Thursday, November 7, 2013

कई चुनौतियां होंगी महाधिवक्ता के आगे

आरक्षण से जुड़े मसलों में होगी वीसी मिश्र के अनुभव और क्षमता का आकलन

हरिशंकर मिश्र, इलाहाबाद

प्रदेश के महाधिवक्ता के रूप में वीसी मिश्र की राह काफी कुछ मुश्किलों से भरा हुई है। सरकार को तमाम मामलों में हाईकोर्ट में फजीहत की स्थिति से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में उनके प्रशासनिक अनुभव और क्षमता की कड़ी परीक्षा तय है। हालांकि उन्होंने अधिवक्ताओं का असंतोष दूर करने की बात कहकर शासकीय पैनल में थोड़े-बहुत परिवर्तन के संकेत अभी ही दे दिए हैं।

हाईकोर्ट में कई मामले ऐसे हैं जिनमें कोई भी विपरीत आदेश सरकार के सामने समस्याएं खड़ा कर सकता है। पिछड़ी जातियों को आरक्षण में पर्याप्त प्रतिनिधित्व का मामला तो सीधे सपा के वोट बैंक से ही जुड़ा हुआ है। इसमें सरकार को जवाब दाखिल करना है। इसमें महाधिवक्ता को कड़े इम्तिहान से गुजरना होगा। इसके अलावा 72825 सहायक प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती, आयोग की परीक्षाओं को लेकर दाखिल याचिकाओं में भी कड़ी पैरोकारी की जरूरत है। सबसे अधिक चुनौती सरकारी विभागों से जवाब दाखिल कराने की है। हजारों मामलों में विभागों को जवाब दाखिल करना है लेकिन अधिकारी उदासीनता बरतते आ रहे हैं। इसके लिए उन्हें बाध्य करने के भी कोई उपाय करने होंगे।

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