Friday, October 31, 2014

एससीईआरटी ने कठिनाई निवारण समिति के पास भेजा प्रश्नों का पुलिंदा


शिक्षक भर्ती मामला

एससीईआरटी ने कठिनाई निवारण समिति के पास भेजा प्रश्नों का पुलिंदा

इलाहाबाद : प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में साठ फीसदी सीटें भरने पर महकमा भले ही अपनी पीठ ठोंक रहा हो, लेकिन बिना तैयारी आगे बढ़ने के कारण उसे हर कदम पर नियमों में उलझना पड़ रहा है। दूसरे चरण की काउंसिलिंग में तरह-तरह के मामले सामने आए हैं उनमें से करीब एक दर्जन प्रकरणों का निस्तारण हो चुका है लेकिन फिर करीब डेढ़ दर्जन नए प्रकरण सामने आए हैं। इनका जवाब खोजा जा रहा है।

प्रदेश भर में 72825 शिक्षकों की भर्ती की तीसरी काउंसिलिंग तीन नवंबर से शुरू होगी। इसके पहले ही राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) लखनऊ सारे मामलों का हल खोज लेना चाहती है। दूसरे चरण की काउंसिलिंग में मेरिट गिरने पर बड़ी तादाद में अभ्यर्थी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण केंद्रों (डायट) पर पहुंचे थे। हालत यह हो गई थी कि कई जिलों में पद से अधिक अभ्यर्थी आने पर डायट प्रशासन ने उनके अभिलेख लौटा दिए हैं। ज्यादा काउंसिलिंग होने से तमाम ऐसे बिंदु भी सामने आए जिस संबंध में प्रशिक्षण संस्थानों को कोई निर्देश नहीं था।

एससीईआरटी ने शिक्षक भर्ती के लिए बनी राज्य स्तरीय कठिनाई निवारण समिति को इस तरह के मामलों की पूरी सूची भेजी है। इसमें करीब डेढ़ दर्जन सवाल हैं और उनके जवाब समिति से मांगा गया है। इसमें पूछा गया है कि अन्नामलाई विश्वविद्यालय का पत्रचार से बीएड मान्य है या नहीं। बीकानेर का भागवत विद्यापीठ ट्रस्ट का बीएड भर्ती में माना जाएगा या नहीं। ऐसे ही दिल्ली विश्वविद्यालय का बीएलएड को मंजूरी दी जाए और रोहतक दयानंद विश्वविद्यालय का बीएड मान्य होगा या नहीं। समिति के अध्यक्ष बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा की अगुवाई में इनका उत्तर खोजने के लिए जल्द ही मंथन होगा। इन सवालों से समिति के अफसर भी हलकान हैं। नाम न छापने की शर्त पर वे कहते हैं कि एससीईआरटी प्रदेश की प्रमुख शिक्षक प्रशिक्षण संस्था है और उसका राष्ट्रीय शैक्षिक प्रशिक्षण संस्थान (एनसीटीई) से सीधा संपर्क है। उसे सीधे केंद्र से इनका जवाब पूछना चाहिए। राज्य स्तरीय समिति आखिर देश स्तर के शैक्षिक संस्थानों के संबंध में क्या जवाब देगी।

यदि समिति संबंधित संस्थाओं के प्रमाणपत्र मानने से इनकार करने को कहती है तो उसे कोर्ट में जवाब देना पड़ सकता है और यदि मान लेती है तो सरकार गैर प्रांतों के प्रमाणपत्र मानती है या नहीं, यह भी तय नहीं है। फिलहाल असमंजस बरकरार है। हालांकि इस मुद्दे पर सचिव श्री सिन्हा कहते हैं कि समिति जल्द ही एससीईआरटी के सवालों पर विचार करने के बाद अपना निर्णय उसे सौंप देगी।

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