Tuesday, November 12, 2013

शिक्षा मित्रों को अध्यापक बनाने के प्रस्ताव में खामियां

 

अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। शिक्षा मित्रों को दो वर्षीय पत्राचार बीटीसी प्रशिक्षण के बाद सहायक अध्यापक बनाने के लिए निदेशालय से भेजे गए निमयावली संशोधन संबंधी प्रस्ताव में कई खामियां हैं। शासन ने निदेशालय से शीघ्र ही इसे संशोधित करते हुए भेजने का निर्देश दिया है। शिक्षा मित्रों को टीईटी से छूट देने या फिर इसके विकल्पों पर भी चर्चा की गई। राज्य सरकार लोकसभा चुनाव को देखते हुए शिक्षा मित्रों के विरोध से बचना चाहती है। सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में इस संबंध में अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया गया।
प्रदेश में करीब 60 हजार शिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इन्हें जनवरी 2014 में अध्यापक बनाया जाना है। शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक बनाने से पहले बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन करते हुए उन्हें शिक्षक बनाए जाने का प्रावधान किया जाना है। बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को इसका प्रस्ताव भेजा था।
सोमवार को चर्चा में नियमावली में कई खामियां मिलीं। लिहाजा निदेशालय से शीघ्र ही संशोधित प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। इसके अलावा शिक्षा मित्रों को टीईटी का विकल्प दिए जाने पर भी विचार हुआ। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद और हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार शिक्षक बनने के लिए टीईटी अनिवार्य है।
समायोजन के लिए भेजा पत्र
अखिल भारतीय अस्थायी अध्यापक संघ ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्र भेजा है। इसमें मानदेय 3500 से बढ़ाकर 5000 रुपये करने की मांग की गई है। संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता कौशल सिंह ने बताया कि मानदेय में वृद्धि के मामले में केंद्र और राज्य सरकार एक-दूसरे पर मामला डालकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
 


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