Wednesday, October 29, 2014

SOUL Technical Assistant (Library Science) In Information and Library Network Centre – Gandhinagar, Gujarat

OUL Technical Assistant (Library Science)

Information and Library Network (INFLIBNET) Centre

Address: Inflibnet Centre Rd, Infocity
Postal Code: 382421
City: Gandhinagar
State: Gujarat
Pay Scale: Rs.14,000/-

Recruitment of Senior Resident in Shaheed Hasan Khan Mewati Government Medical College (SHKM GMC), October 2014

Senior Resident
Last Date:- 10thNovember 2014
Mode of Application:- Offline
Mode of Selection:- Interview

72825 Case Update

counter ke lie mila samay,is baar date me jyada samay lagega,tetuo ke party ban jaane se crt ne counter ke lie 6 saptah ka samay diya

Big News: 72825 Court Case Update - Today Hearing-

Aaj 72825 के केस की सुनवाई कोर्ट नंबर ४ में १ फ्रेश केस के बाद एडिसनल में ४ नंबर पर है,जिसकी सुनवाई विद्वान न्यायधीश भी जे के शुक्ला और जे भी ब्रजेश कुमार की बेंच में होगी !

COURT NO. 4
HON'BLE MR. JUSTICE V. K. SHUKLA
HON'BLE MR. JUSTICE BRIJESH KUMAR SRIVASTAVA II
As Fresh Case
MISC. BENCH
1. 10378-2014 M/S OBSURGE BIOTECH LTD. THRU. SHASHI PRAKASH SINGH
- PRODUCTION CONTROLLER SAVITRA VARDHAN SINGH
DATE FIXED Vs. UNION OF INDIA THRU.SECY. A.S.G.
-MINI.OF HEALTH & FAMILY & 6 OR
For Admission
MISC. BENCH
2. 10612-2014 VIVEK SHEEL MISHRA ARSHAD AHSAN SIDDIQUI
- [ P.I.L. ]
DATE FIXED Vs. STATE OF U.P. THRU. PRIN. C.S.C.
- SECY. MEDICAL HEALTH & 4 ORS.
SERVICE BENCH
3. 1472-2014 STATE OF U.P. THROUGH PRIN. SE C.S.C.
-CY. INSTITUTIONAL FINANCE TAX
DATE FIXED Vs. VINOD KUMAR SINHA & ANOTH C.S.C.
-ER SHIREESH KUMAR
SERVICE SINGLE
4. 5571-2014 SADHANA MISHRA & 2 ORS. VIDHU BHUSHAN KALIA
- [NOW MISB-VIRES]
DATE FIXED Vs. STATE OF U.P. THROUGH PRI C.S.C.
-N. SECY. DEPTT. OF BASIC EDU. ANURAG SRIVASTAVA
M.M.ASTHANA
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ऑनलाइन शासनादेश में हीलाहवाली पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने 31 तक तलब की रिपोर्ट

  • मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इसमें हीलाहवाली पर जताई नाराजगी
  •  वित्त, आवास और चिकित्सा एवं शिक्षा जैसे विभागों में ऑनलाइन शासनादेश जारी करने के नाम पर महज खानापूर्ति

लखनऊ : ऑनलाइन शासनादेश जारी करने के आदेश को तवज्जो नहीं दिए जाने पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव राकेश बहादुर ने सभी विभागों से रिपोर्ट तलब की है। इस संबंध में 31 अक्टूबर को सभी विभागों की बैठक बुलाई गई है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इसमें हीलाहवाली पर नाराजगी जताई है।

पिछले वर्ष अप्रैल में सभी विभागों को अनिवार्य रूप से ऑनलाइन शासनादेश जारी करने का निर्देश दिया गया था। सचिवालय प्रशासन विभाग को नोडल विभाग बनाकर एनआइसी के माध्यम से देखरेख की जिम्मेदारी दी गई थी। शासनादेशों को ऑनलाइन अपलोड करने की जिम्मेदारी सचिवालय के सभी विभागों की है। 

ऑनलाइन जारी होने के बाद इसे वेबसाइट http://shasanadesh.up.nic.in और http://esangrah.up.nic.in पर देखा जा सकता है। वर्तमान में कई विभाग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इसमें कारागार प्रशासन एवं सुधार, खादी एवं ग्रामोद्योग, प्राविधिक शिक्षा, संस्कृति, पर्यावरण, नगरीय रोजगार एवं गरीबी, भूतत्व एवं खनिकर्म और चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग आदि प्रमुख हैं। वित्त, आवास और चिकित्सा एवं शिक्षा जैसे विभागों में ऑनलाइन शासनादेश जारी करने के नाम पर महज खानापूर्ति की गई है।

प्रशिक्षु शिक्षकों के 34 हजार पद अब भी खाली

ऑनलाइन संशोधन के लिए दो दिन खुलेगी वेबसाइट
लखनऊ। प्राइमरी स्कूलों में चल रही 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में दो चरण की काउंसलिंग के बाद अब भी 34,442 पद खाली हैं। हालांकि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) जिलेवार मिले ब्यौरे का मिलान कर रहा है। इसके बाद खाली पदों के लिए तीसरे चरण की काउंसलिंग होगी। इससे पहले दो दिन के लिए वेबसाइट खोली जाएगी जिससे डायट प्राचार्य त्रुटियां ठीक कर सकें।
तीसरे चरण की काउंसलिंग 3 से 12 नवंबर तक प्रस्तावित है। एससीईआरटी ने दूसरी काउंसलिंग में योग्य अभ्यर्थियों का ब्यौरा जिलेवार मांगा था। जानकारों की मानें तो जिलेवार ब्यौरे के मुताबिक करीब 38,383 अभ्यर्थियों को अर्ह पाया गया है तथा 34,442 पद खाली हैं। जिन अभ्यर्थियों को योग्य पाया गया है उनका शिक्षक बनना तय है। इसलिए अगले चरण की काउंसलिंग से उनका नाम हटा दिया जाएगा। एससीईआरटी ने मंगलवार को पूरा ब्यौरा एनआईसी को सौंप दिया है। एनआईसी इस ब्यौरे के आधार पर मिलान करेगा और अर्ह मिलने वालों के नाम अगली काउंसलिंग से हटाएगा। इसके बाद शेष अभ्यर्थियों और रिक्त पदों के आधार पर मेरिट का निर्धारण किया जाएगा।
गणित-विज्ञान शिक्षकों की रिक्तियों का मांगा ब्यौरा
लखनऊ(ब्यूरो) उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान गणित शिक्षकों की भर्ती के लिए पांचवें चरण की काउंसलिंग के बाद रिक्त पदों का ब्यौरा मांगा गया है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को मंगलवार को निर्धारित प्रारूप भेजते हुए 31 अक्तूबर तक पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा है। उन्होंने पूछा है कि पांचवें चरण की काउंसलिंग में कितने अभ्यर्थी शामिल हुए। इसमें से कितने पात्र पाए गए तथा अभी कितने पद रिक्त हैं।


News Sabhar : अमर उजाला (29.10.14)

डॉयट में प्रवक्ताओं का अकाल



प्रवीन कुमार यादव 

प्रतापगढ़। जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट सालों से प्रवक्ता, लिपिक, सहित प्राचार्य पद के लिए तरस रहा है। जिसकी वजह से शिक्षकों को सही मार्ग दर्शन व शिक्षा देने का बेहतरीन गुर नहीं सिखाया जा रहा है। जिन शिक्षकों पर देश के भावी कर्णधारों को तैयार करने का जिम्मा है। उन्हें ही शासन की मंशा के अनुरूप प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा है। ऐसी दशा में डायट प्रशिक्षण पा रहे शिक्षकों को अधकचरा ज्ञान ही मिल पाता है। यही वजह है कि स्कूल में शिक्षकों का मन बच्चों को पढ़ाने में नहीं लग रहा है। ऐसा नहीं है कि शासन के साथ ही विभाग के उच्चाधिकारियों को यहां पर विभिन्न पदों के रिक्त होने की जानकारी न हो, परंतु हर कोई अपने कान में तेल डाले हुए बैठा हुआ है। किसी को भी शिक्षकों को उचित प्रशिक्षण दिलाने की परवाह नहीं है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में जो भी शिक्षक डायट से प्रशिक्षण लेंगे। उन्हें महज किताबी ज्ञान ही मिल पाएगा। 

ऐसी दशा में किताब ज्ञान पाने वाले शिक्षक समाज से आए हुए बच्चों को सही दिशा निर्देश व ज्ञान कहां से दे पाएंगे। अतरसंड स्थित डायट प्रशिक्षण संस्थान अपनी स्थापना के साथ ही आए दिन किस न किसी बवाल, बदहाली व लूट खशोट के लिए पूरे जनपद में ख्याति प्राप्त कर चुका है। अधिकारियों की चरण वंदना करने वाले कुछ शिक्षक काफी समय से यहां पर तैनात रहकर सभी प्रकार की लूटखशोट करके अपनी तिजोरी का आकार बढ़ाने में लगे हुए हैं। आइए ले चलते हैं आप को यहां पर शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार यहां पर सृजित पदों व यहां पर तैनात सभी पदों के बारे में जानकारी दिलाते हैं। 

सबसे पहले यहां पर डायट प्राचार्य का पद काफी समय से रिक्त रहा है। कुछ समय पहले यहां पर मोहम्मद इब्राहिम को प्रभारी डायट प्राचार्य बनाया गया था। अपनी तैनाती के समय उन्होंन शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देने के नाम पर जमकर धन उगाही की थी। इस मामले में काफी थू-थू होने के बाद शिक्षामित्रों का लिया हुआ पैसा वापस किया गया। वर्तमान समय जिन महोदय को यहां का प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है वह प्राचार्य न होकर सीनियर प्रवक्ता ही है। इसके बाद यहां पर प्रवक्ता के कुल 17 पद सृजित हैं। जिसके सापेक्ष में यहां पर एक भी प्रवक्ता की तैनाती नहीं की गई है। लिपिक पद के लिए यहां पर कुल 9 पद सृजित किए गए हैं। वर्तमान समय में यहां पर एक लिपिक की तैनाती दी गई है। 

सीनियर प्रवक्ता के पद यहां पर तीन है। परंतु यहां पर महज एक सीनियर प्रवक्ता को तैनात कर दिया गया। हद की बात तो यह है कि यहां पर चपरासियों को लिपिक के रूप में काम करता हुआ देखकर आप चौकिए मत। यह तो यहां पर कई साल का खेल है। लिपिक की कमी होने की वजह से यहां पर चपरासियों के बूते ही विभाग का काम कराया जाता है। प्राथमिक विद्यालय के कई शिक्षक अधिकारियों की चरण वंदना करके काफी समय से यहां पर तैनात हैं। जिनके बारे में र्चचा यह है कि नियुक्ति से लेकर हर प्रकार की दलाली में ये लोग पूरे जनपद में ख्याति अर्जित कर चुके हैं। 

पदोंके रिक्त होने की वजह से यहां पर प्रशिक्षण का काम सिर्फ कागजी कोरम को पूरा करने के लिए किया जाता है। शिक्षकों को ट्रेनिंग दे रहे प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक क्या कहते हैं डॉयट प्रभारी इस मामले में डायट प्रभारी बनाए गए सीनियर प्रवक्ता सुनील दत्त का कहना है कि अभी हाल में उन्हें डायट प्राचार्य की जिम्मेदारी दी गई है। शासन स्तर से भर्ती न होने की वजह से शिक्षकों व अन्य पद भरें नहीं जा रहे हैं। जैसे ही शासन स्तर से भर्ती होती है। 

सभी पदों को पूर्ण रूप से भरने का काम किया जाएगा।

शिक्षामित्रों को टीईटी के बिना शिक्षक बनाये जाने पर सुनवाई कल

इलाहाबाद (एसएनबी)। शिक्षामित्रों को टीईटी पास किये बिना प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक नियुक्त किये जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट अब 30 अक्टूबर को सुनवाई करेगी। कोर्ट ने प्रदेश सरकार, केन्द्र सरकार व एनसीटीई को एक और मौका इस मामले में जवाब लगाने के लिए दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड व न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खण्डपीठ ने दिया है। कोर्ट के समक्ष मंगलवार को कहा गया कि काउंसलिंग होने जा रही है ऐसे में इस प्रकरण पर कोर्ट से अन्तरिम आदेश की आवश्यकता है।