Saturday, November 30, 2013

बोर्ड के पास टीईटी का रिकार्ड नहीं



अनियमितता की जांच के कारण टीईटी का पूरा रिकार्ड यूपी पुलिस ने किया था सील
इलाहाबाद (ब्यूरो) परिषदीय विद्यालयों में खाली 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए न्यायालय की ओर से टीईटी की मेरिट के आधार पर भर्ती के आदेश के बाद भी परेशानी कम होने की संभावना नहीं है। 2010-11 में हुई टीईटी के सभी रिकार्ड पुलिस ने सील कर रखे हैं। बोर्ड के पास इस समय टीईटी का कोई रिकार्ड नहीं है। रिकार्ड के अभाव में बेसिक शिक्षा परिषद और यूपी बोर्ड को परेशानी हो सकती है।
2010-2011 में परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पद भरने के लिए यूपी बोर्ड को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस दौरान परीक्षार्थियों ने बोर्ड के पास प्रत्यावेदन दिया कि मूल्यांकन सही नहीं हुआ है। बोर्ड ने टीईटी के प्रमाण पत्रों का चार बार संशोधन किया। प्रमाण पत्रों में हेराफेरी सहित अन्य आरोपों के चलते पूर्व निदेशक की गिरफ्तारी के साथ बोर्ड के अन्य अधिकारी जांच की जद में आए थे। जांच के कारण टीईटी के सभी रिकार्ड यूपी पुलिस के पास सील हैं।
शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने टीईटी के अंकों का विवरण ही भरा है। इन अंकों के सत्यापन के लिए बोर्ड और बेसिक शिक्षा परिषद के पास टीईटी का रिकार्ड होना चाहिए।
 


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आरुषि पर फिल्म के लिए पांच करोड़ की रायल्टी का आफर

6तलवार दंपति से मिलने जेल पहुंचे लंदन के फिल्म निर्माता1


आशुतोष गुप्ता
गाजियाबाद : आरुषि-हेमराज हत्याकांड के मामले में विदेशी मीडिया भी सक्रिय हो गई है। इसके चलते लंदन के एक फिल्म निर्माता व प्रकाशक आरुषि के जीवन पर फिल्म बनाना और किताब लिखना चाहते हैं। इसके लिए वह तलवार दंपती को पांच करोड़ रुपये की रायल्टी भी देंगे। शुक्रवार को वह तलवार दंपति से मिलने डासना जेल पहुंचे, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। वह मुलाकात के लिए 15 दिन का समय लेकर लौट गए हैं।1 दोपहर लंदन के प्रकाशक व अंग्रेजी फिल्म निर्माता क्लिप एफ रनयार्ड जेल पहुंचे और जेल अधीक्षक डा. वीरेश राज शर्मा से मुलाकात की। उन्होंने आरुषि के जीवन पर फिल्म बनाने के लिए डा. नूपुर व राजेश तलवार से मिलने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने बताया कि वह आरुषि पर किताब और फिल्म बनाना चाहते हैं। यदि इसके लिए तलवार दंपती ने स्वीकृति दे दी तो वह उन्हें पांच करोड़ रुपये की रायल्टी देंगे। 1जेल अधीक्षक ने उन्हें बताया कि जेल नियमों के मुताबिक सजायाफ्ता कैदी से 15 दिन में तीन लोग मुलाकात कर सकते हैं और बृहस्पतिवार को तीन लोग मुलाकात कर चुके हैं। इस कारण 15 दिन से पहले उनसे कोई नहीं मिल सकता। इस पर रनयार्ड 15 दिन का समय लेकर लौट गए।16तलवार दंपति से मिलने जेल पहुंचे लंदन के फिल्म निर्माता1


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द्वितीय श्रेणी में स्नातक पास भी बन सकेंगे शिक्षक

बरेली : विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में शिक्षक बनने की राह देख रहे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने अभ्यर्थियों के स्नातक परीक्षा में न्यूनतम 50 फीसद अंकों की बाध्यता खत्म कर दी है। अब सिर्फ द्वितीय श्रेणी में स्नातक करने वालों को भी शिक्षक बनने का मौका मिलेगा। इस आशय का आदेश सभी विश्वविद्यालयों में भेज दिया है। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय को यह आदेश बुधवार को मिल गया, जिसे तुरंत ही प्रभावी कर दिया गया। इससे पूर्व 50 फीसद अंकों के साथ स्नातक करने वालों को ही शिक्षक बनने का मौका दिया जाता था। उससे कम अंक पाने वाले द्वितीय श्रेणी के अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाते थे



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बंद हो जाएंगी जूनियर कक्षाएं!

जागरण संवाददाता, कानपुर : अनुदानित इंटर कालेजों की जूनियर कक्षाओं में नि:शुल्क शिक्षा, नि:शुल्क यूनीफार्म व पुस्तकें साथ में मध्यान्ह भोजन, फिर भी छात्रों की संख्या लगातार घट रही है? जबकि निजी कालेजों में भारी शुल्क फिर भी वहां छात्रों की भीड़ है? इन सवालों के कई जवाब हो सकते हैं लेकिन सही जवाब है पढ़ाई का स्तर। 1अगर गिने चुने विद्यालयों को छोड़ दें तो बीते दो दशक में सभी बालक व बालिका विद्यालयों की जूनियर कक्षाओं की छात्र संख्या तेजी से गिरी है। तमाम कालेजों की जूनियर की तीनों कक्षाओं (कक्षा 6,7 व 8) में एक सेक्शन भर के (अधिकतम 65) छात्र नहीं हैं जबकि कभी इन कालेजों में सभी कक्षाओं में तीन से चार सेक्शन होते थे। कुछ कालेज किसी तरह से एक एक सेक्शन बचाए हुए हैं।

अनुदानित कालेज 1680 प्रतिशत कालेजों में कक्षा 6 से 8 में छात्र घटे 14



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सभी बेसिक स्कूलों की ‘मैपिंग’ से होगी निगरानी

क्या रहेगा मैपिंग में18विद्यालय में बच्चों का नामांकन, कितने आते हैं, कितने रुकते हैं और कितने पूरे समय विद्यालय में रहते हैं। 8विद्यालय न आने वाले बच्चों का विवरण। 8ऐसे बच्चों को चिन्हित करना जो बालश्रम या घरेलू कार्य करते हैं। 8बालिकाओं की शिक्षा की स्थिति। 8ऐसे बच्चों का विवरण जिनके लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है। 8विद्यालय में शिक्षक, पुस्तकालय एवं दूसरी सुविधाओं का विवरण।8विद्यालय में उपलब्ध अनुदान, छात्रवृत्ति, पेयजल, मिड डे मील की स्थिति का ब्योरा।


इलाहाबाद : शासन ने प्रदेश के सभी बेसिक स्कूलों की मैपिंग कराने का फैसला किया है। इसमें विद्यालय में मौजूदा सुविधा के साथ कमियों का उल्लेख होगा। फिर उसी के अनुरूप खामियों को दूर किया जाएगा। प्राथमिक विद्यालयों की दशा लगातर बिगड़ती जा रही है। विद्यालय में न तो बच्चों के आने-जाने का कोई समय है न नियम, और न ही पढ़ाई-लिखाई की हालत संतोषजनक है। इस स्थिति को को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक विद्यालयों की ‘मैपिंग’ कराने की योजना बनाई गई है। 1 इसके माध्यम सेविद्यालय की जरूरतों का वास्तविक आंकलन करके सर्व शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट में समावेश किया जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान के समन्वयक एपी मिश्र का कहना है कि विद्यालयों की मैपिंग की तैयारी चल रही है, प्रत्येक विद्यालय का अलग-अलग खाका तैयार किया जा रहा है। 1इलाहाबाद : शासन ने प्रदेश के सभी बेसिक स्कूलों की मैपिंग कराने का फैसला किया है। इसमें विद्यालय में मौजूदा सुविधा के साथ कमियों का उल्लेख होगा। फिर उसी के अनुरूप खामियों को दूर किया जाएगा। प्राथमिक विद्यालयों की दशा लगातर बिगड़ती जा रही है। विद्यालय में न तो बच्चों के आने-जाने का कोई समय है न नियम, और न ही पढ़ाई-लिखाई की हालत संतोषजनक है। इस स्थिति को को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक विद्यालयों की ‘मैपिंग’ कराने की योजना बनाई गई है। 1 इसके माध्यम सेविद्यालय की जरूरतों का वास्तविक आंकलन करके सर्व शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट में समावेश किया जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान के समन्वयक एपी मिश्र का कहना है कि विद्यालयों की मैपिंग की तैयारी चल रही है, प्रत्येक विद्यालय का अलग-अलग खाका तैयार किया जा रहा है।


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पीएचडी के बाद नौकरी नहीं तो लीजिए फेलोशिप

 31 दिसंबर तक आनलाइन भरे >>जा सकेंगे फार्म

गोरखपुर : अगर आप पीएचडी उपाधिधारक महिला हैं और अब तक बेरोजगार हैं तो आपके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विशेष फेलोशिप की योजना बनाई है। पांच वर्ष अवधि के इस पोस्ट डाक्टोरल प्रोग्राम के लिए अभ्यर्थी को यूजीसी की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिसकी मदद से वह आगे का शोध कार्य कर सकती हैं। यूजीसी द्वारा जारी नोटीफिकेशन के अनुसार ऐसी महिला पीएचडी उपाधि धारक उम्मीदवारों को पोस्ट डाक्टोरल रिसर्च के लिए यूजीसी आर्थिक मदद देगा जिनको नौकरी न मिली हो। इसमें चयनित अभ्यर्थी को पांच वर्ष तक फेलोशिप और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। 1वांछित योग्यता : फेलोशिप के लिए वही महिला अभ्यर्थी अर्ह होगी जिसके पास पीएचडी उपाधि केसाथ शानदार रिकार्ड भी हों। स्नातक स्तर पर 55 और स्नातकोत्तर में 60 फीसद अंक होने अनिवार्य हैं। वहीं अनुसूचित जाति/ जनजाति के लिए 5 प्रतिशत की छूट भी है। अधिकतम 55 वर्ष तक की अभ्यर्थी आवेदन का सकती हैं। 1इनमें करना होगा शोध : चयन के बाद अभ्यर्थी को विज्ञान, इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी तथा मानविकी व समाज विज्ञान के क्षेत्र में शोध कार्य करना होगा। चयन यूजीसी की स्क्रीनिंग कमेटी करेगी। चयन के बाद शोधार्थी को पहले दो वर्षो तक 18000 रुपये प्रति माह तथा दो वर्षो के बाद 20,000 रुपये बतौर फेलोशिप दिए जाएंगे।


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जूनियर भर्ती अपडेट..


आज इलाहबाद में सचिव कार्यालय का सैंकडो अभ्यर्थियों द्वारा घेराव किया गया, उसके बाद सचिव संजय
सिन्हा को एकप्रतिनिधि मंडल द्वारा ज्ञापन दिया गया, प्रतिनिधि मंडल में शामिल "देवेन्द्र यादव" से हुई फोन पर वार्ता के अनुसार....उनसे जूनियर भर्ती मे देरी का कारण भी पूछा, जिस पर उन्होंने कहा कि निक (NIC)
डाटा माँगा लिया गया है ,भर्ती पर कोई रोक नहीं है,बस लिस्ट जारी करने का कार्य अंतिम चरण में है,मेरिट लिस्ट जारी करने की दिनांक के बारे में उन्होंने लगभग 5या 6दिसम्बर का समय दिया,, सभी साथियों से अच्छी प्रकार बात की,, और भर्ती में किसी प्रकार कि बाधा न होने का आश्वासन दिया, साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि इसमेंस्नातक कृषि सहित विज्ञापन के अनुसार सभी प्रोफसेनल स्नातक भी शामिल रहेगे,, अत : जूनियर भर्ती अति शीघ्र शुरू होने वाली है,, और साथ कल के लिए निदेशक से मिलने का भी समय लिया गया है,,

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Friday, November 29, 2013

रिटायरमेंट के बाद शिक्षकों को एक और तैनाती


सहायता प्राप्त अशासकीय डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शासन ने रिटायर्ड शिक्षकों को मानदेय पर पढ़ाने की अनुमति दे दी है।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है।
इसमें रिटायर्ड शिक्षकों के लिए 400 से 600 से रुपये प्रति लेक्चर के हिसाब से मानदेय और शिक्षकों की चयन प्रक्रिया के बारे में भी प्रावधान किया गया है।
प्रदेश के सहायता प्राप्त अशासकीय डिग्री कॉलेजों में इस समय शिक्षकों के काफी पद खाली हैं। नए शिक्षकों की नियुक्ति न होने से अध्यापन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में शासन की ओर से नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके तहत रिटायर हो चुके शिक्षकों के अनुभव का लाभ उठाया जा सकेगा।
ऐसे शिक्षक मानदेय के आधार पर कॉलेजों में 65 वर्ष की आयु तक पढ़ा सकेंगे। इस संबंध में उच्च शिक्षा सचिव नीरज कुमार गुप्ता ने शासनादेश जारी कर दिया है।
इसके बाद मानदेय के आधार पर शिक्षकों के पढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षकों की चयन समिति का गठन किया जाएगा।
समिति का अध्यक्ष संबंधित जनपद के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय का प्राचार्य होगा।
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी सदस्य संयोजक और संबंधित महाविद्यालय के प्राचार्य और स्नातक महाविद्यालय के वरिष्ठतम रीडर सदस्य के रूप में होंगे।
समिति द्वारा चुने हुए शिक्षकों का अनुमोदन संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में गठित समिति से कराना होगा।

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बेसिक शिक्षा निदेशालय का आज घेराव


इलाहाबाद। हिन्दुस्तान संवादाता
प्रतियोगी छात्रो नें 29,334 उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरु करने की मांग
की है। आवेदकों का कहना है कि आवेदन दिए हुए एक माह बीत गया है लेकिन काउंसलिंग की तिथि अभी निर्धारित
नहीं हुई है। इसलिए शुक्रवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव होगा।


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Ab Academic Merit Par bharti ki mang

बीटीसी दाखिलों में इंटरनेट की मार्क्सशीट मान्य : SCERT ने प्रस्ताव शासन को भेजा

 लखनऊ। बीटीसी में दाखिले के लिए अब इंटरनेट से डाउनलोड की हुई स्नातक की मार्क्सशीट भी मान्य होगी। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने इसका प्रस्ताव शासन को भेजा है। शासन से स्वीकृति के इंतजार में ही बीटीसी की काउंसलिंग प्रक्रिया रुकी हुई है। शासन के निर्णय के बाद ही मेरिट तैयार की जाएगी।
बीटीसी में दाखिले के लिए काउंसलिंग का पहला चरण पूरा हो चुका है। इसमें जिला स्तर पर ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। उसके बाद सभी डायट में दस्तावेजों की जांच की गई थी। इसमें शामिल सभी अभ्यर्थियों का ब्यौरा एससीईआरटी को भेज दिया गया है। अब प्रदेश स्तर पर मेरिट तैयार होनी है। इसी बीच दस्तावेजों की जांच के आधार पर ढेरों अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त किए गए थे। इनमें करीब डेढ़ हजार ऐसे थे जिन्होंने काउंसलिंग के दौरान मूल अंकपत्र पेश नहीं किए थे। उनके पास इंटरनेट से जारी मार्कशीट थी। नियमावली के अनुसार मूल अंकपत्र जरूरी है। इसी आधार पर उनका आवेदन निरस्त किया गया था।
जिनके आवेदन निरस्त हुए उन्होंने प्रत्यावेदन देकर इंटरनेट की मार्क्सशीट को भी मान्य करने की मांग की। खासकर दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों ने तर्क दिया है कि वहां मैनुअल मार्क्सशीट दी ही नहीं जाती। सिर्फ इंटरनेट पर ही मार्क्सशीट जारी होती है। उसका सत्यापन भी इंटरनेट पर किया जा सकता है। डिग्री भी अभी मिली नहीं है। अभ्यर्थियों की इस दलील के बाद एससीईआरटी ने शासन को प्रस्ताव भेजा है कि इंटरनेट की मार्क्सशीट को भी मान्य किया जाए। अब शासन इसे स्वीकृति दे देता है तो सभी विश्वविद्यालयों के छात्रों को लाभ होगा जो इंटरनेट पर मार्कशीट जारी करते हैं।

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Thursday, November 28, 2013

15 दिसंबर को ही होगी सिपाही भर्ती परीक्षा




विष्णु मोहन
गुरुवार, 28 नवंबर 2013
लखनऊ यूपी पुलिस में सिपाहियों की प्रस्तावित प्रारंभिक भर्ती परीक्षा 15 दिसंबर को ही होगी। इसमें चार लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा जो शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल होंगे। शारीरिक दक्षता में पास होने वालों को अंतिम परीक्षा देनी होगी, जिसके बाद उनका चयन होगा। पुलिस प्रोन्नति एवं भर्ती बोर्ड के अधिकारियों ने प्रारंभिक परीक्षा आयोजित कराने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है।
बोर्ड के अफसरों का कहना है कि भर्ती में आरक्षण को लेकर अदालत में चल रहे वाद और उस पर आने वाले फैसले से फिलहाल परीक्षा की प्रक्रिया बाधित नहीं होगी। बोर्ड के सचिव अमिताभ यश ने कहा कि बोर्ड अपनी तैयारी कर रहा है और समय पर परीक्षा कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा 15 दिसंबर की तय तिथि को ही होगी।
हर रेंज में होगी शारीरिक दक्षता परीक्षा सचिव ने बताया कि प्रारंभिक परीक्षा में चयनित होने वाले चार लाख से अधिक अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा सभी रेंज में कराई जाएगी। हर रेंज में बीस हजार या इससे अधिक अभ्यर्थियों की परीक्षा होगी। फाइनल रिजल्ट में लग सकते हैं चार से छह माह अफसरों के मुताबिक प्रारंभिक परीक्षा की कॉपियों को जांचने में दो महीने लगेंगे। इसके बाद लगभग एक महीने तक शारीरिक दक्षता परीक्षा की प्रक्रिया जारी रहेगी। परिणाम आने के बाद अंतिम परीक्षा की तैयारी की जाएगी और इसके नतीजे आने में दो से तीन माह का समय लग सकता है। ऐसे में फाइनल रिजल्ट आने में चार से छह माह लग सकते हैं।
 


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रिजल्ट नहीं महकमों के पास



27-11-13T21:05:57 लखनऊ (उप ब्यूरो) हाई कोर्ट ने नवंबर 2011 में हुई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के आधार परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के आधार पर 72,825 पदों पर शिक्षकों की भर्ती का जो आदेश दिया है, उसे अमली जामा पहनाने में कई पेंच हैं। अदालत
के आदेश के आधार पर भर्ती करने से पहले सरकार को सरकार को कई मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट करनी होगी। अव्वल यह है कि 13 नवंबर 2013 को आयोजित हुई टीईटी का कोई प्रामाणिक परीक्षाफल तो बेसिक शिक्षा विभाग के पास मौजूद है और न ही आयोजक संस्था यूपी बोर्ड के पास। टीईटी के रिजल्ट की कोई हार्ड कॉपी तो यूपी बोर्ड के पास है और ही बेसिक शिक्षा विभाग के। यूपी बोर्ड ने टीईटी के रिजल्ट की सिर्फ एक सीडी राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को सौंपी थी। हाई कोर्ट के आदेश पर तो यूपी बोर्ड ने टीईटी के अभ्यर्थियों के रिजल्ट को संशोधित किया ही, इसी की आड़ में टीईटी के रिजल्ट में धांधली भी की गई। इस धांधली में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को जेल जाना पड़ा था। लेकिन शिक्षक भर्ती के लिए जिम्मेदार बेसिक शिक्षा महकमे को पुख्ता तौर पर यह जानकारी नहीं है कि दूध में कितना पानी मिलाया गया। यानी कितने अभ्यर्थियों के अंकों से नाजायज तरीके से  छेड़छाड़ की गई, यह अब तक सामने नहीं
पाया है। इस मामले की पड़ताल में कभी सरकार ने भी रुचि नहीं दिखाई। अब धर्मसंकट यह है कि इसी तोड़ी-मरोड़ी गई मेरिट के आधारपर अभ्यर्थियों की रोजी-रोटी तय होना है। दूसरी दिक्कत यह है कि 30 नवंबर 2011 को शिक्षक भर्ती के लिए जारी विज्ञापन के जरिये अभ्यर्थियों को सिर्फ पांच जिलों में आवेदन की छूट थी। हाईकोर्ट के
आदेश पर शिक्षकों की भर्ती के लिए 20 दिसंबर 2011 को फिर से विज्ञापन जारी किया गया जिसमें अभ्यर्थियों को ऐच्छिक जिलों में आवेदन की छूट दी गई थी। इस विज्ञापन के तहत 68,06,434 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था जिन्होंने आवेदन शुल्क के रूप में बैंक ड्राफ्ट लगाये थे। शिक्षक भर्ती अटक जाने से कई अभ्यर्थियों ने आवेदन शुल्क वापस ले लिया। जिन आवेदकों ने आवेदन शुल्क वापस नहीं लिया, छह महीने बीतने के बाद उनके द्वारा जमा किये गए ड्राफ्ट की वैलेडिटी खत्म हो चुकी है। ऐसे में अब विभाग यदि पुराने विज्ञापन के आधार पर भर्ती शुरू करने की सोचता है तो यह भी पेंच फंसेगा।
 


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