प्रदेश
के सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता (स्नातक वेतनमान शिक्षक) के
पदों पर अब उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड भर्ती करेगा।
अभी तक कॉलेज प्रबंधन जिला विद्यालय निरीक्षकों से मिलीभगत करके शिक्षकों की भर्ती कर लेता था। सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने इस संबंध में मंगलवार को शासनादेश जारी कर दिया है।
उन्होंने कहा है कि 30 जून 2013 के बाद रिटायर होने वाले शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्तियों के लिए यह व्यवस्था प्रभावी होगी।
राज्य सरकार निजी स्कूलों को अच्छे शिक्षण कार्य के लिए अनुदान पर लेती है। अनुदान पर आने के बाद इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को सरकारी वेतनमान मिलने लगता है।
इसके चलते कॉलेज प्रबंधन शिक्षकों की भर्तियों में खेल करता है। इस पर रोक लगाने के लिए शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया बदल दी गई है।
सचिव माध्यमिक शिक्षा ने कहा है कि सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की रिक्तियों को भरने के लिए विधिक व्यवस्था की गई है।
इसके बाद भी प्रबंधन जान-बूझकर समय से चयन बोर्ड को प्रस्ताव नहीं भेजता है और रिक्तियों पर नियुक्तियां कर वेतन निकालने का प्रयास करता है।
निदेशालय 30 जून 2013 के बाद शिक्षकों के रिटायर होने से खाली पदों का जिलेवार ब्यौरा एकत्र कराकर रखेगा।
इसमें यह भी ब्यौरा होगा कि कितने पदों के लिए बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया तथा बोर्ड कितने पदों को भरने की कार्यवाही कर रहा है।
जिला विद्यालय निरीक्षक जुलाई 2013 के बाद पे बिल पर हस्ताक्षर करने से पहले कॉलेज प्रबंधन से यह प्रमाण पत्र लेंगे कि 30 जून 2013 के बाद शिक्षकों के रिटायर होने से खाली रिक्तियों का प्रस्ताव बोर्ड को भेज दिया गया है और इन पर सीधे नियुक्तियां नहीं की गई हैं।
इसके बाद भी यदि शिक्षकों की भर्तियों की जानकारी मिलती है तो दोषी जिला विद्यालय निरीक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
News Sabhaar : amarujala.com (14 अगस्त 2013)
For more news visit: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
अभी तक कॉलेज प्रबंधन जिला विद्यालय निरीक्षकों से मिलीभगत करके शिक्षकों की भर्ती कर लेता था। सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने इस संबंध में मंगलवार को शासनादेश जारी कर दिया है।
उन्होंने कहा है कि 30 जून 2013 के बाद रिटायर होने वाले शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्तियों के लिए यह व्यवस्था प्रभावी होगी।
राज्य सरकार निजी स्कूलों को अच्छे शिक्षण कार्य के लिए अनुदान पर लेती है। अनुदान पर आने के बाद इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को सरकारी वेतनमान मिलने लगता है।
इसके चलते कॉलेज प्रबंधन शिक्षकों की भर्तियों में खेल करता है। इस पर रोक लगाने के लिए शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया बदल दी गई है।
सचिव माध्यमिक शिक्षा ने कहा है कि सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की रिक्तियों को भरने के लिए विधिक व्यवस्था की गई है।
इसके बाद भी प्रबंधन जान-बूझकर समय से चयन बोर्ड को प्रस्ताव नहीं भेजता है और रिक्तियों पर नियुक्तियां कर वेतन निकालने का प्रयास करता है।
निदेशालय 30 जून 2013 के बाद शिक्षकों के रिटायर होने से खाली पदों का जिलेवार ब्यौरा एकत्र कराकर रखेगा।
इसमें यह भी ब्यौरा होगा कि कितने पदों के लिए बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया तथा बोर्ड कितने पदों को भरने की कार्यवाही कर रहा है।
जिला विद्यालय निरीक्षक जुलाई 2013 के बाद पे बिल पर हस्ताक्षर करने से पहले कॉलेज प्रबंधन से यह प्रमाण पत्र लेंगे कि 30 जून 2013 के बाद शिक्षकों के रिटायर होने से खाली रिक्तियों का प्रस्ताव बोर्ड को भेज दिया गया है और इन पर सीधे नियुक्तियां नहीं की गई हैं।
इसके बाद भी यदि शिक्षकों की भर्तियों की जानकारी मिलती है तो दोषी जिला विद्यालय निरीक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
News Sabhaar : amarujala.com (14 अगस्त 2013)
For more news visit: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
Vidmate software
ReplyDelete