Wednesday, August 14, 2013

Motilal Nehru National Institute of Technology Allahabad , Last Date:30.08.2013


Motilal Nehru National Institute of Technology Allahabad 
Allahabad-211004 [India]


Advertisement No. 09 /2013, dated July 31, 2013 

Recruitment for the posts of Librarian/ Senior Medical Officer/ Medical Officers and 
Assistant Registrars 

Motilal Nehru National Institute of Technology Allahabad invites applications from Indian nationals 
for the posts of Librarian   [01 post]/Senior Medical Officer [01 post]/ Medical Officers [02 Posts]/ 
Assistant Registrars [06 Posts {UR: 05, OBC (Non-Creamy layer): 01}] for appointment on regular 
/deputation/contract basis.


Applications alongwith all its enclosures must reach the following address latest by 30.08.2013 
upto 5.30 P.M.



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Janakalyan Sahakari Bank Ltd.

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Janakalyan Sahakari Bank Ltd.


Vivek Darshan, 140, Sindhi Society, Chembur, Mumbai - 400 071. India. 
Tel: 91-22-2522 2582 | Fax: 91-22-2523 0266 | E-mail: jksbl@jksbl.com


Janakalyan Sahakari Bank Ltd., a leading Co-operative Bank, professionally 
managed and technology savvy, invites application for the posts of – 

1 - Branch Managers
2 - Asst. General Manager/Chief Manager(Personnel & Industrial Relation
3 - Asst. General Manager: Risk Management, KYC/AML/CFT


Interested candidates, meeting the above criteria, are requested to download 
the application format (MS-Excel) and e-mail to hr@jksbl.com, within 7 days. 
Please ensure to send application forms strictly in the MS-Excel attached 
format, else it will be rejected 



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U.P. Awas Evam Vikas Parishad, Last Date: 6/9/2013

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U.P. Awas Evam Vikas Parishad
104 Mahatma Gandhi Road,Lucknow
Uttar Pradesh
Pin:226001


Last Date: 6/9/2013



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Next Date 22 August 2013


 BREAKING NEWS 

Aaj HC me strike ke karan koi sunvai nahi ho saki. 

Next Date 22 August 2013


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UPTET 72825 Teacher Recruitment Case in Allahabad Highcourt : Chances for Next Date Increased



आज भी न्यायिक कार्य से रहेंगे दूर

फिर गरमाया बेंच का मुद्दा
वकीलों ने नहीं किया काम, घंटों तक चक्काजाम

इलाहाबाद। हाईकोर्ट की खंडपीठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बनाने का मामला एक बार फिर से गरमा गया है। हाईकोर्ट के वकीलों ने इसका विरोध करने के लिए बाहें चढ़ा ली हैं। मंगलवार को न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए विभाजन के विरोध में लंबी लड़ाई का ऐलान किया गया। बार के सदस्य इस प्रस्ताव पर एक मत थे कि संसद से सड़क तक संघर्ष होगा। घोषणा की गई कि एक प्रतिनिधिमंडल भारत के मुख्य न्यायाधीश, केंद्रीय विधि मंत्री से मिलकर इस पर वार्ता करेगा। अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के सामने जीटी रोड पर घंटों चक्काजाम भी किया। वकीलों ने बुधवार को भी न्यायिक कार्य से विरत रहने का फैसला लिया है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच बनाने को लेकर हाल ही में केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल की ओर से आए कुछ बयानों के बाद इस मामले ने फिर से तूल पकड़ लिया है। बेंच बनाने का विरोध कर रहे हाईकोर्ट के वकीलों ने मंगलवार को न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए गेट नंबर तीन पर सभा की। सभा में बार के अध्यक्ष कंदर्प नारायण मिश्र ने घोषणा की कि एक प्रतिनिधिमंडल इस सिलसिले में कपिल सिब्बल और मुख्य न्यायाधीश से वार्ता करने दिल्ली जाएगा। पूर्व अध्यक्ष वीपी श्रीवास्तव ने कहा कि बेंच बनाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार तथा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सहमति आवश्यक है। ओपी सिंह ने कहा कि इंटरनेट के युग में दूरी कोई वजह नहीं है। वादकारी घर में बैठकर अपने मुकदमों की स्थिति जान सकते हैं। पूर्वमंत्री अनिल तिवारी ने वकीलों में जोश भरते हुए लंबी लड़ाई का आह्वान किया। वकीलों का कहना था कि यदि बेंच बनाने की वजह दूरी है तो सुप्रीमकोर्ट की बेंच भी हर राज्य में बननी चाहिए। सभा का संचालन बार के मंत्री प्रभाशंकर मिश्र ने किया


News Sabhaar : अमर उजाला (14.8.13)



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Recruitment of Teachers in U.P.

Recruitment of Teachers in U.P.

Tuesday, August 13, 2013

यूपी सरकार ने कहा- बच्चो को पढ़ाने के लिए पैसा नहीं है, हाई कोर्ट ने लगा दी फटकार


high courtइलाहाबाद : हालात कुछ ऐसे ही है| मुख्य सचिव ने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि और शुल्क प्रतिपूर्ति देने के लिए उसके पास पैसा नहीं है| इस पर हाई कोर्ट ने फटकार लगा दी| हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार की फीस प्रतिपूर्ति के नियमों को विभेदकारी माना है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों और आरक्षित वर्ग व अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति में भेदभाव किया। राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अगले एक माह के भीतर फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान कर दिया जाए। कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया है कि वह चालू सत्र सहित भविष्य में छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति पारिवारिक आय के आधार पर दे, न कि जिलेवार प्रति व्यक्ति आय के आधार पर।
कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि सरकार बिना फीस लिए प्रवेश दिए गए एससी, एसटी छात्रों की पिछले सत्र की बकाया फीस कालेजों को एक माह के भीतर प्रतिपूर्ति कर दे। यदि सरकार ऐसा नहीं कर पाती तो वह विद्यालयों को चालू सत्र में बिना फीस लिए छात्रों को प्रवेश लेने के लिए विवश न करे। कोर्ट ने मुख्य सचिव को कृत कार्यवाही के ब्योरे के साथ 2 सितम्बर को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
  
यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टण्डन ने राहुल सिंह सहित सैकड़ों छात्रों की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने इस बात पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है कि सरकार ने स्वयं ही गरीबों की फीस प्रतिपूर्ति किए जाने की अधिकतम आय सीमा 54612 रुपए वार्षिक तय की और जब कोर्ट ने राज्य सरकार को इस वार्षिक आय सीमा में आने वाले छात्रों को फीस प्रतिपूर्ति का आदेश दिया तो सरकार ने इस आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की तथा इसकी जानकारी कोर्ट से छिपाई। हालांकि सरकार को अपील पर अंतरिम राहत नहीं मिली है। राज्य सरकार ने वार्षिक आय निर्धारित कर बताया कि इसके नीचे की आय वाले छात्रों को फीस प्रतिपूर्ति दी जाएगी किंतु जब फीस वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई तो जिलेवार गरीबी को आधार बनाया। इससे एक ही परिवार के दो बच्चे यदि दो जिले के कॉलेजों में गए तो एक की फीस वापसी हुई और दूसरे की नहीं हुई। शासनादेश में पारिवारिक आय को माध्यम बनाया गया है। कोर्ट ने सरकार की इस नीति को विभेदकारी माना और कहा कि निर्धारित आय सीमा में आने वाले प्रत्येक छात्र को फीस प्रतिपूर्ति की जाय। मुख्य सचिव ने हलफनामा देकर बताया कि जिलेवार संस्थानों को फीस प्रतिपूर्ति दी गई है और अब इस मद में सरकार के पास धन नहीं है। कोर्ट ने कहा कि जब पूरे प्रदेश में एक नीति बनाई गई है तो जिले की गरीबी के आधार पर क्यों फीस प्रतिपूर्ति की गई।
 
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