Friday, July 19, 2013

साझा मेडिकल परीक्षा की छुट्टी

RTE / Kasturba Gandhi School Teacher Recruitment :

 सर्व शिक्षा अभियान के तहत रिक्त पदों पर चयन की कार्यवाही करने के सम्बन्ध में आदेश

लखनऊ । सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों-कर्मचारियों की भर्ती पर लगी रोक हटने के बाद प्रदेश में संविदा के चार हजार पद भरने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इसका सीधा फायदा कस्तूरबा गांधी गांधी विद्यालयों, समेकित शिक्षा केंद्रों और ब्लॉक संसाधन केंद्रों को होगा।

कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में वार्डन और शिक्षकों की भर्ती संविदा पर की जाती है लेकिन स्थाई वेतनमान दिया जाता है। इसी तरह ब्लॉक संसाधन केन्द्रों पर सह-समन्वयकों और समेकित शिक्षा केंद्रों पर अनुदेशकों की भर्ती भी संविदा पर की जाती है। जिला स्तर पर इनकी भर्तियां होती हैं। इन भर्ती में अनियमितता की शिकायतें आने पर सरकार ने आठ नवम्बर-2012 को रोक लगा दी थी। नए सत्र में भर्तियां न होने से कस्तूरबा विद्यालयों और समेकित शिक्षा केंद्रों पर पढ़ाई का संकट खड़ा हो गया था। अब राज्य परियोजना निदेशक अमृता सोनी ने आदेश जारी कर भर्तियों पर लगी रोक हटा ली है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जल्द यह भर्तियां शुरू की जाएं ताकि नए सत्र में शिक्षण कार्य और अन्य कामकाज हो सके






(साभार-:-अमर उजाला)

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अगस्त और सितंबर में होगी टीजीटी-पीजीटी परीक्षा

लखनऊ: माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी जल्द दूर होगी। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने परीक्षा की तिथि घोषित कर दी है। परीक्षा का आयोजन अगस्त के अंतिम सप्ताह और सितंबर के प्रथम पखवाडे़ किया जाएगा।
JOBS TGT PGT माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स) और पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स) की परीक्षा दो वर्षो से अटकी है। चयन बोर्ड ने कुछ दिनों पहले 14, 21 और 28 जुलाई को प्रवेश परीक्षा कराने की घोषणा की थी। लेकिन अब परीक्षा की तिथि बदल दी गई है। अब टीजीटी की परीक्षा 25 अगस्त और एक सितंबर व पीजीटी की परीक्षा आठ सितंबर को होगी। टीजीटी में 14 विषयों और पीजीटी में 21 विषयों की परीक्षा होगी। दो पालियों में सुबह 10 से दोपहर 12 और दोपहर दो से शाम चार बजे तक परीक्षा होगी। परीक्षा केन्द्रों के चयन का काम शुरू हो गया है|


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बीएसए का कारनामा: अप्रशिक्षित अध्यापक को दे दिया प्रशिक्षित वेतन मान

GHOTALA

फर्रूखाबाद: भ्रष्टाचार के खिलाफ शासन व जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। जनपद में लगभग आधा सैकड़ा वित्तीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में घोर अनियमिततायें कर तमाम नियुक्तियां की गयीं और सरकारी धन को भयंकर चूना लगाया जा रहा है। इसका एक उदाहरण नगर क्षेत्र के वढ़पुर स्थित शीतला जूनियर हाईस्कूल में देखा जा सकता है।
  उक्त विद्यालय में शैक्षिक सत्र 1979-80 में इण्टरमीडिएट पास प्रमाण पत्र पर नियुक्त किये गये सहायक अध्यापक ओमप्रकाश राजपूत को विद्यालय प्रवंधतंत्र में हाईकोर्ट के एक आदेश की आड़ में नियुक्ति तिथि 01 जुलाई 1979 से प्रशिक्षित वेतन मान लगबाकर सरकार को चूना लगाया है जबकि श्री राजपूत नें 1982 में बीएड की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। तत्कालीन वेसिक शिक्षा अधिकारी रामस्वरूप शुक्ला द्वारा जारी 30 मई 1987 के अनुमोदन पत्रांक सं0 854/8788 में श्री राजपूत को इण्टर, बीएड दर्शाया गया है और उनकी नियुक्ति तिथि से ही प्रशिक्षित व प्रोन्नति वेतनमान का शिक्षा विभाग द्वारा एरियर बनाकर दे दिया गया विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा यह जानने की भी कोशिश नहीं की गयी कि श्री राजपूत नें बीएड की योग्यता किस वर्ष हासिल की।
विगत मई व जून में ऑनलाईन बेतन भुगतान की शासन की योजना के अन्र्तगत जनपद के सभी विद्यालयों के रिकार्ड शिक्षा विभाग द्वारा तलव किये गये थे जिसमें उक्त विद्यालय का भी समस्त रिकार्ड विभाग को उपलब्ध कराया गया। जिसमें श्री राजपूत द्वारा बीएड की योग्यता का प्रमाण पत्र भी जमा किया गया था इसके बाबजूद विभागीय अधिकारी व कर्मचारी आंख बन्द करके ऑनलाईन पेंमेंट योजना में उनकी डाटा फीडिंग करा दी और एक माह का वेतन भी निर्गत करवा दिया गया। वैसे तो उक्त विद्यालय में इसके अलावा भी कई अनियमिततायें बताई जाती हैं। विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक घुरईलाल वर्मा ने बताया कि प्रोन्नति व प्रशिक्षित वेतनमान गलत ढंग से लग गया है।

बीएड कालेजों में अब किट के नाम पर अवैध वसूली का दूसरा दौर शुरू

Ghoonsफर्रुखाबाद: शासन की ओर से लाख कवायद के बावजूद स्‍थानीय प्रशासन की ढिलाई के चलते बीएड कालेजों के संचालक शिक्षा माफियाओं की अवैध वसूली पर लगाम नहीं लग पा रही है। ऑनलाइन चयन व विद्यालय आबंटन व फीस सीधे बैंक में जमा करने के बावजूद छात्रों से अवैध वसूली किस्‍त दर किस्‍त जारी है। कई अभिभावक तो इन शिक्षा माफियाओं की अवैध वसूली की मांग को पूरा करने के लिये बैंकों और साहूकारों के दरवाजों तक पर माथा टेकने को मजबूर हैं।
विदित है कि शिक्षा माफिया पर लगान कसने की दृष्‍टि से इस बार शासन की ओर से बीएड कक्षाओं में प्रवेश के लिये ऑलाइन आवेदन के साथ ही केंद्रीयकृत परीक्षा प्रणाली और उसके बाद ऑनलाइन काउंसिलिंग व सीधे बैंक में चालान द्वारा निर्धारित फीस जमा करने की व्‍यवस्‍था की गयी थी, व छात्रों के लिये ऑनलाइन विद्यालयों का आवंटन भी किया गया था। इतनी सब कवायद के बावजूद स्‍थानीय प्रशासन की ढिलाई या लापरवाही के चलते शिक्षा माफिया ने छात्रों से अवैध वसूली के नये फंडे इजाद कर लिये हैं। पहले तो शासन की ओर से निर्धारित सभी औपचारिकतायें पूर्ण करने के उपरांत भी दाखिले के समय ‘विद्यालय शुल्‍क’ के नाम पर प्रति छात्र 15-15 हजार रुपये वसूले गये। मजे की बात तो यह है कि इस शुल्‍क की विद्यालयों ने कोई रसीद तक नहीं दी है। अभी छात्रों और अभिभावकों के आंसू सूख भी नहीं पाये थे कि शिक्षा माफियाओं ने छात्रों से अवैध वसूली के लिये दूसरी किस्‍त के तौर पर 6-6 हजार रुपये ‘किट’ के नाम पर जमा करने का फरमान जारी कर दिया है।
जिला विद्यालय निरीक्षक का अतिरिक्‍त पदभार संभाले बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल से संपर्क करने का प्रयास किया गया परंतु उन्‍होंने अपना सीयूजी मोबाइल फोन नहीं उठाया।
 
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Thursday, July 18, 2013

होम्योपैथ और आयुर्वेद कॉलेजों में दाखिले पर रोक

studentलखनऊ : प्रदेश के राजकीय आयुर्वेद और होम्योपैथ कॉलेजों में दाखिले पर रोक लगा दी गई है। गुरुवार से शुरू हो रही सीपीएमटी काउंसिलिंग में इन कॉलेजों को शामिल नहीं किया जाएगा। यह हालात मान्यता न मिलने की वजह से पैदा हुए हैं। इसका खामियाजा दाखिले की आस में बैठे हजारों अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ेगा। भारत सरकार के आयुष विभाग की तरफ से दोनों विभागों को पत्र भेज दिया गया है। पत्र से अफरातफरी मच गई है।

प्रदेश में सात राजकीय आयुर्वेद कॉलेज हैं। इनमें बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) की 320 सीटें हैं। वहीं होम्योपैथ के सात कॉलेजों को भी मान्यता नहीं मिली है। इन कॉलेजों में बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिकल एंड सर्जरी (बीएचएमएस) की 300 सीटें हैं। दोनों विभागों के कॉलेजों को मान्यता नहीं मिली है। मानक पूरे न होने से केंद्र सरकार के आयुष विभाग यह फैसला किया है। लिहाजा सत्र 2013-14 में दाखिले पर रोक लगा दी है। हालांकि अधिकारियों ने दूसरे चरण की काउंसलिंग तक मान्यता मिलने की उम्मीद जाहिर की। पहले चरण की काउंसिलिंग 24 जुलाई तक चलेगी।
  
इनका भविष्य दांव पर
सत्र 2011 में बिना मान्यता पांच राजकीय आयुर्वेद कॉलेजों ने अभ्यर्थियों को एडमिशन दे दिया था। नतीजतन सीसीआइएम ने करीब 250 छात्रों की परीक्षा पर रोक लगा दी है। छात्र अब भी परीक्षा कराने की मांग को लेकर भटक रहे हैं।
जिम्मेदार बोले
सीपीएमटी के पहले चरण की काउंसिलिंग में अभ्यर्थी हिस्सा नहीं ले पाएंगे। दूसरे चरण की काउंसिलिंग तक मान्यता मिल जाए इसकी कोशिश की जा रही है।
डॉ. आरआर चौधरी, निदेशक, आयुर्वेद विभाग
केंद्र सरकार के आयुष विभाग ने दाखिले पर रोक लगा दी है। निर्देशों का पालन किया जा रहा है। मान्यता के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ. बी. प्रसाद, निदेशक, होम्योपैथिक विभाग
यहां हैं कॉलेज
-प्रदेश में आयुर्वेद कॉलेज लखनऊ, पीलीभीत, बरेली, इलाहाबाद हंडिया, मुजफरनगर, बांदा और झांसी में हैं।
-प्रदेश में होम्योपैथ कॉलेज लखनऊ, इलाहाबाद, गाजीपुर, आजमगढ़, मुरादाबाद, कानपुर और इलाहाबाद में हैं।

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JOBS IN UP: आने वाली है सरकारी नौकरियो की बहार-

  •  आय, जाति निवास प्रमाण पत्र रखे तैयार

     

यू पी में इस साल नौकरियो की बहार आने वाली है| पुलिस, शिक्षक, बाबू, अफसर लगभग सभी विभागों में नौकरिया निकल रही है| पढ़ाई और स्वास्थ्य ठीक ठाक रखने के साथ अन्य कई तैयारिया भी जरुरी है इन नौकरियो को पाने के लिए| लगातार करंट इशू पर ध्यान रखे| देश दुनिया की खबरों से रूबरू होते रहे| कोर्स की पढ़ाई के साथ साथ सामान्य ज्ञान बहुत महत्वपूर्ण होता है|
जानकारी के लिए इन्टरनेट का सहारा ले-
नौकरी कब निकलेगी इसे जानने के लिए अखबारों से ज्यादा बड़ा माध्यम अब इन्टरनेट हो चुका है| अख़बार स्थानीय हो चुके है हो सकता है कि जिस अख़बार में विज्ञापन छपे उसे आप नहीं पढ़ते हो या आपके यहाँ आने वाला संस्करण वो हो जिसमे विज्ञापन न छपा हो| इसलिए इन्टरनेट ही सबसे उपयोगी माध्यम है| अब ज्यादातर फार्म भी ऑनलाइन भरे जाते है| इसलिए जॉब्स से सम्बन्धित जानकारी सबसे पहले इन्टरनेट पर होती है| और गूगल में कहीं भी सर्च किया जा सकता है|
आय, जाति, मूल निवास और जन्म पंजीकरण जैसे प्रमाण पत्र बनबा कर रखे-
नौकरी के आवेदन करते समय से लेकर ज्वाइन करने तक इन कागजो की जरुरत पड़ती है| लिहाजा भारती निकलने का इन्तजार न करे| इन कागजो को पहले से बनबाकर रखे| आय और जाति का प्रमाण पत्र तहसीलदार जारी करता है और निवास प्रमाण पत्र एस डी एम/ताल्लुका अधिकारी जारी करते है| आजकल सरकार की इ गवर्नेंस सेवा चालू हो गयी है| लोकवाणी और जन सेवा केन्द्रों से जाकर आप आय जाति और मूल निवास आसानी से बनबा सकते है| इससे सरकारी दफ्तरों के चक्कर से छुटकारा मिल जाता है| उत्तर प्रदेश में इन प्रमाण पत्रों को जारी करने का अधिकतम समय 20 दिन रखा गया है, राजस्थान, मध्य प्रदेश और आन्ध्र प्रदेश में ये समय सीमा 7 दिन है|
  
जन्म प्रमाण पत्र नगरपालिका/नगर निगम/नगर पंचायत (नगर क्षेत्र) और ग्राम सचिव (ग्रामीण) जारी करता है| दोनों प्रकार के लिए लोकवाणी और जन सेवा केन्द्रों से आवेदन किया जा सकता है| इन सेवाओ की फीस भी सरकार द्वारा तय की गयी है| उत्तर प्रदेश में ये आवेदन शुल्क 20 रुपये, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 30 और आंध्र प्रदेश में 40 रुपये है| जाँच के नाम पर कोई पैसा नहीं देना होता है| आवेदन करने वाले जन सेवा केन्द्रों और लोकवाणी केन्द्रों से ही बाद में प्रमाण पत्र (प्रिंट) मिल जाता है|
तो सभी प्रकार के प्रमाण पत्रों को पहले से तैयार कर रखे क्योंकि कभी भी नौकरी निकलेगी और फार्म भरना पड़ सकता है|


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टीईटी : जांच के बाद निरस्त हुई आपत्तियां

  •  टीईटी : जांच के बाद निरस्त हुई आपत्तियां, 
  • शिक्षाविदें कीटीम ने व्यापक स्तर पर की जांच गलत पायीं आपत्तियां 
इलाहाबाद (एसएनबी)। शिक्षक पात्रतापरीक्षा (यूपी टीईटी- 2013) के जिन प्रश्नों और उनके उत्तर को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों नेआपत्तियां उठाईथी वह शिक्षाविदें कीजांच में गलत पाई गई। ऐसे में अभ्यर्थियों की आपत्तियों को निरस्त करते हुए सचिव परीक्षा नियामकप्राधिकारी उत्तर प्रदेश अभ्यर्थियों कोउनके जवाब डाक से भेजने की तैयारी कर रहा है। संभावना है कि एक-दो दिनों में अभ्यर्थियों कोडाक से उनके गलत प्रश्नों के उत्तरमिलने लगेंगे। वहीं दूसरी तरफ ऐसी उम्मीद है कि टीईटी का रिजल्ट 31 जुलाईतक घोषित कर दिया जाएगा। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उत्तरप्रदेश इलाहाबाद के सूत्रों ने बताया कि करीब एक हजार अभ्यर्थियों नेटीईटी-2013 के एक दर्जन से अधिक प्रश्न और उनके उत्तर को गलत बताते हुए ऑनलाइन आपत्तियां दी थी कि अगर प्रश्न और उनके उत्तर गलत है तो उसके पूरे अंक मिलने चाहिए। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी श्रीमती नीना श्रीवास्तव ने जिन विषयों की आपत्तियां आई थी उसके निस्तारण के लिए चार शिक्षाविदें कीटीम गठित की थी। शिक्षाव्दिों की टीम ने बताया कि सचिव परीक्षा नियामकप्राधिकारी कार्यालय की ओर से परीक्षा के दौरान आए सभी प्रश्न सहीं थे। अभ्यर्थियों नेजिन प्रश्नों और उनके उत्तरों को गलत बताया था वह जांच में सभी सही पाए गए। सूत्रों ने बताया कि उच्च प्राथमिक के डब्ल्यू सीरीज के हिन्दी के प्रश्नपत्र में24 प्रश्नों और उनके उत्तर पर अभ्यर्थियों नेआपत्ति दर्ज कराई थी। प्राथमिक स्तर के संस्कृत में सात प्रश्नों पर आपत्तियां थी। उच्च प्राथमिक के संस्कृत के डब्ल्यू सीरीज में 10 आपत्तियां थी।।उच्च प्राथमिक भाषा संस्कृत में नौ प्रश्नों और उनके उत्तरों पर आपत्तियां थी। यह सभी निराधार पाई गई। वहीं उच्च प्राथमिक विज्ञान में 18 आपत्तियां, प्राथमिक स्तर के उर्दू भाषा में 11, उत्तर प्राथमिक स्तर उर्दू में दो, प्राथमिक स्तर गणित में 10 और उच्च प्राथमिक स्तर गणित में तीन सवालों और उनके उत्तर गलत होने की बात अभ्यर्थियों नेकी थी लेकिन जांच में सचिव परीक्षा नियामकप्राधिकारी द्वारा दिए गए सभी प्रश्न और उनके उत्तर सही पाए गए। अभी मनोविज्ञानऔर हिन्दी विषय की आपत्तियों पर उठाए गए प्रश्नों की जांच चल रही है। इस पर अभ्यर्थियों केउठाए गए प्रश्नों और उत्तर के गलत का जवाब भी सचिव परीक्षा नियामकप्राधिकारी देने जा रहे हैं। वह सभी अभ्यर्थियों कोपंजीकृत डाक से उनके प्रश्नों और उत्तर का जवाब देगा। उधर, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश श्रीमती नीना श्रीवास्तव का कहना है कि 31 जुलाई के पहले यूपी टीईटी के रिजल्ट को घोषित करने की तैयारियां अन्तिम दौर में चल रही है।

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