Thursday, October 17, 2013

उत्तर पुस्तिकाओं की ‘रैंडम’ जांच के बाद ही घोषित होगा परिणाम


इलाहाबाद (ब्यूरो) लगातार आरोप-प्रत्यारोप से जूझ रहा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड परीक्षा के दौरान पूरी पारदर्शिता बरतेगा। परीक्षार्थियों की शिकायतों को देखते हुए चयन बोर्ड ने अब ओएमआर के मूल्यांकन में पूरी सतर्कता बरतने का फैसला किया है। चयन बोर्ड ने अब टीजीटी-पीजीटी की परीक्षाओं के ओएमआर का रैंडम मूल्यांकन करने का निर्णय लिया है। चयन बोर्ड का मानना है कि रैंडम मूल्यांकन से कम से कम गलती होने की संभावना रहेगी।

प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक भर्ती करने वाले उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की विश्वसनीयता को लेकर लगातार आरोप से परेशान चयन बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. देवकी नंदन शर्मा ने परीक्षा के बाद ओएमआर की पूरी सुरक्षा करने के बाद अब उसके मूल्यांकन के बाद अपनी निगरानी में छात्रों की उत्तर पुस्तिका (ओएमआर) का रैंडम मूल्यांकन कराने का निश्चय किया है। उन्होंने बताया कि रैंडम मूल्यांकन के दौरान अधिक गलती सामने आने पर सभी ओएमआर का दोबारा मूल्यांकन कराया जाएगा।

प्रो. देवकी नंदन शर्मा ने बताया कि परीक्षा के बाद सभी विषयों में गलत और भ्रम की स्थिति वाले प्रश्नों के बारे में परीक्षार्थियों की आपत्तियां मांगी जाएंगी। इन आपत्तियों के निराकरण के बाद चयन बोर्ड सभी प्रश्नों के सही उत्तर जारी करेगा। मूल्यांकन से पहले ही परीक्षार्थी सही उत्तर से अपने प्रश्नों का मिलान कर अपने सही उत्तरों की जानकारी कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इससे पता चलेगा कि परीक्षार्थी के कितने उत्तर सही हैं। प्रो. शर्मा ने बताया कि इस प्रक्रिया से केवल मूल्यांकन में पारदर्शिता आएगी बल्कि परीक्षार्थियों की शिकायत भी कम हो जाएगी।


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