Tuesday, September 17, 2013

गुरुजी के हाथ में होगा सरकारी मोबाइल नंबर

गुरुजी के हाथ में होगा सरकारी मोबाइल नंबर
निज प्रतिनिधि, टूंडला : अब शिक्षकों को भी सीयूजी मोबाइल नंबर (क्लोज्ड यूजर ग्रुप) मिलेगा। इसी नंबर पर शिक्षक सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे। विभाग ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं, जल्द ही सीयूजी नंबर शिक्षकों को दे दिया जाएगा। प्रधान शिक्षक,सहायक शिक्षक के साथ ही शिक्षा मित्र को भी सीयूजी नंबर मिलेगा।
बताते चलें कि मिडडेमील समेत कई अन्य सूचनाएं शिक्षक मोबाइल के जरिए ही देते हैं। सीयूजी नंबर के जरिए सूचना देने पर उनका खर्च भी कम हो जाएगा। विभाग का भी शिक्षकों से सीधा जुड़ाव होगा। यह सुविधा अगले माह से शुरू होने की संभावना है। 1 शिक्षकों पर रहेगी नजर 1स्कूल के नाम से सीयूजी नंबर होने पर विभाग शिक्षकों पर भी नजर रख सकेगा। 1स्कूल के नंबर पर फोन कर हाजिरी चेक की जा सकेगी। स्कूल वक्त में बाहर घूमने जाने वाले शिक्षकों की बाबत सहयोगी शिक्षक से जानकारी ली जाएगी। सीयूजी फोन को स्विच ऑफ करने पर शिक्षकों को जवाब देना होगा।
एक मैसेज से पूरे जिले को मिलेगी जानकारी
सीयूजी नंबर मिल जाने के बाद महज एक मैसेज से जिले भर के शिक्षकों को सूचनाएं मिलेंगी। इसके लिए बीएसए दफ्तर में एक सर्वर रूम तैयार किया जाएगा। यहां जिले भर के शिक्षकों के नंबर दर्ज होंगे।
तबादले के बाद छोड़ना होगा नंबर
तबादले के वक्त गुरुजी को अपना मोबाइल नंबर स्कूल में ही छोड़ना होगा। यह मोबाइल नंबर स्कूल के नाम से दिए जाएंगे। ताकि शिक्षकों के जाने के बाद भी स्कूल में सूचनाएं समय से पहुंच सकें।
आइडिया कंपनी से किया करार
बताया जा रहा है जनपद के शिक्षकों को सीयूजी नंबर आइडिया कंपनी उपलब्ध कराएगी। जिनके पास यह नंबर होगा, उनके बीच आपस में बातचीत का अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा। बताते चलें कि मिडडेमील समेत कई अन्य सूचनाएं शिक्षक मोबाइल के जरिए ही देते हैं। सीयूजी नंबर के जरिए सूचना देने पर उनका खर्च भी कम हो जाएगा। विभाग का भी शिक्षकों से सीधा जुड़ाव होगा। यह सुविधा अगले माह से शुरू होने की संभावना है।



For more news visit: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml

…तो क्या अब 100 रुपये किलो बिकेगा प्याज!

…तो क्या अब 100 रुपये किलो बिकेगा प्याज!

0


onion-12नई दिल्ली। महंगाई का डंक एक बार फिर आम लोगों को डस रहा है। खाने पीने की चीजों के दामों में 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है। मंहगे प्याज ने एक बार फिर रुलाना शुरू कर दिया है। दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई शहरों में प्याज 80 रुपए किलो तक बिक रहा है। हालत ये है कि अगर जल्द ही कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए तो प्याज की कीमत 100 रुपए प्रति किलो तक भी पहुंच सकती है।
 
उधर मध्य प्रदेश के लोग भी प्याज के दामों से परेशान हैं। जब तरह से प्याज की कीमतें बढ़ रही हैं उससे ये साबित होता है कि आम लोगों के लिए कही जाने वाली चीज एक दुर्लभ सब्जी बन गई है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। आम आदमी की मुसीबत कम नहीं होने वाली क्योंकि आने वाले दिनों में प्याज के दाम और बढ़ने वाले हैं।
प्याज और दूसरी सब्जियों के बेहताशा बढ़ते दामों की वजह से खाद्य मंहगाई दर में इजाफा हुआ है। अगस्त महीने में खाद्य मंहगाई दर करीब पचास फीसदी बढ़कर 18.18 फीसदी पहुंच गई है। जुलाई में ये दर 11.91 फीसदी थी। इस वजह से थोक मंहगाई दर छह महीने के सबसे ऊंचे स्तर 6.1 फीसदी पर पहुंच गई है। जबकि जुलाई में ये 5.79 फीसदी थी। इस बीच सरकार ने जून के महंगाई आंकड़े को संशोधित कर 4.86 फीसदी से बढ़ाकर 5.16 फीसदी कर दिया है।
प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार समिति के चेयरमैन, सी रंगराजन का कहना है कि खाद्य महंगाई दर में उछाल आने से महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि उन्हें मॉनसून बेहतर रहने की वजह से आने वाले महीनों में खाद्य महंगाई कम होने की उम्मीद है।
ऊंची मंहगाई दर आम आदमी के लिए मुसीबतें लेकर आती है। अगस्त महीने के आंकड़ों के बाद बाजार में निराशा का माहौल नजर आया। वहीं इस बात की आशंका भी बढ़ गई है कि आरबीआई के नए गवर्नर रघुराम राजन 20 सितंबर को होने वाली मौलिक नीति की समीक्षा में ब्याज दरें शायद ही कम करें।
प्याज की कीमतें बढ़ने की वजह
दरअसल दक्षिण भारत में बारिश की वजह से प्याज की आपूर्ति कम हुई है। उत्तर और पश्चिम भारत में प्याज पहले नासिक से आता थे। लेकिन वहां बारिश की वजह से प्याज की फसल बर्बाद हो गई थी तो अब प्याज दक्षिण भारत में हुगली से आ रहा है। लेकिन वहां भी बारिश हो रही है। जब आपूर्ति कम हुई तो प्याज की जमाखोरी होने लगी इसलिए कीमत और बढ़ गई। तेल की कीमतें भी बढ़ने से माल भाड़ा बढ़ गया। जिससे प्याज की कीमतें बढ़ गईं। नासिक की थोक मंडी में जहां प्याज सबसे ज्यादा आता है। कीमतें आसमान छू रही हैं। नासिक की मंडी में प्याज 5700 रुपये/क्विंटल मिल रहा है। नई फसल 15 अक्टूबर के बाद आएगी तो फिलहाल दाम कम नहीं होंगे।

For more news visit: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml

शिक्षकों की रिटायरमेंट की उम्र सीमा बढ़ाने के संकेत




Posted on : 13-09-2013 | By : जेएनआई डेस्क |
माध्यमिक और बेसिक शिक्षकों की तरह इंटर कॉलेजों के राजकीय शिक्षकों की भी सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने की उम्मीद बढ़ गई है। इसके साथ ही समयबद्ध वेतनमान भी इन शिक्षकों को देने की तैयारी है।
 माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री विजय बहादुर पाल ने राजकीय शिक्षकों की दोनों मांगों पर सहमति जताते हुए मुख्यमंत्री से सिफारिश की है। साथ ही माध्यमिक शिक्षा सचिव जितेंद्र कुमार ने भी विभाग के अफसरों से इस बाबत रिपोर्ट मांगी है।
माध्यमिक और बेसिक शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है। वहीं इंटर के राजकीय शिक्षकों की सेवनिवृत्ति आयु 60 वर्ष है। राजकीय शिक्षक भी 62 वर्ष की मांग लंबे समय से कर रहे हैं।
इसके अलावा वे राजकीय कर्मचारियों की तरह एसीपी की भी मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें तो राजकीय कर्मचारी का लाभ दिया जाता है और माध्यमिक शिक्षकों का।
इन्हीं मुद्दों पर राजकीय शिक्षक संघ की बैठक पिछले दिनों माध्यमिक शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री से हुई थी।
मंत्री विजय बहादुर पाल ने इन मांगों पर सहमति जताते हुए मुख्यमंत्री से इन्हें पूरा करने की सिफारिश की है। उधर, सचिव ने भी शिक्षा अनुभाग-एक दो को अलग से पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने के साथ ही रिपोर्ट मांगी है।
एसीपी देने पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पहले ही सिफारिश कर चुका है। माना जा रहा है कि जल्द ही कैबिनेट की बैठक में इन दोनों प्रस्तावों को लाया जाएगा
 


For more news visit: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml

शिक्षकों की रिटायरमेंट की उम्र सीमा बढ़ाने के संकेत


Posted on : 13-09-2013 | By : जेएनआई डेस्क |
माध्यमिक और बेसिक शिक्षकों की तरह इंटर कॉलेजों के राजकीय शिक्षकों की भी सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने की उम्मीद बढ़ गई है। इसके साथ ही समयबद्ध वेतनमान भी इन शिक्षकों को देने की तैयारी है।

माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री विजय बहादुर पाल ने राजकीय शिक्षकों की दोनों मांगों पर सहमति जताते हुए मुख्यमंत्री से सिफारिश की है। साथ ही माध्यमिक शिक्षा सचिव जितेंद्र कुमार ने भी विभाग के अफसरों से इस बाबत रिपोर्ट मांगी है।
माध्यमिक और बेसिक शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है। वहीं इंटर के राजकीय शिक्षकों की सेवनिवृत्ति आयु 60 वर्ष है। राजकीय शिक्षक भी 62 वर्ष की मांग लंबे समय से कर रहे हैं।
इसके अलावा वे राजकीय कर्मचारियों की तरह एसीपी की भी मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें तो राजकीय कर्मचारी का लाभ दिया जाता है और माध्यमिक शिक्षकों का।
इन्हीं मुद्दों पर राजकीय शिक्षक संघ की बैठक पिछले दिनों माध्यमिक शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री से हुई थी।
मंत्री विजय बहादुर पाल ने इन मांगों पर सहमति जताते हुए मुख्यमंत्री से इन्हें पूरा करने की सिफारिश की है। उधर, सचिव ने भी शिक्षा अनुभाग-एक दो को अलग से पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने के साथ ही रिपोर्ट मांगी है।
एसीपी देने पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पहले ही सिफारिश कर चुका है। माना जा रहा है कि जल्द ही कैबिनेट की बैठक में इन दोनों प्रस्तावों को लाया जाएगा