दरोगाओं की कमी को दूर करने के लिए पुलिस विभाग अब उनकी भर्ती की पुरानी प्रक्रिया को रद्द कर नई प्रक्रिया अपनाएगा।
डीजीपी देवराज नागर ने मातहत अधिकारियों को इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नियमों को सरलतम बनाने को कहा है।
इसमें यह भी कहा गया है कि 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती की जाएगी और बाकी पदों को वरिष्ठता के हिसाब से भरा जाएगा।
पूर्ववर्ती बसपा सरकार के दौरान दीवान से दरोगा बनाने की प्रक्रिया को खासा जटिल करने के साथ ही सीधी भर्ती के नियमों को भी कठिन बना दिया गया था। इसे लेकर कई अभ्यर्थी अदालत चले गए थे।
रैंकर दरोगा भर्ती में नियमों में बार-बार संशोधन की वजह से भर्ती प्रक्रिया पूरी होने और उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद भी अदालत ने अमल पर रोक लगा दी थी।
बसपा सरकार में यह परीक्षा 5200 पदों के लिए हुई थी, जिनमें लगभग 3200 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे।
भर्ती बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि बसपा सरकार के दौरान भर्ती प्रक्रिया इतने अधिक चरणों में कर दी गई थी कि इसमें कई महीने लग जाते।
नए प्रस्तावों के बाद पूरी प्रक्रिया अधिकतम तीन माह में सिमट जाएगी। वहीं अब ग्रुप डिस्कशन समेत कई बाध्यताओं को खत्म किया जा रहा है।
अब सीधी भर्ती और वरिष्ठता को ही आधार बनाया जाएगा। सीधी भर्ती में दौड़ की व परीक्षा में पूर्व में जोड़ी गई विभिन्न बाध्यताओं को समाप्त किया जाएगा।
ऐसे ही सीधी भर्ती से भरे जाने वाले दरोगा के चार हजार से अधिक पदों के लिए 2011 में हुई परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी।
अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि नियमों में मनमाने संशोधन कर परीक्षा नहीं कराई जा सकती है।
डीजीपी ने इस मामले में भी पुरानी प्रक्रिया को रद्द करते हुए नए सिरे से सरल प्रक्रिया अपनाते हुए परीक्षा कराने का प्रस्ताव तैयार करने को कहा है
डीजीपी देवराज नागर ने मातहत अधिकारियों को इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नियमों को सरलतम बनाने को कहा है।
इसमें यह भी कहा गया है कि 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती की जाएगी और बाकी पदों को वरिष्ठता के हिसाब से भरा जाएगा।
पूर्ववर्ती बसपा सरकार के दौरान दीवान से दरोगा बनाने की प्रक्रिया को खासा जटिल करने के साथ ही सीधी भर्ती के नियमों को भी कठिन बना दिया गया था। इसे लेकर कई अभ्यर्थी अदालत चले गए थे।
रैंकर दरोगा भर्ती में नियमों में बार-बार संशोधन की वजह से भर्ती प्रक्रिया पूरी होने और उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद भी अदालत ने अमल पर रोक लगा दी थी।
बसपा सरकार में यह परीक्षा 5200 पदों के लिए हुई थी, जिनमें लगभग 3200 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे।
भर्ती बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि बसपा सरकार के दौरान भर्ती प्रक्रिया इतने अधिक चरणों में कर दी गई थी कि इसमें कई महीने लग जाते।
नए प्रस्तावों के बाद पूरी प्रक्रिया अधिकतम तीन माह में सिमट जाएगी। वहीं अब ग्रुप डिस्कशन समेत कई बाध्यताओं को खत्म किया जा रहा है।
अब सीधी भर्ती और वरिष्ठता को ही आधार बनाया जाएगा। सीधी भर्ती में दौड़ की व परीक्षा में पूर्व में जोड़ी गई विभिन्न बाध्यताओं को समाप्त किया जाएगा।
ऐसे ही सीधी भर्ती से भरे जाने वाले दरोगा के चार हजार से अधिक पदों के लिए 2011 में हुई परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी।
अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि नियमों में मनमाने संशोधन कर परीक्षा नहीं कराई जा सकती है।
डीजीपी ने इस मामले में भी पुरानी प्रक्रिया को रद्द करते हुए नए सिरे से सरल प्रक्रिया अपनाते हुए परीक्षा कराने का प्रस्ताव तैयार करने को कहा है
News Sabhaar : Amar Ujala ( 15.8.13)
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