मुख्यमंत्री
तक अपनी समस्याएं व शिकायतें पहुंचाने के लिए जनता को अब लखनऊ तक दौड़
नहीं लगानी होगी। अब आप कॉल सेंटर के जरिये मुख्यमंत्री तक अपनी शिकायत या
समस्याएं पहुंचा सकेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय में नए कॉल सेंटर की स्थापना
की तैयारी की जा रही है।

इस पर अमल के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की 19 अगस्त
को बैठक प्रस्तावित है। इसमें इस योजना को अमलीजामा पहनाने पर विचार-विमर्श
होगा। जनता की समस्याओं और शिकायतों के प्रभावी निस्तारण के लिए सरकार ने
बाहरी एजेंसी का सहयोग लेने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में प्रदेश के कोने-कोने से अपनी शिकायतें लेकर आने वालों की सहूलियत के लिए अब ऑनलाइन शिकायतें दर्ज कराने की भी व्यवस्था शुरू की जा रही है। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय में आने वाली शिकायतों के पंजीकरण के लिए आउट सोर्सिंग एजेंसी को लगाने का प्रस्ताव तैयार कराया गया है।
आउट सोर्सिंग एजेंसी प्रकोष्ठ में आने वाली हर शिकायत का पंजीकरण करके
उसे संबंधित विभाग को कार्यवाही के लिए संदर्भित करेगी और निस्तारण होने तक
इसकी मॉनीटरिंग भी करेगी। लोक शिकायत प्रकोष्ठ प्रकोष्ठ में पंजीकृत
शिकायतों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजी जाएगी। गंभीर
शिकायतों पर जांच आदि के बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय से भी निर्देश दिए
जाएंगे।
लोक शिकायत प्रकोष्ठ के साथ ही नया कॉल सेंटर भी स्थापित किया जाएगा। इस
कॉल सेंटर में लोग फोन के जरिये या फिर ऑनलाइन अपनी शिकायतें दर्ज करा
सकेंगे। कॉल सेंटर में सभी शिकायतों का लेखा-जोखा रखा जाएगा और संबंधित
विभाग से कार्यवाही के बारे में फीडबैक लेकर शिकायतकर्ता को सूचित भी किया
जाएगा।
अधिकारियों का कहना है कि जनता की सहूलियत के साथ-साथ लोक शिकायत
प्रकोष्ठ को प्रभावी बनाने के मकसद से यह व्यवस्था शुरू की जा रही है। इसके
लागू हो जाने के बाद लोगों को लखनऊ तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
इसके क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है जो आउट सोर्सिंग एजेंसी का चयन करने के साथ ही कॉल सेंटर की व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देगी। सोमवार को समिति की बैठक में इस बारे में विस्तार से विचार-विमर्श किया जाएगा।
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