लखनऊ
(ब्यूरो)। राजकीय विभागों के संविदा कर्मियों को संबंधित पद का वेतनमान,
ग्रेड पे, राज्यकर्मियों की तरह महंगाई भत्ता, आकस्मिक व प्रसूति अवकाश दिए
जाने संबंधी शासनादेश जारी कर दिया गया है। हालांकिसरकार के इस फैसले का
लाभ उन संविदा कर्मियों को नहीं मिलेगा जिनकी नियुक्ति पारदर्शी तरीके से
नहीं की गई है। इसी तरह का लाभ मानदेय एवं नियत वेतन, स्वशासी संस्थाओं और
सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के संविदा कर्मियों को भी मिलेगा। इसके लिए
संबंधित विभागों को अलग से प्रक्रिया अपनाने के लिए निर्देशित कर दिया गया
है। इसके अलावा नियमित पदों के विरुद्ध संविदा पर की जाने वाली
नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई है। अपरिहार्य परिस्थिति में मुख्यमंत्री से
अनुमति लेकर ही संविदा पर नियुक्ति की जा सकेगी।
सीएम की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने गत 20 अगस्त को राजकीय विभागों में
कार्यरत संविदा कर्मियों को उस पद का वेतनमान व ग्रेड पे देने का फैसला
किया था जिस पर वे कार्यरत हैं। वेतन समिति 2008 द्वारा मानदेय, नियत वेतन
और संविदा कर्मचारियों के संबंध में की गई सिफारिशों पर मंत्रिपरिषद द्वारा
लिए गए निर्णय का हवाला देते हुए सचिव वित्त अजय अग्रवाल ने शुक्रवार को
विस्तृत शासनादेश जारी कर दिया।
अल्पसंख्यकों के लिए यहां भी अलग से सौगात
शासन
ने संविदा कर्मियों के संबंध में लिए गए इस निर्णय का फायदा अल्पसंख्यक
कल्याण विभाग में सहायता प्राप्त मदरसा मिनी आईटीआई के मुख्य अनुदेशकों,
अनुदेशकों, लिपिक सह स्टोर कीपरों व प्रयोगशाला परिचरों को भी देने का
फैसला किया है। हालांकि आम संविदाकर्मियों की तरह इनके लिए भी स्पष्ट किया
गया है कि इन्हें भी ये लाभ तभी मिलेंगे जब वे व्यावसायिक शिक्षा विभाग की
संस्थाओं में संबंधित पदों पर सीधी भर्ती के लिए निर्धारित अर्हता रखते
हों और उनकी नियुक्ति विज्ञापन के जरिए पारदर्शी तरीके से की गई हो।
हालांकि यहां एक विशेष प्रावधान भी जोड़ा गया है कि यदि ये कर्मी यह शर्त
पूरी नहीं करते हैं तो अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रस्ताव के अनुसार इनका
मानदेय दोगुना कर दिया जाए।
•राज्यकर्मियों की तरह भत्ता और प्रसूति अवकाश देने का शासनादेश जारी किया
For more news visit: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
No comments:
Post a Comment