Monday, November 25, 2013

आश्रम पद्धति स्कूलों में भी टीईटी पास ही होंगे शिक्ष्‍ाक



समाज कल्याण विभाग शिक्षकों की नई भर्ती में टीईटी करेगा अनिवार्य

लखनऊ (ब्यूरो) समाज कल्याण विभाग से संचालित आश्रम पद्धति स्कूलों में भी टीईटी पास ही शिक्षक रखे जाएंगे। सीनियर अफसरों की बैठक में इस संबंध में सहमति लगभग बन गई है। जल्द ही इस बाबत निर्देश जारी किए जा सकते हैं। अभी इन स्कूलों में बिना टीईटी पास शिक्षकों को ही रखा जा रहा है।
आरटीई लागू होने के बाद कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षक रखने के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। पर आश्रम पद्धति के स्कूलों में अभी बिना टीईटी पास शिक्षक ही रखे जा रहे हैं। बैठक में प्रमुख सचिव ने अफसरों को निर्देश दिया कि आश्रम पद्धति के स्कूलों में कक्षा 8 तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए टीईटी पास शिक्षक ही रखे जाएं। भविष्य में भर्ती संबंधी जो भी विज्ञापन निकाला जाए, उसमें टीईटी की अनिवार्यता जोड़ी जाए। इसके अलावा इंटर में पढ़ने वाले छात्रों को कोचिंग देने की व्यवस्था की जाए, ताकि वे पास होने के बाद इंजीनियरिंग या फिर अन्य कोर्सों की तैयारी कर सकें।
 


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भर्ती से पहले पुलिस से लेने होंगे टीईटी के रिकार्ड



 इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता। स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती का रास्ता हाईकोर्ट से साफ होने के बाद अब अभ्यर्थियों को सरकार के अगले कदम का इंतजार है। यदि सरकार नियुक्ति शुरू करती है तो बेसिक शिक्षा परिषद को पहले रमाबाईनगर पुलिस से टीईटी के रिकार्ड लेने होंगे। दरअसल 8 फरवरी 2012 को टीईटी में कथित फर्जीवाड़े के आरोप में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने टीईटी से जुड़े सारे दस्तावेज सीज कर लिए थे।
जिस कम्प्यूटर फर्म ने रिजल्ट बनाए थे पुलिस ने वहां के कम्प्यूटर से हार्डडिस्क तक नोंच ली थी। अब सवाल यह है कि यदि भर्ती हो भी जाए तो 2011 में टीईटी पास अभ्यर्थियों के मार्कशीट का सत्यापन कैसे होगा। बता दें कि जब पुलिस ने भर्ती से जुड़े दस्तावेज सीज किए थे तब तक टीआर (टैबुलेशन रजिस्टर) तैयार नहीं हुआ था। टीआर ही किसी भी रिजल्ट का मूल रिकार्ड होता है। इसी के आधार पर मार्कशीट का मिलान किया जाता है। यह टीआर अब तो यूपी बोर्ड के पास मौजूद है और ही बेसिक शिक्षा विभाग के पास। रिकार्ड होने के कारण ही यूपी बोर्ड टीईटी-2011 की मार्कशीट में संशोधन नहीं कर पा रहा है। शिक्षक भर्ती शुरू होने पर यदि कोई अभ्यर्थी फर्जी मार्कशीट लगा दे तो बेसिक शिक्षा विभाग के पास कोई रिकार्ड नहीं है जिससे इसका मिलान कर सके। ऐसे में अगर शिक्षकों की नियुक्ति कर भी दी जाती है तो उनका वेतन मार्कशीट के सत्यापन के अभाव में अटका रहेगा। बनी थी टीईटी 2011 की फर्जी वेबसाइट टीईटी 2011 के मूल रिकार्ड इसलिए भी जरूरी हैं क्योंकि दो साल पहले फर्जी वेबसाइट का मामला प्रकाश में आया था। कुछ अराजक तत्वों ने टीईटी 2011 की वेबसाइट के हूबहू वेबसाइट तैयार कर असफल अभ्यर्थियों से लाखों रुपए ऐंठ लिए थे। फर्जी वेबसाइट से पास की मार्कशीट लेकर कुछ अभ्यर्थी यूपी बोर्ड पहुंचे तो खुलासा हुआ। मीडिया में बात उछलने के बाद फर्जी वेबसाइट बंद हो गई। हालांकि इसे बनाने वालों का कोई सुराग नहीं लगा था।


Source: Hindustan Allahabad...

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72825 Teacher Recruitment / Allahabad Highcourt : After Final Decision of Allahabad

72825 Teacher Recruitment / Allahabad Highcourt : After Final Decision of Allahabad Highcourt  : बेहतर होगी टी ई टी अंकों से चयन की प्रक्रिया


जब इसी टी ई टी परीक्षा के पात्रता सर्टिफिकेट को सही मानकर अन्य भर्तियां हो सकती हैं तो 72825 क्यूँ नहीं
या तो सर्टिफिकेट गलत है या सही
और इस सब में अभ्यर्थीयों का क्या दोष ?
डेटा संभालकर रखने कि जिम्मेदारी संभंधित विभाग  की है न की अभ्यर्थियों की ।
सी टी ई टी भी कई बार परीक्षायें आयोजित कर चुका है

इसी टी ई टी परीक्षा  के परिणाम की कई बार जांच हुई , कई बार परिणाम बदले और ध्यान से देखा जाये तो यह परीक्षा के परिणाम की सुचिता को और मजबूत करता है व् बेहतर सेलेक्शन प्रदान करता है -
कारण :
१. जब पहली बार परिणाम आया (मान लीजिये उसमें अभ्यर्थीयों को अंक इस प्रकार मिले : A को 120 , B को 87, B सामान्य श्रेणी का है और वह  फेल है  )
कुछ समय बाद कुछ अभ्यर्थीयों ने आपत्तियां जाहिर की - कि परीक्षा के कुछ प्रश्न गलत हैं , इस आपत्ति का निराकरण करते हुए
सभी को गलत प्रश्नो का फायदा देते हुए सभी के मार्क्स बढ़ा  दिए
अब देखिये क्या होता है
२. मान लीजिये कि अब A और B दोनों को 4 नंबर का फायदा हो जाता है
और A के मार्क्स 124 हो जाते हैं व बी के 91
अब B पात्र न होते हुए भी गलत प्रश्नो के फायदे से पात्र (टी ई टी परीक्षा पास )  हो जाता है
अब मान लीजिये चयन का आधार बदल जाता है और भर्ती अकादमिक अंको से हो रही होती है :
३.  मान लीजिये कि  A  के अकादमिक में 65 गुणांक है और B का 66 , और नए तरह से भर्ती होने से B को पूर्णता फायदा हो रहा है , परीक्षा में अपात्र होते हुए भी किसी किस्मत से पात्र हो जाता है और चयन में भी A को पीछे छोड़ देता है ,
वहीं A नुक्सान में है

लेकिन अगर चयन पूर्व निर्धारित टी ई टी परीक्षा के अंको से होता है तो दोनों के ऊपर कोई प्रभाव नहीं पडेगा , क्यूंकि मेरिट में दोनों कि रेंक सामान है ।

इस परीक्षा में ३ नक़ल  बनी थी , डेटा कम्प्यूटराइजड हुआ था , सभी अभ्यर्थीयों ने अपने व अगल बगल के , दोस्तों, रिश्तेदारों के परिणाम देखे थे ।
नक़ल वगेरह कि ख़बरें भी नहीं आयी , टी ई टी  परीक्षा के परिणाम की कई बार जाँच हुई

जबकि आजकल सामान्य बोर्ड परीक्षाओं में चिट से नक़ल आदि कि खूब घटनाएं होती हैं, मेनेजमेंट कॉलेज में इंटरनल परीक्षाओं में खूब नंबर मिलते हैं
प्रोफेशनल कोर्सेस में परसेंटज , डिविसन का फॉर्मूला भी अलग अलग है जबकि सामान्य डिग्री में तीनो साल के एवरेज अंक दिए जाते हैं 
मैंने हाल ही में  देखा कि कुछ संस्थान / विभाग अपनी भारतीयों में इन प्रोफेसनल कोर्सेस (B.E ) के चारों साल के अंक का औसत मार्क्स लेते हैं जबकि इनकी वास्तविक पर्सेंटेज अलग होती है (अंतिम साल के अंक को ज्यादा वेटेज और पहले साल के अंकों को कम वेटेज आदि )
अलग अलग बोर्ड्स की मार्किंग भी अलग अलग होती है ।

हालाँकि किसी भी भर्ती में विभाग का अपना क्राइटेरिया होता है और अगर कहीं मामला उलझता है तो न्यायलय का कार्य है कि कैसे मामला सुलझे और
सभी को न्यायलय कि भूमिका को समझना चाहिए ।


See NCTE Notification / NCTE kee Adhisuchna :
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कुछ लोग कहते हैं की टीईटी सिर्फ पात्रता परीक्षा है चयन का आधार नहीं , लेकिन देखीये एन सी टी ई  ने अपने नियमों में स्पष्ट कहा है की -
टीईटी मार्क्स को भर्ती प्रक्रिया में महत्व (वेटेज ) दिया जाये और शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी  क्वालीफाई होना जरूरी है , इसका मतलब -
ये सिर्फ पात्रता परीक्षा नहीं है , चयन का एक आधार भी देती है 
(specified clearly weightage of TET marks in selection , See pt No. 9(b))
साथ ही ये भी नहीं कहती की इसके (टीईटी मार्क्स ) मार्क्स का कितना वेटेज , चयन के लिए उपयोग में लिया जाये | अभी हाल ही में केवीएस ने अपने सेलेक्सन में टीईटी मार्क्स  को कट - ऑफ़ में लिया |
एसएसए चंडीगढ़ ने ५० प्रतिशत टीईटी मार्क्स को  सेलेक्सन में  वेटेज दिया , राजस्थान ग्रेड थ्री अध्यापक के चयन में २० प्रतिशत टीईटी मार्क्स  के  वेटेज को लिया जा रहा है ( http://exam.rajpanchayat.gov.in/files/01.पीडीऍफ़ , पड़ें 15. चयन का आधार )
पर उत्तर प्रदेश में कई लोग टीईटी परीक्षा को पात्रता परीक्षा  बताते हैं 
पूर्व में कई बार खबर आयी  (एल टी ग्रेड टीचर सेलेक्सन , बी टी सी चयन आदि ) की उत्तर प्रदेश में यु पी बोर्ड के लोग पिछड़  जाते हैं और कुछ घोठाले भी उजागर हुए हैं ( सम्पूर्णानन्द यूनीवर्सिटी आदि द्वारा और अदालत ने इस पर तल्ख़ टिप्पणी भी की है ) देखीये -
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अगर टी ई टी सिर्फ पात्रता का आधार है तो क्यों कहा गया है की अंकों के सुधार हेतु आप सी टी ई टी / टी ई टी परीक्षा में दोबारा से बेठ सकते हैं |
जब एक बार परीक्षा उत्तीर्ण  करके पात्र हो गए तो दोबारा से परीक्षा में बेठने का क्या लाभ |
See :  A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her score (Pt. No. 11)


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Allahabad High court ke Final Decision (20 Nov. 2011) Mein Yah Baat Kahee Gayee Hai :-

While deciding the Issue No.3 we have already held that the guidelines dated 11.2.2011, issued by the National Council for Teacher Education require the State to give weightage of the marks obtained in the 'Teacher Eligibility Test' Examination -2011 in appointment on the post of Teachers. The guidelines dated 11.2.2011 issued by the National Council for Teacher Education have been held to be binding. A Full Bench of this Court in Shiv Kumar Sharma (Supra) in paragraph 88 (as quoted above) has already laid down that the State Government has to give weightage to the marks of the Teacher Eligibility Test in the recruitment process. In view of the binding nature of the guidelines dated 11.2.2011, issued by the National Council for Teacher Education and the decision of the Full Bench of this Court in Shiv Kumar Sharma's case (Supra) the State Government could not have taken any decision to ignore the weightage of the marks of the Teacher Eligibility Test Examination-2011.
Jo KI Triple Bench (Full Bench) ke TET Marks ko ignore na karne ke Saath Kahee Gayee Hai
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आज कि न्यूज़ देखकर एक ईमानदार टी ई टी अभ्यर्थी की और से मुझे बहुत दुःख हुआ कि उसका क्या कसूर :-



See news :





आसान नहीं होगी टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती
मिले अंकों का मिलान करना होगी बड़ी चुनौती, परीक्षा की पारदर्शिता भी संदेह के घेरे में

शैलेंद्र श्रीवास्तव
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में टीईटी मेरिट के आधार पर शिक्षक बनने की राह युवाओं को जितनी आसान लग रही है, उतनी दिख नहीं रही। इसमें विभागीय अधिकारियों के सामने कई चुनौतियां होंगी। सबसे बड़ी चुनौती टीईटी में मिले अंकों का मिलान करना होगा। वजह, माध्यमिक शिक्षा परिषद ने वर्ष 2011 में आयोजित टीईटी का रिजल्ट जारी होने के बाद 5,49,724 अभ्यर्थियों के अंकों में फेरबदल किया था। ऐसे में यह पता लगाने में जरूर कठिनाई आएगी कि कितनों के अंक सही बढ़ाए गए थे व कितनों के गलत, क्योंकि अंक बढ़ाने के घोटाले के आरोप में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक को गिरफ्तार किया गया था।
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता स्नातक व बीटीसी है, पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने परिषदीय स्कूलों में बीएड वालों को टीईटी पास करने पर ही शिक्षक रखने की अनुमति राज्यों को दी थी। उत्तर प्रदेश में नवंबर 2011 में टीईटी आयोजित करते हुए रिजल्ट जारी किया गया। हाईकोर्ट के आदेश पर अंक संशोधन के लिए अभ्यर्थियों से आवेदन लिए गए और 5,49,742 के अंकों में बदलाव हुए। कुछ के अंक बढ़ाए गए तो कुछ के कम हो गए।
अंक बढ़ाने के नाम पर हुई धांधली के आरोप में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक को गिरफ्तार कर लिया गया था। टीईटी में धांधली और विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के चलते उस समय शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। सत्ता बदलने के साथ ही शिक्षक भर्ती का मानक टीईटी मेरिट के स्थान पर शैक्षिक मेरिट कर दिया गया और इसके आधार पर आवेदन लिए गए। हाईकोर्ट ने अब पुन: टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती का आदेश दिया है।
विभागीय जानकारों की मानें तो टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती में कई पेंच हैं। टीईटी में धांधली के दौरान कुल कितने अभ्यर्थियों के अंक बढ़ाए गए, अभी तक इसकी जांच नहीं हुई है। इसके अलावा परीक्षा की पारदर्शिता भी संदेह के घेरे में है। वर्ष 2011 की टीईटी में जहां बंपर युवा पास हुए, वहीं टीईटी 2013 में रिजल्ट का प्रतिशत काफी कम रहा। यह भी संदेह पैदा करता है। टीईटी मेरिट के आधार पर यदि शिक्षकों की भर्ती हुई तो इसके प्रमाण पत्रों के मिलान में भी दिक्कत आ सकती है। वजह, धांधली के दौरान कुछ दस्तावेज इधर-उधर होना स्वाभाविक है।
संशोधन के दौरान 5,49,724 अभ्यर्थियों के अंकों में किया गया था बदलाव
एनसीटीई की अधिसूचना
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 23 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य होगी। इसमें कहा गया है कि टीईटी पात्रता परीक्षा है न कि अर्हता परीक्षा

News Source / Sabhaar : Amar Ujala (24.11.13)
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Aaj Bahut se TET Merit Holders ko Amar Ujala ki Is Baat Se Dukh Huaa :

एनसीटीई की अधिसूचना
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 23 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य होगी। इसमें कहा गया है कि टीईटी पात्रता परीक्षा है न कि अर्हता परीक्षा



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देशभर में अगले साल से चलेंगे प्लास्टिक के नोट

rupee नई दिल्ली: नकली नोटों के चलन को रोकने में अभी तक असफल रहने के बाद सरकार अब आखरी दांव खेलने को तैयार है। यह दांव प्लास्टिक नोटों के तौर पर होगा जिसे देशभर में उतारने की तैयारियां लगभग अंतिम चरण में हैं। देश के पांच शहरों में कुछ महीने पहले ही प्रायोगिक तौर पर प्लास्टिक नोटों का प्रचलन शुरू किया गया है। अभी तक के अनुभव से उत्साहित रिजर्व बैंक अगले वर्ष पूरे देश की जनता जनता के हाथों में प्लास्टिक नोट देने जा रहा है।
  
पिछले तीन-चार वर्षो से देश में प्लास्टिक नोट उतारने की तैयारियों में जुटे रिजंर्व बैंक पर वित्त मंत्रालय का भी जबरदस्त दबाव है कि वह अब इसमें ज्यादा देरी नहीं करे। प्लास्टिक नोटों का प्रचलन वास्तविक तौर पर देश के चयनित पांच शहरों में शुरू करने का अनुभव काफी अच्छा रहा है। पिछले कुछ महीनों से जयपुर, शिमला, भुवनेश्वर, मैसूर और कोचीन में प्रायोगिक तौर पर प्लास्टिक नोट प्रचलन में हैं। अभी तक के आकलन के मुताबिक रिजर्व बैंक का यह यकीन और पुख्ता हुआ है कि इसका नकल करना काफी मुश्किल होगा। साथ ही नए नोट छापने की लागत भी कम होगी।
वित्त मंत्रालय भी प्लास्टिक नोटों के प्रचलन पर करीबी निगाह रखे हुए है। देशभर में इसे एक साथ उतारने के लिए मंत्रालय अतिरिक्त संसाधन भी उपलब्ध कराने को तैयार है। उसका मानना है कि देश में नकली नोटों की समस्या को प्लास्टिक नोट बहुत हद तक खत्म कर सकेंगे। दरअसल, सरकार को आशंका है कि आगामी आम चुनाव से पहले देश में पड़ोसी राज्यों की तरफ से फिर बड़े पैमाने पर नकली नोटों का खेप देश में भेजा जा सकता है। यह भी एक वजह है कि वित्त मंत्रालय प्लास्टिक नोटों को जल्दी प्रचलन में लाना चाहता है।
आरबीआइ के आंकड़ों के मुताबिक देश में हर वर्ष लगभग दो लाख करोड़ रुपये के नए नोट छापते हैं। लगभग 20 फीसद नोट सड़ने, गलने या फटने की वजह से हर वर्ष प्रचलन से बाहर किए जाते हैं।

Saturday, November 23, 2013

उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों की हड़ताल खत्म

 STRIKEलखनऊ। हड़ताली राज्य कर्मचारियों ने शुक्रवार को हड़ताल स्थगित करने का एलान कर दिया। सरकार ने हड़तालियों की 21 में चार मांगे मान लीं है। तीन दिसंबर तक संबंधित शासनादेश जारी किए जाने का अद्वासन भी दिया गया है। उप्र कर्मचारी अधिकार मंच के अध्यक्ष मंडल हरि किशोर तिवारी और अजय सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश के सम्मान में हड़ताल स्थगित की गई है।
इस मामले में हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में शुक्रवार को सरकार की ओर से प्रस्तुत किए गए शपथ पत्र के आधार पर कर्मचारियों ने यह कदम उठाया है। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि हड़तालियों पर सरकार किसी तरह के उत्पीड़न की कार्रवाई नहीं करेगी। हड़ताल अवधि का वेतन अर्जित अवकाश से समायोजित किया जाएगा। इससे पूर्व हड़ताल के कारण ग्यारहवें दिन दफ्तारों में ताले झूलते रहे। कर्मचारियों ने रोज की तरह कामकाज ठप रखा।
  
मांगें जो सरकार ने मान लीं : सचिवालय कर्मियों की तरह राज्य कर्मचारियों को भी एसजीपीजीआई, चिकित्सा विवि और महाविद्यालयों सहित सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। 2003 से बाधित राजस्व संग्रह अमीन संवर्ग को पदोन्नति देने का अधिकार नायब तहसीलदार को दे दिया गया है। लिपिक संवर्ग के कर्मियों की पदोन्नति में अर्हकारी सेवा अवधि को समाप्त कर दिया गया है। ग्राम पंचायत सफाई कर्मचारियों को प्रधानों से मुक्त कर दिया गया है। इनकी सेवा नियमावली अलग से बनाई जाएगी।


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बोर्ड ने शुरू की सिपाही भर्ती परीक्षा की तैयारी

police bhartiलखनऊ प्रदेश में सिपाही भर्ती प्रारंभिक परीक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस प्रोन्नति एवं भर्ती बोर्ड सजग है। पहले एक बार स्थगित हो चुकी यह परीक्षा अब 15 दिसंबर को आयोजित की गई है। इसके लिए भर्ती बोर्ड ने तैयारी शुरू कर दी है। परीक्षा में करीब 20 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे।
सूबे के करीब चार हजार केंद्रों पर आयोजित होने वाली इस परीक्षा के लिए पूर्व में निर्गत प्रवेश पत्र मान्य होंगे। सिर्फ उन अभ्यर्थियों को नये प्रवेश पत्र की जरूरत होगी, जिनके केंद्र बदले गये हैं। उल्लेखनीय है कि 41600 पदों पर सिपाही भर्ती के लिए पहले 27 अक्टूबर को परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन भर्ती बोर्ड ने यह परीक्षा स्थगित कर दी। तर्क दिया कि वाहन दुर्घटना में प्रश्नपत्र क्षतिग्रस्त हो गए हैं। फिर 15 दिसंबर की तारीख रखी गई। इसके बाद अपर सचिव भर्ती बोर्ड एवं परीक्षा नियंत्रक ने यह सूचना दी कि सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक 15 दिसंबर को भर्ती परीक्षा होगी। इस दौरान 15 दिसंबर की तारीख को लेकर कुछ विद्यालयों ने अपने कैंपस में परीक्षा की संस्तुति देने से मना कर दिया। इसके एवज में दूसरे विद्यालयों की खोज की गई। अब बदले गए विद्यालयों के अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र भी बदल जाएंगे।


टीईटी आवेदकों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैविएट

इलाहाबाद। हाईकोर्ट द्वारा परिषदीय विद्यालयों में 72825 पदों पर टीईटी मेरिट से भर्ती के निर्णय के बाद टीईटी पास आवेदकों ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दिया है। यानी प्रदेश सरकार शिक्षक भर्ती के मामले में अगर सुप्रीम कोर्ट जाती है तो इससे पहले उसे याचिका कर्ताओं को इसकी सूचना देनी होगी। कैविएट शिवकुमार पाठक और संजीव मिश्रा की ओर से दाखिल की गई है।
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बताया कि लाखों आवेदकों का इंतजार दो साल बाद खत्म हुआ है। अब नहीं चाहते हैं कि नौकरी मिलने में किसी भी तरह की दिक्कत आए। बुधवार को हाईकोर्ट द्वारा टीईटी मेरिट के आधार पर भर्ती देने के फैसले के बाद ही आवेदकों ने निर्णय ले लिया था कि सुप्रीम कोर्ट के कैविएट दाखिल किया जाएगा। परिषदीय विद्यालयों में 72825 पदों की भर्ती के लिए ढाई लाख से अधिक आवेदक हैं, जिन्हें नौकरी का इंतजार है।

खबर साभार : अमर उजाला


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