अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधीन आने वाले सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक इंटर कॉलेजों में समूह ग (लिपिक संवर्ग) की भर्ती पर लगी रोक हटा दी गई है। भर्तियां माध्यमिक शिक्षा परिषद नियमावली में दी गई व्यवस्था के आधार पर की जाएंगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवधेश नरेश शर्मा ने इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दे दिया है।
उन्होंने कहा है कि भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी प्रक्रिया के तहत की जाएगी। गड़बड़ी की शिकायत पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इसके आधार पर जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिया है कि जिस स्कूल में समूह ग के जितने पद खाली होंगे, वहां उतने पदों पर भर्ती की अनुमति दी जाएगी।
स्कूल प्रबंधन को इसके लिए कम से कम दो राष्ट्रीय अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कराते हुए आवेदन लेना होगा। चयन प्रक्रिया पूरी करने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक से साक्षात्कार के लिए पैनल बनवाना होगा। इसके बाद चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप देते हुए पुन: जिला विद्यालय निरीक्षक से अनुमति लेते हुए चयनितों को कार्यभार ग्रहण कराया जाएगा।
अल्पसंख्यक इंटर कॉलेज
सूबे में सत्ता बदलने के बाद मार्च 2012 में लगाई गई थी रोक
गजट के लिए भेजी गई संशोधित नियमावली
साक्षात्कार के बदले अंकों के आधार पर लेखपाल भर्ती की सभी मुश्किलें दूर हो गई हैं। कैबिनेट ने पिछले दिनों साक्षात्कार का अंक 10 से बढ़ाकर 20 कर दिया था। अब इस नियमावली को गजट के लिए भेज दिया गया है।
निदेशक ने डीआईओएस को दिया निर्देश, गड़बड़ी पर होगी कार्रवाई
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से बाहर होगा लेखपाल पद
लखनऊ(ब्यूरो)। राजस्व विभाग ने लेखपाल पद को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से बाहर कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इसकी अनुमति का प्रस्ताव मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजा गया है। उनकी इजाजत मिलने पर राजस्व परिषद 7000 से अधिक पदों पर भर्ती शुरू करेगा। लेखपाल समूह ‘ग’ का पद है। सरकार ने समूह ‘ग’ के पदों की भर्ती के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया है। आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति भी की जा चुकी है। लेखपाल की भर्ती अब तक जिला स्तर पर डीएम करते रहे हैं। राजस्व परिषद ने आयोग के गठन से पहले परिषद के निर्देशन में केंद्रीयकृत परीक्षा व परिणाम तथा जिला स्तर पर इंटरव्यू की योजना बनाई थी। आयोग बनने के बाद विभागीय रणनीति के अनुसार भर्ती के लिए इस पद को आयोग से बाहर रखना होगा।
राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार को अधिकार है कि वह समूह ‘ग’ के किसी पद को आयोग के कार्य क्षेत्र से हटा या उसमें जोड़ सकती है। विभाग की ओर से इस संबंध में मुख्यमंत्री की अनुमति के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। उनकी अनुमति मिल गई तो भर्ती शुरू हो जाएगी। बताते चलें कि राजस्व परिषद ने लिखित परीक्षा, मूल्यांकन व मेरिट बनाने के वास्ते स्वतंत्र एजेंसी के चयन के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया पहले ही कर ली है।
समूह ‘ग’ का पद होने से सीएम से मांगी गई इजाजत
7000 से अधिक पदों पर होनी है लेखपाल की भर्ती
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