Tuesday, December 3, 2013

शिक्षा मित्र जहां पढ़ा रहे वहीं बनेंगे शिक्षक : नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव तैयार

  •  टीईटी के विकल्प पर भी हो रहा विचार

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षा मित्रों को उसी स्कूल में शिक्षक बनाने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा नियमावली में इसका प्रावधान किया जा रहा है। रही बात टीईटी की अनिवार्यता की तो इसके विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है, तकि शिक्षा मित्रों के शिक्षक बनने की राह आसान हो सके।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 1.70 लाख शिक्षा मित्र हैं। राज्य सरकार इनको दो वर्षीय पत्राचार बीटीसी का प्रशिक्षण देकर शिक्षक बनाना चाहती है। पहले चरण के शिक्षा मित्रों का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद चौथे सेमेस्टर की परीक्षाएं भी हो चुकी हैं। सरकार के सामने इन शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने की सबसे बड़ी चुनौती है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा 8 तक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। बेसिक शिक्षा निदेशालय ने इसके आधार पर ही नियमावली संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है।
शिक्षा मित्र टीईटी देने को तैयार नहीं है। इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग बीच का रास्ता निकालना चाहता है। इसमें भाषा टीईटी कराई जा सकती है या राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से अनुमति लेकर इन्हें टीईटी में छूट दी जा सकती है। रही बात हाईकोर्ट के आदेश की तो एनसीटीई से अनुमति के बाद राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल करने पर विचार करेगी। पर बेसिक शिक्षा विभाग ने यह तय कर लिया है कि शिक्षा मित्रों को उसी स्कूल में शिक्षक बनाया जाएगा जहां वे मौजूदा समय पढ़ा रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि शिक्षक बनने के बाद ये दूसरे जिलों में स्थानांतरण का दबाव न बनाएं।


See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml

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