सिद्धार्थनगर : प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत शुक्रवार से शुरू हुई चतुर्थ चरण की काउंसिलिंग में दूसरे दिन शनिवार को अभ्यर्थियों की भीड़ में भारी इजाफा हुआ। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में चल रही काउंसिलिंग में अभ्यर्थियों के बीच रह रह कर जहां धक्का-मुक्की होती रही वहीं डायट कर्मचारियों से भी उनकी नोंकझोक चलती रही।
भीड़ बढ़ने के मद्देनजर डायट प्रशासन द्वारा पुलिस व प्रशासन के सहयोग की मांग तो की गई थी पर दोपहर 12 बजे तक डायट पर न तो पुलिस बल मौजूद था न ही प्रशासन का कोई अधिकारी ही वहां पहुंच सका था। काउंसिलिंग के दौरान इससे और भी अफरा -तफरी का माहौल उत्पन्न हुआ। जैसे तैसे शुरू हुई काउंसिलिंग में सामान्य वर्ग से 8 हजार, पिछड़ी जाति से 6 हजार व एससी वर्ग से 5 हजार लोगों को बुलाया गया था। सुबह 10 बजे से देर सांय तक चली प्रक्रिया में सामान्य से 6 हजार, पिछड़ी से 6 हजार व एससी से 3 हजार लोग ही अपने प्रपत्र जमा कर पाये। अधिकांश अभ्यर्थी जो अपना प्रपत्र जमा नहीं कर पाये वह वहीं डायट परिसर में ही रात गुजारने को मजबूर होंगे। काउंसिलिंग का कार्य देख रहे प्रवक्ता केके चतुर्वेदी का कहना है कि पुरुष वर्ग की काउंसिलिंग का रविवार आखिरी दिन है इस कारण इस दिन सबसे अधिक भीड़ होने की संभावना है। काउंसिलिंग करने वालों में खंड शिक्षा अधिकारी तिलक राम वर्मा, मनिराम राम वर्मा, जगदीश यादव, रमेश जी, हरिकृष्ण गुप्ता, श्रीकांत तिवारी व बद्री नाथ तिवारी प्रमुख रहे।
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रात भर भटकते रहे अभ्यर्थी
हर वर्ग में पुरुष अभ्यर्थियों को एक साथ बुला लिए जाने से दो दिनों से नगर में भीड़ बढ़ गई है। नगर के सभी होटल जहां भरे हुए हैं वहीं खाने पीने के सामानों के दाम भी बढ़ गये हैं। होटलों पर काउंसिलिंग कराकर लौट रहे अभ्यर्थी टूट पड़ रहे थे। नतीजतन होटलों पर अधिकांश को खाना भी नहीं मिल पाया। यही नहीं इस कड़ाके की ठंड में कई अभ्यर्थी तो सड़क के किनारे स्थित दुकानों पर लगे टीन शेड के नीचे रात गुजारते दिखे।
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अलाव न जलने की खली कमी
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नगर में प्रशिक्षु अभ्यर्थियों की पहुंची भीड़ को लेकर प्रशासन पूरी तरह अंजान ही बना हुआ है। खाने पीने के सामानों में दुकानदारों द्वारा अधिक पैसा जहां वसूला जा रहा है वहीं रहने की व्यवस्था न होने से इस ठंड में उन्हें कुड़कुड़ाते हुए रात गुजारनी पड़ रही है। ठंड के मद्देनजर नगर में जलने अलाव तो कब के बुझे हुए है। लोगों का कहना था कि यदि यह जलते होते तो कई अभ्यर्थी जो पूरी रात ठंड से कुड़कुड़ाते रात भर सड़क पर टहल कर रात काटते दिखाई पड़ रहे थे वह कुछ हद तक राहत महसूस करते।
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अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग व ठंड को देखते हुए नगर में अलाव जलवाने के लिए नपा प्रशासन को निर्देशित किया हूं। मुख्य- मुख्य सभी चौराहों पर इन्हें जलाने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।
योगानंद पांडेय
एसडीएम, बांसी
Publish Date:Sat, 10 Jan 2015 09:18 PM (IST) | Updated Date:Sat, 10 Jan 2015 09:18 PM (IST)
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