- बीएसए कार्यालय के साथ साथ डायट, ब्लॉक आफिस के अलावा कई निदेशालय ऐसे हैं, जहां कई सालों से भर्तियां नहीं
- अधिकतर दफ्तरों में शिक्षकों से लिया जा रहा है क्लर्क का काम
लखनऊ।
बेसिक शिक्षा परिषद में करीब 10 साल बाद बाबुओं की भर्ती होगी। इसके लिए
जिलेवार रिक्तियों का ब्यौरा तैयार कराया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी
निदेशालय को दी गई है। खाली पदों का ब्यौरा मिलने के बाद भर्ती प्रक्रिया
शुरू की जाएगी। भर्तियां जिला स्तर पर होंगी। सरकार का मानना है कि किसी भी
विभाग का काम सुचारु रूप से चलाने के लिए कर्मचारियों का होना सबसे अधिक
जरूरी होता है। इसलिए विभागों के रिक्त पदों को शीघ्र ही भरा जाना चाहिए।
उत्तर
प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग का बहुत बड़ा दायरा है। जिले में बेसिक
शिक्षा अधिकारी कार्यालय होने के साथ जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान
(डायट), ब्लॉक आफिस के अलावा कई निदेशालय ऐसे हैं, जहां कई सालों से
भर्तियां नहीं हुई हैं। इसके चलते अधिकतर दफ्तरों में शिक्षकों को बाबू
बनाकर काम चलाया जा रहा है या फिर कार्यदायी संस्था के माध्यम से
कर्मचारियों को रखकर काम चलाया जा रहा है।
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स्थायी
कर्मचारियों के न होने की वजह से किसी की स्पष्ट जवाबदेही नहीं होती है।
यही नहीं कभी-कभार तो स्थिति यह हो जाती है कि निदेशालय या फिर शासन को समय
से सूचनाएं नहीं मिल पाती हैं। इसलिए उच्च स्तर पर यह तय किया गया है कि
लिपिक और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों को भर दिया जाए, ताकि समय से काम हो
सके। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद ब्लॉक संसाधन केंद्र,
बेसिक शिक्षा अधिकारी और निदेशालय का काम काफी बढ़ गया है। भर्तियां हो
जाने के बाद काम में आसानी होगी।
खबर साभार : अमर उजाला
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