लखनऊ। बच्चों व महिलाओं
में कुपोषण की
बढ़ रही समस्या
को देखते हुए
सरकार अब आंगनबाड़ी
केंद्रों में न्यूट्रिशन
काउंसलर रखने जा
रही है। ये
काउंसलर ग्रामीण इलाकों में
महिलाओं को साफ-सफाई व
खान-पान के
बारे में जागरूक
करेंगी। पहले चरण
में 41 जिलों के 80 हजार
आंगनबाड़ी केंद्रों में 20 हजार
काउंसलरों की नियुक्ति
होनी है। यानी
एक न्यूट्रिशन काउंसलर
के जिम्मे चार
आंगनबाड़ी केंद्र रहेंगे।
केंद्र सरकार की समन्वित
बाल विकास योजना
के तहत ही
इन्हें रखा जाएगा।
राज्य सरकार के
इस प्रोजेक्ट को
केंद्र से मंजूरी
भी मिल गई
है। इस योजना
में केंद्र सरकार
75 प्रतिशत अनुदान देगी जबकि
25 प्रतिशत हिस्सा प्रदेश सरकार
को देना होगा।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे
तीन के अनुसार
यूपी में 42 प्रतिशत
बच्चे कम वजन
व कुपोषण के
शिकार हैं। कुपोषित
बच्चों में सामान्य
बच्चों की तुलना
में मृत्यु की
संभावना नौ गुना
अधिक होती है।
इसको देखते हुए राज्य
सरकार ने आंगनबाड़ी
केंद्रों में न्यूट्रिशन
काउंसलर रखने का
निर्णय किया है।
इन काउंसलरों को
सरकार प्रतिमाह तीन
हजार रुपये मानदेय
देगी। इनकी नियुक्ति
प्रक्रिया को लेकर
केंद्र से विस्तृत
दिशा-निर्देश मांगे
गए हैं। दिशा-निर्देश मिलते ही
नियुक्ति शुरू हो
जाएगी। माना जा
रहा है कि
न्यूट्रिशन काउंसलर आसपास के
गांव की ही
पढ़ी-लिखी लड़कियों
को बनाया जाएगा।
कुपोषण से निपटने
में न्यूट्रिशन काउंसलर
महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती
हैं। केंद्र ने
इस प्रोजेक्ट को
हरी झंडी दे
दी है। अब
इनकी नियुक्तियों के
लिए केंद्र से
दिशा-निर्देश मांगे
गए हैं। वहां
से गाइडलाइन आने
के बाद इनकी
नियुक्तियां की जाएंगी।
- आनंद कुमार सिंह, निदेशक,
बाल विकास सेवा
एवं पुष्टाहार निदेशालय
•पहले चरण में
41 जिले चयनित
80 हजार केंद्रों में 20 हजार
काउंसलरों की होगी
नियुक्ति
कुपोषण से बचाने
की कवायद, बच्चों
को जागरूक करेंगी
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