-राष्ट्रीय
माध्यमिक शिक्षा अभियान में
अब होगी छंटनी,
मूल विभाग भे
जे जाएंगे जिला
समन्वयक केन्द्र की फटकार
के बाद हरकत
में आये अफसर,
तीन अक्टूबर को
समीक्षा बैठक
लखनऊ
(एसएनबी)। प्रदेश
के नये स्कूलों
में शिक्षकों के
खाली पद न
भरने पर केन्द्र
ने सख्त रुख
अपनाया है। दिल्ली
में मानव संसाधन
मंत्रालय के बेसिक
शिक्षा विभाग की पीएबी
की बैठक में
केन्द्र के कड़े
रुख के बाद
शासन हरकत में
आया। इसी कड़ी
में कालेजों में
शिक्षकों के रिक्त
पदों पर भर्ती
के लिए मुख्यमंत्री
से अनुमोदन लेकर
आगे प्रक्रिया बढ़ायी
जाएगी। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा
अभियान (आरएमएसए) के तहत
दो-दो जिला
समन्वयकों की भर्ती
में छंटनी का
भी निर्देश दिया
गया है। गृह
जनपदों में तैनात
जिला समन्वयकों को
भी उनके मूल
विभागों में भेजा
जाएगा। केन्द्र में फटकार
के बाद हरकत
में आये अफसरों
ने 3 अक्टूबर को
समीक्षा बैठक बुलायी
है। पद रिक्त
होने से अटका
केन्द्रांश विगत वर्षो
में केन्द्र सरकार
से नये स्वीकृत
विद्यालयों में रिक्त
पद भरे नहीं
गये हैं, इसके
चलते राज्य सरकार
रिकरिंग ग्राण्ट का उपयोग
नहीं कर पा
रही है। इस
कारण न सिर्फ
केन्द्रांश के रूप
में प्राप्त होने
वाली धनराशि ही
मिल रही है,
बल्कि आगे की
योजनाओं को भी
इसी आधार पर
केन्द्र सरकार से स्वीकृति
नहीं मिल पा
रही है। ऐसे
में अब कार्मिक
विभाग से छूट
लेकर मुख्यमंत्री के
अनुमोदन से पदों
को भरे जाने
की कार्यवाही उच्च
प्राथमिकता पर करने
की हिदायत दी
गयी है। समन्वयकों
की होगी छंटनी
आरएमएसए के तहत
जिलों में आवश्यकता
से अधिक पद
सृजित कर उन
पदों को भर
दिया गया। कार्यवाही
के रूप में
पदों को न
भरे जाने के
कारण मात्र निर्माण
कार्य हो रहे
हैं, जिसके कारण
आरएमएसए को रिकरिंग
ग्राण्ट का बजट
नहीं मिल रहा
है एवं एमएनईआर
मद में निर्धारित
मानक से 2012-13 में
तीन गुना अधिक
व्यय हुआ है।
इसके चलते चयनित
पदों पर छंटनी
के लिए कार्यवाही
की जाएगी। जिलों
में दो-दो
समन्वयकों की जगह
एक पद होगा,
गृह जिले में
तैनात जिला समन्वयक
को उसके मूल
विभाग में वापस
कर दिया जाएगा।
एएओ/एकाउण्टेन्ट दोनों
पदों की उपयोगिता
भी तय होगी
और जितने भी
एएओ अपने गृह
जनपद में तैनात
है, उनका स्थानान्तरण
अथवा उनके मूल
विभाग में भेजे
जाने का प्रस्ताव
मांगा गया है।
मार्च 2014 तक पूरा
करना होगा भवन
निर्माण कन्या छात्रावास योजनान्तर्गत
स्वीकृत 141 छात्रावासों को लेकर
भी तत्काल कार्रवाई
करने का कहा
गया है। प्रदेश
के सभी 141 छात्रावासों
में कार्यदायी संस्था
को धनराशि जारी
कर मार्च 2014 तक
भवन निर्माण का
कार्य पूरा कराना
होगा, इसके हर
15 दिन पर समीक्षा
होगी। कन्या छात्रावास
चलाये जाने के
लिए कस्तूरबा गांधी
बालिका विद्यालयों की तरह
सर्वशिक्षा अभियान से विकसित
नीति के अनुरूप
नीति बनाकर 15 दिन
के अन्दर इसे
अनुमोदित कराने को कहा
गया है। इसके
तहत कई कायरें
से संबंधित समस्त
योजनाओं में जिन
जनपदों में राज्य
परियोजना कार्यालय से धनराशि
अवमुक्त कर दिये
जाने के बाद
संबंधित एजेन्सी को धनराशि
जारी करने में
15 दिनों से ज्यादा
समय लेने वाले
सभी जनपदों के
जिला विद्यालय निरीक्षक
से स्पष्टीकरण तलब
किया जाएगा। इसके
साथ शिथिल पर्यवेक्षण
के लिए उनके
विरूद्ध कार्यवाही करने की
चेतावनी दी जाएगी।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान
(आरएमएसए) की ओर
से कराये जा
रहे कायरें का
वित्तीय एवं भौतिक
आडिट जनपदों में
तैनात एएओ से
कराने का निर्देश
दिया गया है।
जिसमें 15 अक्टूबर तक वित्तीय/जिलेवार, योजनावार पूर्ण
कराकर, वस्तुस्थिति प्रस्तुत करनी
होगी। वोकेशनल एजूकेशन
में नया अनुमोदन
नहीं केन्द्र पोषित
आईईडीएसएस एवं वोकेशनल
एजूकेशन की प्रगति
शून्य होने के
कारण केन्द्र सरकार
ने इस योजनान्तर्गत
2013-14 की कार्य योजना में
कोई भी नया
अनुमोदन नहीं दिया
है, विगत वर्षों
में इस योजना
की प्रगति शून्य
होने की कार्यवाही
की समीक्षा कर
सम्बन्धित दोषी अधिकारियों
के विरूद्ध कार्यवाही
का प्रस्ताव मांगा
है, विगत वर्षों
की स्वीकृत कार्य
योजना को कार्यरूप
प्रदान किये जाने
हेतु समयबद्ध संचालन
की कार्य योजना
तैयार कर 15 दिन
में प्रस्तुत करने
का निर्देश दिया
गया है। दस
दिनों की मिली
मोहलत मॉडल स्कूल
योजना के तहत
कार्यवाही के लिए
10 दिनों की मोहलत
दी गयी है।
दस दिनों में
निर्माण कार्य की भौतिक
एवं वित्तीय प्रगति,
मॉडल स्कूल में
स्टाफ की नियुक्ति
एवं तैनाती किये
जाने का समयबद्ध
क्रियान्वयन का प्रस्ताव
देना होगा। स्कूलों
के सेटलाइट मैपिंग
की कार्य योजना
के लिए यूपी
डेस्को से मिले
प्रस्ताव पर कार्यवाही
कर अगले वर्ष
मार्च के पहले
पूर्ण कराये जाने
का प्रस्ताव मांगा
गया है। इन
सभी मामलों को
लेकर तीन अक्टूबर
को राष्ट्रीय माध्यमिक
शिक्षा अभियान कार्यालय में
समीक्षा बैठक बुलायी
गयी है।
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