Monday, January 5, 2015

प्राथमिक शिक्षकों के तीन लाख पद खाली


कानपुर। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास योग्य युवा बेरोजगार संगठन ने रविवार को मीटिंग करके प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की। इन सभी ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें कि छह सप्ताह के अंदर 72825 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जानी है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होनी है। शिक्षकों की भर्ती सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में होगी। प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के तीन लाख पद खाली हैं।

टीईटी शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने की चौथी काउंसलिंग की मांग

फैजाबाद। प्राथमिक टीईटी शिक्षक संघर्ष मोर्चा की रविवार को गुलाबबाड़ी में आयोजित बैठक में सदस्यों ने शिक्षक भर्ती के लिए चौथी काउंसलिंग कराने की मांग की।

बैठक में संगठन के जिलाध्यक्ष दीपक पांडेय ने कहा कि दो माह गुजर गए लेकिन सरकार ने नियुक्ति प्रक्रिया को पूरी करने के लिए अभी चौथी काउंसलिंग की तिथि नहीं घोषित की। संगठन मंत्री नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि काउंसलिंग करा चुके अभ्यर्थियों को सरकार को जल्द नियुक्ति पत्र जारी करना चाहिए। जिससे प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके। संगठन के मीडिया प्रभारी संतोष तिवारी ने बताया कि कोषाध्यक्ष रवि पाठक, महामंत्री अजय पांडेय व जिला मंत्री अनिल तिवारी ने भर्ती प्रक्रिया में विलंब पर रोष जताया। इस मौके पर अशोक, शिवकुमार आदि मौजूद रहे।

CTET SARKARI NAUKRI News CTET – FEB 2015 (CENTRAL TEACHER ELIGIBILITY TEST) Apply Online Requirement –www.ctet.nic.in

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CTET – FEB 2015 (CENTRAL TEACHER ELIGIBILITY TEST) Apply Online Requirement –www.ctet.nic.in

आयुसीमा बदली, सैकड़ों नौकरी की रेस से बाहर : 15 हजार अध्यापकों की भर्ती की न्यूनतम आयु 21 साल होने का यह परिणाम

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक भर्ती की आयुसीमा बदलने से तमाम अभ्यर्थी नौकरी की रेस से आउट हो गए। इस बदलाव के कारण बीटीसी प्रशिक्षित और टीईटी पास कई अभ्यर्थी प्राइमरी स्कूलों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में फॉर्म नहीं भर पा रहे। दरअसल दो वर्षीय बीटीसी कोर्स में प्रवेश की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है। लेकिन बीटीसी प्रशिक्षुओं के लिए ही शुरू की गई 15 हजार अध्यापकों की भर्ती की न्यूनतम आयु 21 साल रखी गई है। ऐसे में 20 साल की आयु में प्रशिक्षण पूरा करने वाले आवेदन से बाहर हो रहे हैं।
खबर साभार : हिन्दुस्तान 

Saturday, January 3, 2015

पहली जनवरी 2015 से DA में हो सकती है छह फीसद की वृद्धि!

इलाहाबाद : पहली जनवरी 2015 से महंगाई भत्ता (डीए) में छह प्रतिशत वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। इससे केंद्रीय और राज्यकर्मियों का डीए बढ़कर 113 फीसद पर पहुंच जाएगा। पेंशनरों की महंगाई राहत भी बढ़कर 113 प्रतिशत हो जाएगी। 

तीन महीने में कैसे छपेंगी 10 करोड़ किताबें : एक अप्रैल से शुरू होना है नया शैक्षिक सत्र

  • अब तक नहीं शुरू हुई किताब छापने की प्रक्रिया  
  •   चार से पांच महीने का लगता है समय  
लखनऊ। तीन महीने से भी कम समय और करीब 10 करोड़ किताबें छापने का लक्ष्य। उसके लिए भी अब तक कोई शासनादेश तक नहीं जारी हुआ। जी हां, बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बच्चों को दी जाने वाली निशुल्क किताबों के छापने की प्रक्रिया कुछ ऐसी ही चल रही है। यह स्थिति तब है जबकि खुद राज्य सरकार ने परिषदीय विद्यालयों का शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से शुरू करने का फैसला लिया है। लेकिन शासन ने अब तक किताबें छापने के लिए शासनादेश भी नहीं जारी किया। इसको लेकर अफसर भी परेशान हैं।सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों, राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त एवं माध्यमिक विद्यालयों, समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय व एडेड स्कूल तथा मदरसों में कक्षा 1 से 8 तक के सभी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के बालकों तथा सभी वर्ग की बालिकाओं को निशुल्क किताबें दिए जाने का प्रावधान है। इस बार भी 30 सितंबर के आधार पर करीब एक करोड़ 85 लाख बच्चों को किताबें मुहैया कराई जानी है। चूंकि अभी तक बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों का शैक्षिक सत्र एक जुलाई से शुरू होता था। इसलिए किताबें छापने की प्रक्रिया जनवरी के अंत से शुरू की जाती थी। लेकिन इस बार शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से शुरू होना है। बावजूद इसके अब तक किताबें छापने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए शासनादेश तक नहीं जारी किया गया। जबकि इसका प्रस्ताव अक्टूबर में ही शासन को भेज दिया गया था। ऐसे में अफसर परेशान हैं कि आखिर इतने कम समय में किताबें छापकर बच्चों तक कैसे पहुंचाई जाएंगी।.
 अभी तक किताबों की छपाई के संबंध में शासनादेश जारी नहीं हुआ है। उसका इंतजार किया जा रहा है। इस बार एक करोड़ 85 लाख बच्चों के लिए करीब 10 करोड़ किताबें छपनी हैं।
                                            - पवन कुमार सचान, पाठ्य पुस्तक अधिकारी 
  • चार से पांच महीने का लगता है समय
किताबें छापने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए शासनादेश जारी किया जाता है। उसके बाद एक महीने का समय निर्धारित करते हुए टेक्निकल बिड आमंत्रित की जाती है। टेंडर के बाद कागज की जांच, फिर फाइनेंशियल बिड, उसके बाद चयनित प्रकाशकों के साथ अनुबंध किया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद दो महीने का समय किताबें छपवाने में लगता है। इसके बाद किताबों का जिले स्तर पर सत्यापन और फिर स्कूल तक पहुंचाने में भी समय लगता है। पूरी प्रक्रिया में चार से पांच महीने लग जाते हैं। लेकिन अफसर शासनादेश जारी होने का ही इंतजार कर रहे हैं।

अब मोबाइल पर पाइए 26 सेवाओं का लाभ

वाराणसी। एंड्राइड फोन यूजर अब प्रदेश सरकार के आठ विभागों की 26 सेवाओं का लाभ मोबाइल पर भी ले सकते हैं। इसके लिए उपभोक्ताओं को मोबाइल से
वेबसाइट पर जाना होगा। यहां यूजर्स को ई-सर्विसेज फार सिटीजन सेक्शन में यूपीवन मोबाइल सर्विसेज का लिंक फॉलो करना होगा। इसके बाद मोबाइल के ब्राउजर में एक नया टैब खुलेगा जिस पर यूपीवन एप उपलब्ध होगा। इसे डाउनलोड कर आप आय, जाति, निवास, छात्रवृत्ति, पेंशन सहित अन्य सेवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए 1029 पदों पर होंगी भर्तियां : विज्ञापन जारी

लखनऊ। प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को मजबूत करने के लिए भर्तियां करने जा रही है। सूबे के 41 जिलों के 468 ब्लॉकों में यह भर्तियां की जाएंगी। सरकार ने भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है। इसमें राज्य स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर के कर्मियों की नियुक्ति की जाएंगी।