Thursday, August 8, 2013

साक्षर भारत अभियान की राह में कई रोड़े


  • लोक शिक्षा केंद्रों की स्थापना व प्रेरकों के चयन की रफ्तार सुस्त

    • मानदेय का भुगतान न होने से सिर्फ एक-तिहाई धनराशि खर्च

  • नहीं हो रहा मानदेय का भुगतान  साक्षर भारत अभियान के तहत उप्र को अब तक 280.66 करोड़ रुपये मिल चुके हैं लेकिन खर्च हुए हैं सिर्फ 92 करोड़ रुपये। योजना की धनराशि खर्च न हो पाने की वजह यह है कि प्रेरकों को मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा है। मानदेय का भुगतान संबंधित ग्राम पंचायत लोक शिक्षा समिति के बैंक खाते से किया जाना है। मानदेय भुगतान इस वजह से अटक रहा है क्योंकि अब तक सिर्फ 42,465 लोक शिक्षा समितियों के बैंक खाते ही खुल पाये हैं। बैंक खाते खुलवानें में तकनीकी दिक्कतें आड़े आ रही हैं


लखनऊ : साक्षरता की अलख जगाने के लिए शुरू किया गया साक्षर भारत अभियान सूबे में कई झंझावातों से गुजर रहा है। अभियान के तहत चयनित जिलों की ग्राम पंचायतों में न तो अभी तक लोक शिक्षा केंद्र स्थापित हो पाये हैं, न ही लोक शिक्षा केंद्रों में प्रेरकों का चयन हो पाया है। सुस्ती का आलम यह है कि अभियान के लिए जारी की जा चुकी धनराशि का बामुश्किल एक-तिहाई ही अब तक इस्तेमाल हो पाया है। आठ सितंबर 2009 को देशव्यापी स्तर पर शुरू किया गया यह अभियान प्रदेश के उन 66 जिलों में चलाया जा रहा है जिनमें वर्ष 2001 की जनगणना में 15 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाओं की साक्षरता दर 50 फीसद से कम पायी गई थी। 1 अभियान का मकसद पुरुषों और महिलाओं की साक्षरता दरों के अंतर को घटाकर 10 फीसद तक लाना है। वर्ष 2009-10 में अभियान के पहले चरण में 26 जिलों का चयन किया गया था। वहीं 2011-12 में दूसरे चरण में बाकी बचे 40 जिलों में अभियान को लागू करने की मुहिम शुरू हुई। 1लोक शिक्षा केंद्रों की स्थापना की रफ्तार सुस्त : अभियान के तहत चयनित जिलों की प्रत्येक ग्राम पंचायत में लोक शिक्षा केंद्र स्थापित किये जाने हैं। लक्ष्य के मुताबिक पहले चरण के 26 जिलों में 19,964 लोक शिक्षा केंद्र स्थापित किये जाने हैं चार साल बाद भी अब तक 18,794 ग्राम पंचायतों में ही केंद्र स्थापित किये जा सके हैं। दूसरे चरण के 40 जिलों की 29,936 ग्राम पंचायतों में से 25,830 में ही लोक शिक्षा केंद्रों की स्थापना हो सकी है। 1प्रेरकों का चयन हुआ दुश्वार : ग्राम पंचायत में परिवारों का सर्वेक्षण कर 15 वर्ष से अधिक उम्र के निरक्षरों का पता लगाने और स्वयंसेवी शिक्षकों का चयन करने के लिए प्रत्येक लोक शिक्षा केंद्र में दो प्रेरक नियुक्त किये जाने हैं। 1पहले चरण के 26 जिलों में 38,928 के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 36,773 प्रेरकों का चयन किया जा सका है। वहीं दूसरे चरण के 40 जिलों में 59,872 के लक्ष्य के सापेक्ष महज 23,739 प्रेरक ही नियुक्त किये जा सके हैं। प्रेरकों का चयन ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में गठित ग्राम लोक शिक्षा समिति करती है। दिक्कत यह है कि प्राय: ग्राम प्रधान प्रेरकों के चयन में निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं जिसकी वजह से उनके सुझाये हुए नाम जिला लोक शिक्षा समिति नामंजूर कर देती है।

Source: DJ, 8 Aug,13


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कंप्यूटर शिक्षक पढ़ा रहे इतिहास-भूगोल

बिजली के अभाव व शिक्षकों के प्रशिक्षण बिना कंप्यूटर बने शोपीस


Click here to enlarge imageवाराणसी: बेसिक शिक्षा परिषद के जूनियर स्कूलों में 502 अनुदेशकों की तैनाती कर दी गई है। कंप्यूटर, कला, उद्यान एवं फल संरक्षण, व्यायाम, गृह विज्ञान, व कृषि विज्ञान पढ़ाने के लिए तैनात इन शिक्षकों(अनुदेशक) को क्या-क्या पढ़ाना है, शासन से इस बाबत कोई गाइड लाइन नहीं दी गई है। एक माह बीत चुका है। इतना ही नहीं कुछ स्कूलों में जहां कंप्यूटर शिक्षकों की तैनाती की गई है वहां बिजली तक की व्यवस्था नहीं है। लिहाजा कंप्यूटर के शिक्षक गणित, इतिहास, भूगोल, हिंदी समेत अन्य विषय छात्र-छात्रओं को पढ़ा रहे हैं। 1दूसरी, तरफ विभागीय अधिकारियों का दावा है कि जिले में 111 जूनियर विद्यालय कंप्यूटर से आच्छादित हैं। 73 कंप्यूटर शिक्षकों की तैनाती उन्हीं विद्यालयों में की गई है जहां कंप्यूटर है। 1कई कंप्यूटर शिक्षकों की यह भी शिकायतें हैं कि विद्यालय में कंप्यूटर ही नहीं है, हालांकि इस बाबत जिले के कई ब्लाकों के खंड शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि कुछ कंप्यूटर आर्थिक गणना आदि कार्यो के लिए दिए गए थे, जिसको लेने के लिए आदेश जारी कर दिया गया है। कार्यवाहक बेसिक शिक्षा अधिकारी मोती चंद्र चौरसिया ने कहा कि शीघ्र ही कंप्यूटर शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी।

Source: DJ, Varanasi, 8Aug,13

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UP Basic Education : Big Forgery in Teachers Recruitment Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/2013/08/up-basic-education-big-forgery-in.html#ixzz2bLMB4gRZ

UP Basic Education : Big Forgery in Teachers Recruitment


UP Basic Education : Big Forgery in Teachers Recruitment




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UP TGT PGT : टीजीटी-पीजीटी प्रवेश पत्र होगा ऑनलाइन

UP TGT PGT : टीजीटी-पीजीटी प्रवेश पत्र होगा ऑनलाइन

इलाहाबाद (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से होने वाली टीजीटी-पीजीटी परीक्षा में इस बार ऑनलाइन प्रवेश पत्र भी मिलेंगे। चयन बोर्ड ने परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए पहली बार ऑनलाइन प्रवेश पत्र जारी करने का निर्णय किया है। प्रवेश पत्रों को ऑनलाइन करने का काम परीक्षार्थियों को डाक से प्रवेश पत्र भेज देने के बाद किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन 25 अगस्त, एक और आठ सितंबर को किया जाएगा। परीक्षा की शुचिता को बनाए रखने के लिए चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. देवकी नंदन शर्मा ने पूरी परीक्षा प्रणाली को ऑनलाइन करने का फैसला किया है। चयन बोर्ड ने इस बार परीक्षा में नकल रोकने के लिए एक साथ आवेदन करने वाले परीक्षार्थियों के आवेदन को मिक्सिंग के बाद आगे-पीछे रोल नंबर की सेटिंग को रोकने का काम किया है।
पहली बार चयन बोर्ड परीक्षा के दिन ही प्रश्नपत्र का हल जारी कर देगा। परीक्षार्थियों की ओर से सही उत्तर का मिलान करने और उनकी आपत्तियों को सुनने के बाद ही चयन बोर्ड उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन करेगा

News Sabhaar : Amar Ujala (7.8.13)




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CM का छापाः बीएसए को हटाया, DSO सहित दो अधिकारी सस्पेंड

लखनऊ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को यूपीए अध्यक्ष व सांसद सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र के गांव रैन में छापा मारा। वहां के हालात देखकर नाराज अखिलेश ने तीन अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर ही सजा भी दे दी है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया को हटाकार मुरादाबाद राजकीय विद्यालय का प्रिंसिपल बना है, तो जिला आपूर्ति अधिकारी विद्याराम अहिरवार और जिला आपूर्ति इंस्पेक्टर सुशील चंद वाजपेयी को सस्पेंड कर दिया है।
Akhilesh Yadav raebareliपरिषदीय स्कूल में बेसिक शिक्षा की बदहाल दशा को देखकर अखिलेश काफी नाराज हुए थे। उन्होंने लोहिया गांव में विकास की खराब दशा से भी सीएम रू-ब-रू हुए। हैंडपंपों व सड़कों की दशा खराब मिली। तमाम कमियां मिलने के बाद वह बेहद नाराज हुए। सीएम ने संबंधित अधिकारियों को तीखे शब्दों में कड़ी चेतावनी दी। कहा कि जनता का काम न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर, मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने भी जिला अस्पताल में छापा मारकर स्वास्थ्य सेवाओं को परखा। इस दौरान उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाएगा।
जावेद उस्मानी ने चखा स्कूल का कढ़ी-चावल
गांव की सुशीला का लोहिया आवास पूरा न होने पर वह नाराज हुए। गांव के लोगों ने शिकायत की कोटेदार राशन नहीं बांटता है। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने पूर्व माध्यमिक स्कूल रैन में पहुंचकर एमडीएम में पके कढ़ी-चावल को चखा। स्कूल में बदहाल शिक्षण व्यवस्था पर नाराजगी जताई।
मौके पर दो कक्षाएं ही चलती मिलीं। बच्चों से पढ़ाई व पुस्तकों के बारे में जानकारी ली। बताया कि शिक्षकों की कमी से पढ़ाई बाधित है। सभी किताबें नहीं मिली हैं।
स्कूल एकल शिक्षक के सहारे संचालित होने पर वह बहुत नाराज हुए। कहा कि बीएसए क्या करता है। डीएम से व्यवस्था देखने को कहा।

तमाम शिकायतों का खुला पिटारा

सीएम ने पंचायत भवन में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की शिकायतों को भी सुना। गांव के लोगों ने बिजली, पानी, पेंशन, आवास सहित अन्य तमाम समस्याओं को सीएम के सामने रखा।
मुख्यमंत्री ने सबकी समस्याओं को सुनने के बाद कहा कि बजट के अभाव में लोहिया गांवों में सीसी रोड के लिए पूरा धन नहीं मिल पा रहा है।
रैन गांव की सभी सड़कों को सीसी रोड से आच्छादित करने के लिए उन्होंने पूरा धन देने की बात कही। उन्होंने लोहिया आवासों की लागत को भी बढ़ाने पर विचार किए जाने की बात कही।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से गांव में अस्पताल और डिग्री कॉलेज खुलवाने की मांग की। आश्वासन देते हुए सीएम ने कहा कि जल्द ही समस्याओं को दूर किया जाएगा। उधर, स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन भी अचानक जिला अस्पताल पहुंच गए और स्वास्थ्य सेवाओं को देखा।
अरे मैं तो अपने ही गांव में आ गया…
रैन गांव के प्रधान व सपा से बछरावां विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष राम बहादुर यादव से क्षेत्रीय विधायक रामलाल अकेला ने परिचय कराया तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बोले अरे! मैं तो अपने ही गांव आ गया हूं।
यहां तो ज्यादा देखने की जरूरत ही नहीं है। शायद यही कारण रहा कि तमाम कमियां मिलने के बाद भी सीएम ने किसी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश नहीं दिया।
मीडिया से बनाए रखी दूरी, कहा गोपनीय दौरा
मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार जिले आए अखिलेश यादव ने मीडिया से पूरी तरह से दूरी बनाए रखी। पूर्व माध्यमिक स्कूल रैन में एमडीएम व शिक्षण व्यवस्था को चेक करते समय मीडिया कर्मियों को पूरी तरह से दूर रखा गया।
 
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Wednesday, August 7, 2013

उर्दू भाषा शिक्षकों के 4280 पदों पर होगी भर्ती

Updated on: Tue, 06 Aug 2013 09:49 PM (IST) उर्दू भाषा शिक्षकों के 4280 पदों पर होगी भर्ती जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में उर्दू भाषा शिक्षकों के 4280 रिक्त पदों पर भर्तियां की जाएंगी। इन पदों पर 11 अगस्त 1997 से पहले के मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग उत्तीर्ण करने वाले उन अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी जो भाषा शिक्षकों लिए आयोजित अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण कर चुके होंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने शासनादेश जारी करते हुए इन पदों को भरने की अनुमति दे दी है। शासन ने इन रिक्त पदों को भरने की सभी कार्यवाही 31 अक्टूबर तक पूरा करने का निर्देश दिया है। हालांकि परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 27 व 28 जून को आयोजित टीईटी का परिणाम आना अभी बाकी है। कहां कितने पद खाली : अलीगढ़ में 109, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत, मुरादाबाद, संभल व रामपुर में से प्रत्येक में 108, बिजनौर, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, लखनऊ, सीतापुर, आजमगढ़, देवरिया, संत कबीर नगर, बाराबंकी, गोंडा व बहराइच में से प्रत्येक में 107, आगरा, मैनपुरी, कानपुर नगर व इटावा में प्रत्येक में 38, हाथरस, मथुरा, फिरोजाबाद, एटा, कांशीराम नगर, जेपी नगर, कानपुर देहात, कन्नौज, फर्रुखाबाद, औरैया, बागपत, गौतम बुद्ध नगर, शामली, उन्नाव, रायबरेली, हरदोई, लखीमपुर खीरी, कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, झांसी, ललितपुर, जालौन, वाराणसी, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, मीरजापुर, सोनभद्र, संत रविदास नगर, मऊ, बलिया, गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, सुलतानपुर, अमेठी, बलरामपुर, श्रावस्ती, चित्रकूट, बांदा और महोबा में से प्रत्येक में 33 पदों पर उर्दू भाषा शिक्षकों की भर्तियां होंगी।

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Shiksako ke bharti ke asar nahi ?

LT Grade Teacher Uttar Pradesh Recruitment : शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की जगी उम्मीद


शिक्षा महकमे ने शासन को भेजा प्रस्ताव
इलाहाबाद। सूबे के राजकीय इंटरमीडिएट कालेज तथा हायर सेकेण्डरी स्कूलों में लंबे अर्से से खाली पड़े शिक्षकों के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जल्द ही शिक्षा विभाग शुरू करने जा रहा है। इस आशय का प्रस्ताव शिक्षा विभाग की ओर से शासन को भेजा जा चुका है। राज्य के राजकीय माध्यमिक विालयों में इस समय प्रशिक्षित स्नातक वेतनमान के 3000 से भी अधिक पद खाली चल रहे हैं। इनकी नियुक्ति मंडल स्तर पर संयुक्त शिक्षा निदेशक के द्वारा की जाती है। इसके अलावा प्रवक्ता तथा प्रधानाचार्य के पदों पर लोक सेवा आयोग द्वारा नियुक्ति की जाती है। इस समय प्रधानाचार्य के लगभग 2000 पद खाली हैं। चूंकि लोक सेवा आयोग की भर्ती प्रक्रिया काफी लंबी है इसलिए इनके खाली पदों पर नियुक्तियां जल्द होना मुश्किल है। प्रशिक्षित स्नातक के खाली पदों पर 50 प्रतिशत महिलाओं से भर्ती की जायेगी।
पिछले वर्ष शिक्षकों के 1200 टीजीटी के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन कुछ लोगों के द्वारा इसके विरुद्ध उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दिए जाने से भर्ती प्रक्रिया रुक गई थी। अब सरकार पुन: नये सिरे से प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय किया है
मंडल स्तर पर संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा आवेदन मांगे जाएंगे। सबसे पहले जो जूनियर हाईस्कूल को उच्चीकृत कर हाईस्कूल बनाया गया है, उन्हीं स्कूलों में इन शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी। यहां लगभग 8500 शिक्षकों की जरूरत बताई जा रही है।शिक्षा महकमे ने शासन को भेजा प्रस्ताव


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