जागरण
संवाददाता,
सहारनपुर
: राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं
प्रशिक्षण परिषद के निर्देश
के बाद फीस वापस
ले चुके आवेदक
अपनी स्थिति साफ
करने के लिए
पूछताछ में जुट
गए हैं। वर्ष-2011 की प्रक्रिया
में जिला शिक्षा
एवं प्रशिक्षण संस्थान
पटनी में 1.15 लाख
अभ्यर्थियों ने आवेदन
पत्र किए थे।
पहले अभ्यर्थियों को
पांच जिलों में फीस
(500/200 रुपये) के साथ
आवेदन करने की
छूट थी। बाद
में हाईकोर्ट के आदेश
पर एक जिले
में फीस जमा
कराने वाले अभ्यर्थी
को यह छूट
दे
दी गई थी
कि वह ड्राफ्ट
की फोटो कापी
लगाकर अन्य जिलों
में आवेदन कर सकता
था। निर्देश पर
फीस वापसी : राज्य
शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद
द्वारा दिसंबर 2012 में सभी
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण
संस्थानों(डायट)को
भेजे निर्देशों में
कहा गया था
कि वर्ष-2011 के
आवेदकों से प्रत्यावेदन
लेकर उनकी फीस
वापसी सुनिश्चित की
जाए।
डायट
प्राचार्य मंजू सिंह
के मुताबिक संस्थान
को तीन हजार
आवेदनों के साथ मूल ड्राफ्ट
प्राप्त हुए थे।
आवेदकों द्वारा फीस वापसी
को दिए गए प्रत्यावेदनों
के बाद करीब
2600 चेक आवेदकों को वापस
भेजे जा चुके
है।
असमंजस
मे उलझ गए
आवेदक : डायट से
फीस वापस ले
चुके अभ्यर्थी राकेश
कुमार, मयंक, प्रेरणा, विभा असमंजस
में हैं। अपने
आवेदन पत्र की
स्थिति के बारे में ये
अभ्यर्थी विभागीय अधिकारियों से
संपर्क साध रहे
हैं। नहीं होने
देंगे नुकसान : टीइटी उत्तीर्ण संघर्ष
मोर्चा के जिलाध्यक्ष
संजय कुमार का कहना
है कि परिषद
के निर्देश के
बाद ही अभ्यर्थियों
द्वारा फीस वापस ली गई
थी। नियुक्ति प्रक्रिया
में ऐसे अभ्यर्थियों
को बाहर नहीं किया
जा सकता। उनका
कहना था कि
प्रमाणपत्रों के सत्यापन
के दौरान अभ्यर्थियों से पुन:
फीस का ड्राफ्ट
लेकर उन्हें प्रक्रिया
में शामिल किया जाना
चाहिए।
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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