Tuesday, October 1, 2013

स्थायी टीचर, टीईटी की बाध्यता नहीं




कछौना। ब्लॉक संसाधन केंद्र पर आयोजित शिक्षामित्रों की बैठक में संघ के जिलाध्यक्ष मनीराम ने कहा कि प्रथम बैच के सभी शिक्षामित्र जनवरी माह में स्थायी टीचर बनाए जाएंगे और साथ में टीईटी के लिए अब कोई बाध्यता नहीं होगी।
उन्होंने संगठन को मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि आज तो सपना पूरा होने जा रहा है, वह संगठन की लड़ाई का नतीजा है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि शिक्षामित्र निराश न हो आगामी जनवरी माह में प्रथम बैच के शिक्षामित्र को सरकार द्वारा समायोजित कर स्थायी टीचर बनाने का शासनादेश जारी हो चुका है। उन्होंने बताया कि शिक्षामित्रों का एक प्रतिनिधिमंडल दो सितंबर को मुख्यमंत्री से मिला था, जिस पर मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि वह जल्द ही शिक्षामित्रों को समायोजित करेंगे। इस मौके पर कई शिक्षामित्र मौजूद थे।



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शिक्षकों की भर्ती में यूपी फिसड्डी



-आरटीई पर जारी ताजा आंकड़े में हुआ खुलासा
नई दिल्ली। प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के मामले में उत्तर प्रदेश पूरे देश में फिसड्डी साबित हुआ है। आरटीई कानून 2009 में बनने के बाद तीन साल तक जरूरी व्यवस्था की लिए मिली मोहलत के बावजूद यूपी में शिक्षकों की भर्ती के मामले में कुछ खास नहीं किया गया। अप्रैल, 2013 में इस एक्ट के प्रभावी हो जाने के बाद पहली बार जारी हुए आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के 306680 पद रिक्त हैं। इस मामले में बिहार दूसरे स्थान पर है।
केंद्रीय शिक्षा सलाहकार समिति (केब) की 10 अक्तूबर को होने वाली बैठक में देश में आरटीई कानून में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा होगी। बैठक से पहले आरटीई में देश के विभिन्न राज्यों की प्रगति संबंधी रिपोर्ट के अनुसार स्कूलों में ढांचा के निर्माण का काम तो अधिकांश राज्यों ने पूरा कर लिया है किंतु शिक्षकों की भर्ती, उनके प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम में बदलाव जैसे अहम कदम उठाने में कई राज्य बहुत पीछे हैं। देश में इस समय कुल 1187761 शिक्षकों के पद रिक्त हैं इनमें से चालीस फीसदी रिक्तियां अकेले यूपी और बिहार में हैं।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार देश में इस समय कार्यरत शिक्षकों में से 20 फीसदी शिक्षक (8.6 लाख) अप्रशिक्षित हैं। इनमें 1.43 लाख शिक्षक यूपी से से हैं। प्रदेश अप्रशिक्षित शिक्षकों के मामले में पश्चिम बंगाल और बिहार के बाद तीसरे स्थान पर है। आरटीई कानून के तहत राज्यों को बच्चों की उम्र के अनुसार पाठ्यक्रमों में बदलाव के लिए मानक तय किए गए थे। हिमाचल प्रदेश और पंजाब समेत चार राज्यों में अभी तक पाठ्यक्रम के बदलाव का काम अधर में है। नये कानून के तहत प्राइमरी स्कूलों में साल भर में कम से कम 200 दिन और माध्यमिक स्कूलों में 220 दिन की पढ़ाई होना जरूरी है। इन मानकों को पूरा करने वाला गोवा देश का एकमात्र राज्य है।
आठवीं कक्षा तक लागू नो डिटेंशन पॉलिसी (फेल नहीं करने का नियम) की समीक्षा के लिए जून, 2012 में गठित केब की उप समिति अभी तक इस मामले में कोई फैसला नहीं ले सकी। उप समिति की अध्यक्ष हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्खल के बार-बार दावों के बावजूद रिपोर्ट नहीं जमा करने के कारण इस मामले में आगे भी असमंजस बरकरार रहेगा। केब की बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा होगी।
 


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प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा कि...




झांसी। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में तैनात शिक्षा मित्रों को अगले वर्ष पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा दिया जाएगा। इन शिक्षा मि...त्रों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करने की जरूरत नहीं होगी। शिक्षा का स्तर ऊंचा करने के लिए परिषदीय स्कूलों में खाली पड़े शिक्षकों के रिक्त पदों पर भी जल्द नियुक्ति की जाएगी। वह सोमवार को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय स्थित गांधी सभागार में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
श्री चौधरी ने बताया कि उच्च प्राथमिक स्कूलों को पूर्णत: कंप्यूटरीकृत कराया जाएगा। शासन स्तर पर रूपरेखा तैयार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि कान्वेंट की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में भी अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए जल्द ही अंग्रेजी शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। इतना ही नहीं विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को भी अंग्रेजी बोलने के लिए मास्टर ट्रेनर के जरिए प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। ऐसा होने पर कान्वेंट की राह पकड़ने वाले छात्र एक बार फिर सरकारी स्कूलों की ओर रुख करेंगे। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संस्कृत संगीत शिक्षकों की नियुक्ति पर फिलहाल रोक लगी है, जल्द ही इन विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में खाली पडे़ शिक्षकों के पद को भरने के मुद्दे पर उनकी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ बैठक हो चुकी है। जल्द ही मुख्यमंत्री इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे। स्कूलों में खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए दो महीने पहले लगभग 41 हजार अनुदेशकों की भर्ती की जा चुकी है। रिक्त बच गए पदों पर भी अनुदेशकों की बहाली की जाएगी। शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए शासन स्तर से सभी बेसिक शिक्षाधिकारी खंड शिक्षाधिकारियों को प्रत्येक माह दस- दस स्कूलों के औचक निरीक्षण का लक्ष्य दिया गया है। शासन स्तर पर प्रत्येक जिले से आने वाली रिपोर्ट पर निगाह रखी जा रही है।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा, जल्द भरे जाएंगे परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पड़े पद

उच्च प्राथमिक स्कूलों में संस्कृत संगीत शिक्षक होंगे तैनात

कान्वेंट की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा ग्रहण करेंगे छात्र


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