दो सितंबर से 10 विभागों में ऑनलाइन जारी होने थे शासनादेश
लखनऊ। यह जानकार आप हैरान हो सकते हैं कि जिन 10 विभागों के शासनादेशों को
सरकार आम लोगों को सरकारी वेबसाइट पर पढ़ने और उसके प्रिंट लेने को सुलभ
बता रही है, वह वेबसाइट ही मौजूद नहीं है। पिछले तीन महीने से आम जनता की
सुविधा के लिए ऑनलाइन जीओ जारी करने की व्यवस्था का ढिंढोरा पीटने के बाद
अब पता चला है कि अभी इसकी आंतरिक तैयारी ही चल रही है। आम लोगों के लिए
ऑनलाइन जीओ अभी उपलब्ध नहीं है। दरअसल, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के 2013-14
के विकास एजेंडा में आम जन को आसानी से ऑनलाइन शासनादेश उपलब्ध कराना
शामिल है। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने अफसरों के साथ कई बैठकें की और इसके
लिए तैयार वेबसाइट www.shasanadesh.up.nic.in पर
चरणबद्ध तरीके से ऑनलाइन जीओ जारी करने का आदेश दिया। पहले चरण में दो
सितंबर से 10 विभागों के जीओ आनलाइन जारी किए जाने थे। एक नवंबर से अन्य 25
विभागों को शामिल होना है। एक जनवरी 2014 से सभी विभागों के जीओ ऑनलाइन
करने की योजना है। मुख्य सचिव इस संबंध में शासनादेश जारी कर व्यापक
प्रचार-प्रसार का निर्देश दे चुके हैं। सोमवार को शासन की ओर से दावा किया
गया कि वेबसाइट पर 1091 शासनादेश अपलोड कर दिए गए हैं। आवश्यकता पड़ने पर
कोई भी व्यक्ति संबंधित शासनादेश को इस वेबसाइट पर न सिर्फ पढ़ सकता है
बल्कि इसकी कापी भी प्राप्त कर सकता है।
मगर न सिर्फ यह दावा सवालों के घेरे में है बल्कि मुख्य सचिव का फरमान भी
अब तक हवाहवाई ही साबित हो रहा है। लोग वेबसाइट सर्च कर-कर के परेशान हैं।
वेबसाइट सर्च करने पर जवाब आता है कि यह साइट या तो स्थायी रूप से काम नहीं
कर रही है या किसी नए वेब एड्रेस पर प्रयोग की जा रही है। काफी पड़ताल के
बाद पता चला कि अभी इस वेबसाइट को आम लोगों के लिए सुलभ नहीं कराया जा सका
है। आंतरिक तौर पर अभी इसका ट्रायल व कार्मिकों का प्रशिक्षण ही चल रहा है।
मुख्य सचिव का निर्देश
मुख्य सचिव ने 10 सितंबर को एक शासनादेश जारी कर निर्देश दिया था कि प्रथम
चरण में चयनित विभागों द्वारा शासनादेशों को ऑनलाइन जारी व अपलोड करने की
व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन किया जाए। इसकी नियमित समीक्षा की जाए ताकि
व्यवस्था लागू करने में आने वाले अवरोधों के कारण कोई गतिरोध उत्पन्न न
होने पाए। किसी भी दशा में इन विभागों में कोई भी शासनादेश मैनुअली जारी न
हो व ऐसे किसी प्रकरण के संज्ञान में आने पर दोषी अधिकारी व कर्मचारी का
उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
प्रथम चरण के शासनादेश shasanadesh.up.nic.in पर देखे जा सकते हैं। इन
विभागों में 15 सितंबर के बाद किसी भी शासनादेश को वैध तभी माना जाए जब वह
इस वेबसाइट पर उपलब्ध हो।
विभागों ने मुख्य सचिव के निर्देश के अनुसार वेबसाइट पर ऑनलाइन जीओ जारी
करना शुरू कर दिया है। मगर अभी यह वेबसाइट पब्लिक के लिए ओपन नहीं है। अभी
आंतरिक स्तर पर इस प्रक्रिया का ट्रायल चल रहा है। कई बार इसमें कुछ तकनीकी
दिक्कतें आ रही हैं। इसे दोष रहित बनाने के लिए कार्मिकों को प्रशिक्षण भी
दिया जा रहा है। जल्दी ही इसे आम लोगों के लिए सुलभ कराया जाएगा।
-एसबी सिंह, उप महानिदेशक एनआईसी
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
No comments:
Post a Comment