शैलेंद्र
श्रीवास्तव शुक्रवार, 15 नवंबर 2013 लखनऊ
प्रदेश
के युवाओं के
साथ तारीख पर
तारीख मिलने जैसा
खेल हो रहा
है।
युवा
आवेदन पर आवेदन
किए जा रहे
हैं, फिर भी
शिक्षक नहीं बन
पा रहे।
प्रदेश
में पहले प्राइमरी
स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की
भर्ती फंसी और
अब जूनियर हाईस्कूलों
में 29,334 शिक्षकों की भर्ती
फंस गई है।
ऐसे
में सवाल उठता
है कि इसके
लिए आखिर कौन
जिम्मेदार है? वे
युवा जो नौकरी
पाने के लिए
उधार लेकर भी
फॉर्म भर रहे
हैं या फिर
वह सिस्टम जिसने
यह नीति तैयार
की जिसके चलते
भर्ती प्रक्रिया का
यह हश्र हुआ?
प्रदेश
के बेसिक शिक्षा
परिषद के स्कूलों
में पहले से
ही शिक्षकों की
भारी कमी थी।
शिक्षा का अधिकार
अधिनियम लागू होने
के बाद नए
मानक से यह
संख्या और बढ़
गई।
उत्तर
प्रदेश में शिक्षा
का अधिकार अधिनियम
लागू होने के
बाद नवंबर 2011 में
प्राइमरी स्कूलों में 72,825 सहायक
अध्यापकों की भर्ती
के लिए विज्ञापन
निकाला गया।
तत्कालीन
बसपा सरकार ने
शिक्षक भर्ती के लिए
चयन का आधार
टीईटी मेरिट रखा।
टीईटी
में धांधली होने
और विधानसभा चुनाव
की घोषणा होने
के चलते यह
भर्ती प्रक्रिया फंस
गई।
प्रदेश
में सत्ता बदली
तो अखिलेश सरकार
ने भी 72,825 सहायक
अध्यापकों की भर्ती
के लिए विज्ञापन
निकाला। इसमें चयन का
आधार बदल दिया
गया।
टीईटी
मेरिट के स्थान
पर शैक्षिक मेरिट
को भर्ती का
आधार रखा गया।
यही नहीं, टीईटी
की धांधली की
जांच भी किसी
स्वतंत्र एजेंसी से नहीं
कराई गई।
शिक्षक
बनने की चाहत
में एक-एक
अभ्यर्थी ने 30 से 40 जिलों
में आवेदन किए।
बेसिक शिक्षा विभाग
के पास 69 लाख
आवेदन आ गए।
बेसिक
शिक्षा परिषद ने मेरिट
जारी करते हुए
4 फरवरी 2013 से काउंसलिंग
शुरू कराई, लेकिन
हाईकोर्ट ने इस
पर रोक लगा
दी। मामला आज
भी हाईकोर्ट में
विचाराधीन है।
जूनियर
हाईस्कूल में गणित
व विज्ञान के
शिक्षकों के 29,334 पदों के
लिए जब विज्ञापन
निकाला गया, तो
उस समय भी
सवाल उठा कि
आगे चलकर यह
भर्ती भी फंस
सकती है।
इसके
दो कारण बताए
गए। पहला, 72,825 शिक्षकों
के मामले में
हाईकोर्ट का आदेश
आने से पहले
भर्ती का विज्ञापन
निकाला गया और
दूसरा, प्राइमरी स्कूलों के
शिक्षकों के विरोध
की अनदेखी।
जूनियर
हाईस्कूलों में सहायक
अध्यापक का पद
पदोन्नति से भरा
जाता था, पर
बेसिक शिक्षा विभाग
ने आधे पदों
को सीधी भर्ती
और आधे पदों
को पदोन्नति से
भरने का निर्णय
कर लिया। कुछ
शिक्षकों को यह
नागवार लगा व
मामला कोर्ट में
गया और भर्ती
फंस गई।
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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