लखनऊ (ब्यूरो)। केंद्र
सरकार ने राष्ट्रीय
माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए)
के तहत उत्तर
प्रदेश में नए
स्कूल खोलने संबंधी
प्रस्ताव पर आपत्ति
लगा दी है।
प्रदेश के अधिकारियों
के काफी तर्क
के बाद केवल
महिला साक्षरता दर
कम और अल्पसंख्यक
बहुल जिलों में
ही स्कूल खोलने
पर सहमति दी
है, पर राज्य
सरकार को इसके
लिए अलग से
प्रस्ताव भेजना होगा। इसके
अलावा अन्य सभी
प्रस्तावों को मंजूरी
मिल गई है।
आरएमएसए राज्य परियोजना निदेशालय
ने मई 2013 में
2558 करोड़ का प्रस्ताव
भेजा था। इसमें
1396 नए हाईस्कूल खोलने तथा
प्रत्येक स्कूलों में एक
प्रधानाध्यापक, पांच सहायक
अध्यापक तथा लिपिक
व परिचालक के
एक-एक पदों
के लिए नौ
महीने के वेतन
की मांग की
गई थी। मानव
संसाधन विकास मंत्रालय में
सोमवार को हुई
प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड (पीएबी)
की बैठक में
इस पर चर्चा
हुई। केंद्र के
अधिकारियों ने कहा
कि पूर्व में
स्वीकृत स्कूलों में अभी
तक शिक्षकों और
अन्य स्टाफ की
भर्तियां नहीं की
जा सकी हैं।
इसलिए नए स्कूल
खोलने की अनुमति
नहीं दी जाएगी।
प्रदेश के सचिव
बेसिक शिक्षा जितेंद्र
कुमार ने इस
पर तर्क दिया
कि पुराने स्कूलों
में भर्ती की
प्रक्रिया जल्द ही
पूरी कर ली
जाएगी। उन्होंने केंद्र से
अनुरोध किया कि
महिला साक्षरता दर
कम वाले जिलों
और अल्पसंख्यक बहुल
जिलों में नए
हाईस्कूल खोलने की अनुमति
दे दी जाए।
तय हुआ कि
परियोजना निदेशालय नए सिरे
से प्रस्ताव भेजे,
जिस पर मंजूरी
दी जा सकती
है। पीएबी की
बैठक में इसके
अलावा 196 नये बालिका
छात्रावासों के निर्माण,
236 अतिरिक्त कक्षा कक्ष, 77 प्रयोगशाला
भवन व उपकरण
की खरीद, 89 पुस्तकालय
भवन, 95 आर्ट व
क्राफ्ट कक्ष और
449 कम्प्यूटर कक्ष की
स्थापना का प्रस्ताव
पर सहमति दे
दी है।
आरएमएसए विशेष जिलों में
स्कूल खोलने के
लिए अलग से
भेजेगा प्रस्ताव
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