Tuesday, October 22, 2013

विज्ञान शिक्षकों की सीधी भर्ती, पदोन्नति पर ताला !



कानपुर, शिक्षा संवाददाता : बेसिक शिक्षा परिषद के जूनियर स्कूलों में बिना खास जरूरत के विज्ञान गणित के शिक्षकों की सीधी भर्ती से प्राथमिक में कार्यरत अर्हताधारी शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता बंद हो जाएगा। तमाम शिक्षक एक ही पद पर काम करते हुए सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसे लेकर प्रदेश भर के आक्रोशित शिक्षक न्यायालय जाने की तैयारी में हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद की शिक्षकों की भर्ती नियमावली, शिक्षकों की सेवा शर्ते सुविधाएं तथा शिक्षा अधिकार अधिनियम के तथ्यों को देखें तो फिलहाल विज्ञान गणित के 29 हजार शिक्षकों की सीधी भर्ती से तमाम शिक्षक खुश नहीं हैं।
नियमावली के मुताबिक 50 प्रतिशत पदों पर प्राथमिक के अर्हताधारी शिक्षक पदोन्नति पाकर आते हैं। इस व्यवस्था में भी तमाम शिक्षक पदोन्नति का मुंह देखे बिना सेवानिवृत्त हो जाते थे। ऐसे में सीधी भर्ती से तो किसी को भी ये अवसर मिलने वाला नहीं है। शिक्षा अधिकार अधिनियम में व्यवस्था दी है कि 150 से अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों में भी प्रधानाध्यापक नियुक्त होंगे। प्रदेश के अधिकांश स्कूलों में छात्र संख्या 150 से कम है। इस प्रकार शिक्षकों की प्रधानाध्यापक पदों पर पदोन्नति का रास्ता भी लगभग बंद हो चुका है।
उधर विज्ञान गणित शिक्षकों की कमी होने का सरकारी तथ्य भी समझ से परे है। बीते सालों में विशिष्ट बीटीसी के रास्ते से लगभग एक लाख शिक्षकों की भर्ती हुई इनमें 50 प्रतिशत शिक्षक विज्ञान गणित के हैं। लगभग इतने ही विज्ञान शिक्षक बीटीसी के रास्ते से आए। ये शिक्षक प्राथमिक स्कूलों में काम कर रहे हैं। उन्हें पदोन्नति देकर विज्ञान गणित के खाली पद भरे जा सकते हैं।
प्रदेश में बिना जरूरत 29,334 विज्ञान शिक्षकों की सीधी भर्ती की प्रक्रिया चल रही है जो पहले से कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति के द्वार बंद कर देगी। नियमानुसार पदोन्नति कर दी जाए तो विज्ञान शिक्षकों की जरूरत ही होगी।’ - अभय मिश्र, प्रदेश उपाध्यक्ष
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन
क्या कहता है एक्ट
उप्र., बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में 15 वें संशोधन (2012) में गणित विज्ञान शिक्षकों के 50 प्रतिशत पदों को पदोन्नति से भरने की व्यवस्था है। अभी तक विज्ञान शिक्षक ही गणित पढ़ाता था। शिक्षा अधिकार में व्यवस्था है कि जूनियर स्कूलों में नियुक्त 3 शिक्षकों में एक भाषा, एक सामाजिक अध्ययन तथा एक विज्ञान-गणित होना चाहिए। इस प्रकार यहां भी विज्ञान गणित का एक ही शिक्षक मान्य है। पर अब विज्ञान के लिए अर्हता बीएससी बीएड अथवा बीटीसी तथा गणित के लिए गणित विषय सहित बीएससी अथवा बीए तथा बीएड या बीटीसी कर दी गई है। ऐसे में शिक्षकों की पदोन्नति के बाद ही सीधी भर्ती का विकल्प खोला जाना चाहिए।
 


See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml

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