अमर उजाला ब्यूरो
नई
दिल्ली। प्ले स्कूल, नर्सरी में मासूम बच्चों को पढ़ाने के तौर तरीकों पर
निगरानी रखने और उसे बेहतर बनाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय
बाल्यावस्था देखभाल व शिक्षा नीति (ईसीसीई) को मंजूरी दे दी है। सरकार के
निर्णय के मुताबिक ईसीसीई परिषद के जरिए इस नीति को देश के प्रत्येक जिले
में लागू किया जाएगा। जिससे छह साल से कम आयु वाले करीब 16 करोड़ बच्चों के
लाभान्वित होने की संभावना है।
महिला एवं
बाल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परिषद नई नीति के
कार्यान्वयन पर अपनी निगरानी रखेगी। इस नीति को लागू करने के लिए राष्ट्रीय
ईसीसीई परिषद का गठन अधिसूचना जारी होने के तीन माह के अंदर किया जाएगा।
जबकि उनके पाठ्यक्रम का ढांचा तीन से छह माह में तैयार होगा। उन्होंने
बताया कि मंत्रालय की ओर से चलाए जा रहे समेकित बाल विकास योजना (आईसीडीएस)
के तहत इस नीति को पायलट स्तर पर शुरू किया जा चुका है। इसके सकारात्मक
परिणाम देखने के बाद ईसीसीई को देश भर में लागू करने की योजना बनाई गई है।
मंत्रालय
का कहना है कि छह साल तक के बच्चों के विकास, देखभाल और शिक्षा पाठ्यक्रम
की गुणवत्ता मानक विकसित करना जरूरी है। इसलिए जल्द ही राज्यों और संघ
शासित प्रदेशों को यह मानक सौंपा जाएगा। ताकि प्ले स्कूल, नर्सरी और क्रेच
में इसका कार्यान्वयन हो सके। माना जा रहा है कि नई नीति के आने से क्रेच
और नर्सरी में पढ़ाने वाले शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता भी तय की जाएगी।
•राष्ट्रीय बाल्यावस्था देेखभाल व शिक्षा नीति को मिली कैबिनेट की मंजूरी
•बच्चों के पढ़ाने के तौर-तरीकों पर निगरानी रखने के लिए तैयार हुई नीति
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