Tuesday, November 11, 2014

पूरे प्रदेश में 47 लाख बच्चों ने की पढ़ाई से तौबा : बेसिक शिक्षा के हाउस होल्ड सर्वे में हुआ खुलासा

  • प्राइमरी व जूनियर शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
  • सूबे के 47 लाख बच्चे छोड़ गए स्कूल
 प्रत्येक बच्चे को शिक्षित करने के लिए चलाए गए सर्वशिक्षा व स्कूल चलो अभियान सूबे में दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। हाउस होल्ड सर्वे के यदि आंकड़ों पर गौर किया जाए तो एक साल में प्रदेश के 47 लाख बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया है। ये सभी बच्चे छह से 14 वर्ष की उम्र के हैं और ये कक्षा आठ तक उत्तीर्ण नहीं कर सके। इससे पहले ही इन्होंने बस्ता खूंटी पर टांग दिया। इस खुलासे ने प्रदेश की प्राइमरी व जूनियर शिक्षा व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। 


हर वर्ष प्रदेश में हाउस होल्ड सर्वे कराया जाता है। सर्वे कराने की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग को दी जाती है। इस वर्ष अगस्त से सितंबर तक उत्तर प्रदेश के सभी शहरों में यह सर्वे हुआ है। सर्वे सभी सहायता प्राप्त, राजकीय, परिषदीय, पब्लिक और कान्वेंट स्कूल के बच्चों पर होता है। सर्वे में स्कूल न जाने वाले छह से 14 वर्ष की उम्र के बच्चों को चिह्नांकित किया जाता है। 
इस वर्ष की सर्वे रिपोर्ट खासी चौंकाने वाली है। पिछले वर्ष 2013 में इस उम्र के स्कूल जाने वाले तीन करोड़, 85 लाख, 78 हजार 870 बच्चे चिह्नित किए गए थे। लेकिन वर्ष 2014 में हुए सर्वे में इन बच्चों की संख्या तीन करोड़, 38 लाख, 63 हजार 498 ही रह गई है। इस हिसाब से वर्ष 2013 से 2014 तक एक वर्ष में ही सूबे के 47 लाख, 15 हजार 372 बच्चों ने कक्षा आठ पास करने से पहले ही स्कूल छोड़ दिया। जबकि इन बच्चों को स्कूल लाने के लिए हजारों करोड़ रुपए वाली सर्वशिक्षा अभियान परियोजना भी चल रही है।

लखनऊ में 1 लाख 5 हजार बच्चों ने छोड़ा स्कूल
सर्वे रिपोर्ट की मानें तो सबसे ज्यादा आगरा के बच्चों ने स्कूल छोड़ा है। आगरा के दो लाख, 92 हजार 95 बच्चों ने एक वर्ष में स्कूल छोड़ दिया है। वहीं सूबे की राजधानी लखनऊ में यह संख्या एक लाख पांच हजार है। जबकि इलाहाबाद में 51 हजार और अलीगढ़ में 14,498 है।

इलाहाबाद के 51 हजार बच्चे नहीं जा रहे स्कूल
हाउस होल्ड सर्वे के दौरान प्रदेश में कभी स्कूल न जाने वाले बच्चों का भी खुलासा हुआ है। वर्ष 2013 में स्कूल न जाने वाले बच्चों का आंकड़ा 78 हजार था। जबकि इस वर्ष यह आंकड़ा 51 हजार बच्चों का है।
खबर साभार : अमर उजाला 

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