लुभावनी योजनाओं से भी विश्वास नहीं जीत पा रही सरकार
वाराणसी।
बेसिक स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए सरकार भले ही विभिन्न
प्रकार की योजनाएं चला रही हो लेकिन बच्चोें और अभिभावकों का विश्वास नहीं
जीत पा रही है। शायद यही कारण है कि स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ने
के बजाय घटती जा रही है। वाराणसी और मीरजापुर मंडल में पिछले तीन साल में
12 से 14 हजार बच्चे कम हो गए हैं जबकि पूरे प्रदेश के स्कूलों में 20 से
22 लाख बच्चों की संख्या घट गई है।
बेसिक
स्कूलोें में विद्यार्थियों के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से
नि:शुल्क किताबें, यूनिफार्म, छात्रवृत्ति एवं मध्याह्न भोजन जैसी योजनाएं
संचालित की जा रही हैं। बच्चों को विद्यालयों से जोड़ने के लिए स्कूल चलो
अभियान और आउट ऑफ स्कूल जैसे अभियान भी चलाए जा रहे हैं। बावजूद इसके
सरकारी स्कूलों में न तो बच्चे पढ़ना चाहते हैं और अभिभावक पढ़ाना चाहते
हैं। विभाग के सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में प्राथमिक और मिडिल स्कूलों
में लगभग 20 से 22 लाख बच्चे कम हो गए हैं। सरकारी धनराशि डकारने के लिए
बच्चों के दाखिले की फर्जी सूची स्कूलों से भेज दी जाती थी। शिकायत मिलने
पर न्याय पंचायत से जिले स्तर तक इसकी मानीटरिंग शुरू कर दी गई, जिससे
फर्जी प्रवेश पर कमी तो आई है लेकिन अभी पूरी तरह से नियंत्रण नहीं हो
पाया।
रासेयो के स्वयंसेवकों ने किया जागरूक
वाराणसी।
‘कोई नहीं अशिक्षित हो, बच्चा-बच्चा शिक्षित हो’ एवं ‘पढ़े-लिखे हम बनें
महान, भारत की हो ये पहचान’... आदि जोशीले नारों के साथ रविवार को
राष्ट्रीय सेवा योजना की डीएवी पीजी कालेज की इकाई के स्वयंसेवकों ने
साक्षरता रैली निकाली। यह रैली मैदागिन, कबीरचौरा, रामकटोरा होते हुए पुन:
कालेज पहुंची।
Source: अमर उजाला ब्यूरोFor more news visit: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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