रूप से भरने का काम किया जाएगा।

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