2008 और 09 का रिजल्ट घोषित नहीं, हजारों छात्र अनिश्चय में
जाब्यू, इलाहाबाद : आरक्षण की लड़ाई के बीच ही प्रतियोगी छात्रों ने लोअर सबार्डिनेट परीक्षा 2008 और 2009 की परीक्षा परिणाम न घोषित किए जाने को भी मुद्दा बनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए छात्र यूपी लोक सेवा आयोग पर जोरदार प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। इसके साथ ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भी एक याचिका दाखिल करने का फैसला किया गया है।
वैसे तो उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की कई परीक्षाओं का परिणाम लंबित है लेकिन लोअर सबार्डिनेट का परिणाम न घोषित होने से वे अधिक परेशान हैं। प्रदेश में पीसीएस परीक्षा के बाद यह प्रतियोगी छात्रों की सबसे अहम परीक्षा मानी जाती है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के प्रवक्ता अविनाश पांडेय के अनुसार यह दोनों परीक्षाएं पांच साल से चल रही हैं। लोअर 2008 की प्रारंभिक परीक्षा 26 सितंबर 2010 में और मुख्य परीक्षा 15 जनवरी 2012 को हुई थी। इसके बाद लोअर-2009 की प्रारंभिक परीक्षा 2 मई 2009 को और मुख्य परीक्षा 22 जनवरी 2013 को हुई थी। इन दोनों ही वर्षो की मुख्य परीक्षा का परिणाम अब तक नहीं आ सका है। इससे छात्रों में हताशा व्याप्त हो रही है।
उल्लेखनीय है कि आयोग ने लोअर सबार्डिनेट 2010 और 2011 का सत्र शून्य भी घोषित कर दिया है। प्रतियोगियों का कहना है कि यदि इसके पहले के रिजल्ट आ गए होते तो यह परीक्षाएं समय से होतीं और उन्हें एक-दो अवसर और मिल गए होते। अब हजारों छात्र ओवरएज भी हो चुके हैं। इन्हीं मुद्दों को लेकर आयोग पर दबाव बनाने की तैयारी प्रतियोगी छात्र कर रहे हैं। इसको लेकर हाईकोर्ट में प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के सचिव सुधीर सिंह याचिका भी दायर करने जा रहे हैं। याचियों के अधिवक्ता संतोष कुमार श्रीवास्तव के अनुसार मंगलवार या बुधवार तक याचिका दायर कर दी जाएगी।
जाब्यू, इलाहाबाद : आरक्षण की लड़ाई के बीच ही प्रतियोगी छात्रों ने लोअर सबार्डिनेट परीक्षा 2008 और 2009 की परीक्षा परिणाम न घोषित किए जाने को भी मुद्दा बनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए छात्र यूपी लोक सेवा आयोग पर जोरदार प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। इसके साथ ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भी एक याचिका दाखिल करने का फैसला किया गया है।
वैसे तो उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की कई परीक्षाओं का परिणाम लंबित है लेकिन लोअर सबार्डिनेट का परिणाम न घोषित होने से वे अधिक परेशान हैं। प्रदेश में पीसीएस परीक्षा के बाद यह प्रतियोगी छात्रों की सबसे अहम परीक्षा मानी जाती है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के प्रवक्ता अविनाश पांडेय के अनुसार यह दोनों परीक्षाएं पांच साल से चल रही हैं। लोअर 2008 की प्रारंभिक परीक्षा 26 सितंबर 2010 में और मुख्य परीक्षा 15 जनवरी 2012 को हुई थी। इसके बाद लोअर-2009 की प्रारंभिक परीक्षा 2 मई 2009 को और मुख्य परीक्षा 22 जनवरी 2013 को हुई थी। इन दोनों ही वर्षो की मुख्य परीक्षा का परिणाम अब तक नहीं आ सका है। इससे छात्रों में हताशा व्याप्त हो रही है।
उल्लेखनीय है कि आयोग ने लोअर सबार्डिनेट 2010 और 2011 का सत्र शून्य भी घोषित कर दिया है। प्रतियोगियों का कहना है कि यदि इसके पहले के रिजल्ट आ गए होते तो यह परीक्षाएं समय से होतीं और उन्हें एक-दो अवसर और मिल गए होते। अब हजारों छात्र ओवरएज भी हो चुके हैं। इन्हीं मुद्दों को लेकर आयोग पर दबाव बनाने की तैयारी प्रतियोगी छात्र कर रहे हैं। इसको लेकर हाईकोर्ट में प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के सचिव सुधीर सिंह याचिका भी दायर करने जा रहे हैं। याचियों के अधिवक्ता संतोष कुमार श्रीवास्तव के अनुसार मंगलवार या बुधवार तक याचिका दायर कर दी जाएगी।
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