Tuesday, October 28, 2014

शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का हंगामा


पारदर्शिता बरतने का आरोप लगाया


राज्य ब्यूरो, लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता के अभाव का आरोप लगाते हुए सोमवार को सैकड़ों अभ्यर्थियों ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के कार्यालय परिसर में हंगामा किया। अभ्यर्थियों ने एससीईआरटी निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि भर्ती के लिए प्रत्येक काउंसिलिंग के दौरान जारी की गई हर जिले की मदर सूची को भी ऑनलाइन जारी किया जाए। हर काउंसिलिंग के बाद जांच में सही पाये गए अभ्यर्थियों की सूची भी समस्त जानकारी के साथ अगली काउंसिलिंग से पहले ऑनलाइन जारी की जाए। इसमें अभ्यर्थी उनके पिता का नाम, टीईटी अनुक्रमांक, कंट्रोल आइडी, कंप्यूटर आइडी, जन्मतिथि, वर्ग, स्नातक प्रतिशत आदि का जिक्र हो। अगली काउंसिलिंग से पहले सभी जिलों की खाली सीटों की जानकारी भी ऑनलाइन की जाए। किसी भी काउंसिलिंग से पहले औपबंधिक काउंसिलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों के टीईटी अनुक्रमांक अंकों का सत्यापन जल्दी कराया जाए। पारदर्शिता के लिहाज से अभ्यर्थियों ने उप्र टीईटी 2011 का परीक्षा परिणाम और 2011 में आये आवेदन पत्रों का डाटा ऑनलाइन करने की भी मांग की है।

UP Board, Exam in February 2015 : मार्च नहीं, फरवरी में यूपी बोर्ड की परीक्षाएं


लखनऊ (ब्यूरो) उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की परीक्षाएं इस बार 15 फरवरी से 20 मार्च के बीच हो सकती हैं। अभी तक परीक्षाएं मार्च और अप्रैल में होती थीं। सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड का सत्र 1 अप्रैल से शुरू करने को लेकर इस बार परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव किया जा रहा है। माध्यमिक शिक्षा परिषद जल्द ही इस संबंध में मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों की बैठक करने के बाद प्रस्तावित परीक्षा कार्यक्रम को अंतिम रूप देगा।



यूपी बोर्ड में हर साल लगभग 72 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में बैठते हैं। इसलिए माध्यमिक शिक्षा परिषद चाहता है कि यूपी बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम नवंबर के आखिरी सप्ताह या फिर दिसंबर के पहले हफ्ते में जारी कर दिया जाए। इस दौरान 19 नवंबर तक बोर्ड परीक्षा केंद्रों के निर्धारण की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी। इसके बाद ही बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा ताकि जिला विद्यालय निरीक्षकों को परीक्षा कराने के लिए पर्याप्त समय मिल जाए। इसी तरह हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी इस बार दिसंबर से ही शुरू कराने की तैयारी है, जिससे बोर्ड परीक्षा से पहले छूटे हुए अभ्यर्थियों की परीक्षाएं भी हो जाएं। इसके पहले प्रयोगात्मक परीक्षाएं 10 जनवरी से शुरू होकर 10 फरवरी तक होती थीं

72825 Teachers Vacancy


2014 बीटीसी में प्रवेश की तैयारियां शुरू


इलाहाबाद (एसएनबी)। दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण के लिए सत्र 2014-15 में करीब 50 हजार सीटों पर प्रवेश के लिए तैयारियां शुरू हो गयी है। संभावना है कि नवंबर माह के अन्तिम हफ्ते में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। इस बार शासन ने शुल्क भी निर्धारित कर दिया है। 

अभ्यर्थियों का प्रवेश सीधे निजी क्षेत्र के कालेज लेंगे। इस बार से डायट पर काउंसलिंग की व्यवस्था भी खत्म हो जायेगी। डायट सिर्फ इन कालेजों की मानीटरिंग करेंगा लेकिन किसी भी प्रकार का हस्ताक्षेप वह उनकी व्यवस्था में नहीं करेगा। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी श्रीमती नीना श्रीवास्तव ने भी कहा कि बीटीसी के नये सत्र में शीघ्र प्रवेश की तैयारियां हो रही है जिससे कि सत्र शून्य न जाने पाये। प्रदेश में बीटीसी प्रशिक्षण के लिए करीब 50 हजार सीटें है। 

निजी क्षेत्र के 700 कालेजों में 35 हजार सीट और अन्य जिलों में स्थित डायट में 15 हजार प्रशिक्षण की सीट है। वर्ष 2013-14 के बीटीसी प्रशिक्षण प्रक्रिया में विलंब हो गया था। 

इससे बची हुई करीब 11 हजार सीटों पर अभी भी काउंसलिंग चल रही है। जो दो नवंबर को पूरी होगी। 

उसके बाद प्रशिक्षण के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी होगी। इस प्रकार से बीटीसी 2013-14 की की बची सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया आगामी 15 दिनों में पूरी हो जायेगी। 

शासन के सूत्रों का कहना है कि सत्र 2014-15 के सत्र शून्य करने पर परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक-शिक्षिकाओं की भारी कमी होगी। इस सत्र में प्रवेश पाने वाले अभ्यर्थी वर्ष 2016 में शिक्षक बन पायेगे। इसलिए जरूरी है कि इस सत्र को शून्य न किया जाये। वहीं दूसरी ओर प्रदेश में आगामी दो वर्षो में बेसिक शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए एक लाख से अधिक परिषदीय विद्यालय खुलने वाले है। ऐसे में शिक्षकों की बहुत अधिक जरूरत पड़ेगी। इसलिए इस सत्र को शून्य नहीं किया जायेगा।

इंटर कॉलेजों के 2448 तदर्थ शिक्षक होंगे नियमित



माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को भेजा प्रस्ताव

शैलेंद्र श्रीवास्तव

लखनऊ। राज्य सरकार सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में वर्ष 2000 तक रखे गए तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने की तैयारी में है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इसके मुताबिक करीब 2448 शिक्षकों को नियमित किया जाना है। अभी तक इन शिक्षकों को हाईकोर्ट के आदेश पर वेतन मिल रहा है।
प्रदेश में इसके पहले वर्ष 1998 और 2000 में 6 अगस्त 1993 तक के तदर्थ के आधार पर रखे गए शिक्षकों को नियमित किया जा चुका है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय इसके बाद से लेकर वर्ष 2000 तक रखे गए 2448 तदर्थ शिक्षकों को नियमित करना चाहता है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें तर्क दिया गया है कि चूंकि सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की जरूरत है और ये शिक्षक हाईकोर्ट के आदेश पर स्थायी शिक्षकों के समकक्ष वेतनमान पा रहे हैं, इसलिए इन्हें नियमित कर दिया जाए। इनके नियमित होने पर राज्य सरकार के ऊपर अतिरिक्त बोझ नहीं आएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव पर शासन के सहमत होने के बाद कैबिनेट से प्रस्ताव पास कराना होगा।

शिक्षक संघ चाहता है कि सभी हों नियमित ः

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ चाहता है कि सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में 6 अगस्त 1993 के बाद से अब तक जितने भी तदर्थ शिक्षक रखे गए हैं उन्हें नियमित किया जाए। संघ के प्रदेश प्रवक्ता आरपी मिश्रा कहते हैं कि माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली की अध्यक्षता में हुई बैठक में वर्ष 2011 तक के शिक्षकों को नियमित करने पर सहमति भी बन चुकी है। इसलिए शासन स्तर पर सभी तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने का निर्णय लिया जाए। 

इससे शिक्षकों की कमी भी दूर हो जाएगी और सरकार को मुकदमेबाजी पर पैसे भी खर्च नहीं करने होंगे।

2015 में यूपीएससी कराएगा 22 परीक्षाएं


इलाहाबाद (ब्यूरो)। संघ लोक सेवा आयोग अगले वर्ष 22 भर्ती परीक्षाओं का आयोजन कराएगा। आयोग ने पूरे वर्ष का परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर दिया है। देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सर्विसेज-2015 भर्ती परीक्षा के लिए मई में आवेदन मांगा जाएगा। पहले जनवरी-फरवरी में आवेदन मांगा जाता था लेकिन मुख्य परीक्षा प्रारूप में बदलाव के बाद मई में विज्ञापन जारी होने लगा है। प्रारंभिक परीक्षा 23 अगस्त को होगी। आयोग सीडीएस, एससीआरए, एनडीए, भारतीय इंजीनियरिंग सेवा आदि भर्तियों के लिए परीक्षाएं आयोजित करेगा।
आयोग की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार नए साल में परीक्षाओं की शुरुआत 11 जनवरी तथा अंत 27 दिसंबर 2015 को यूपीएससी की भर्ती परीक्षा से होगी। एससीआरए-2015 भर्ती परीक्षा 18 जनवरी को होगी। इसके लिए सात नवंबर तक आवेदन मांगा गया है। सीडीएस की दोनों भर्ती परीक्षाएं 15 फरवरी और एक नवंबर तथा एनडीए की परीक्षा 19 अप्रैल एवं 27 सितंबर को होगी। भारतीय आर्थिक/सांख्यिकी सेवा भर्ती और सम्मिलित भू-वैज्ञानिक एवं भू-विज्ञानी परीक्षा 23 मई 2015 को होगी। दोनों परीक्षाएं तीन दिन होंगी। इनके लिए सात फरवरी से छह मार्च तक आवेदन मांगा जाएगा। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल सहायक कमाडेंट भर्ती परीक्षा 12 जुलाई को होगी। इसके लिए 11 अप्रैल से आठ मई तक आवेदन मांगा जाएगा। सिविल सेवा तथा भारतीय वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा 23 अगस्त को होगी। इसके 16 मई से 12 जून के बीच आवेदन किया जा सकेगा। भारतीय वन सेवा मुख्य परीक्षा 21 नवंबर से शुरू होकर 10 दिन तक चलेगी। सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 18 दिसंबर से होगी। परीक्षा पांच दिन तक चलेगी।
सिविल सेवा के लिए आवेदन 16 मई से, प्रारंभिक परीक्षा 23 अगस्त को
एससीआरए, सीडीएस, एनडीए, आईईएस आदि भर्ती परीक्षाएं हैं शामिल

एक भी महिला को नहीं बनाया बीएसए


सरकार कर रही भेदभाव, सुल्तानपुर के नागरिक की जनहित याचिका से खलबली

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : महिला आरक्षण का मुखर विरोध करने वाली समाजवादी पार्टी पर महिला विरोधी होने का नया आरोप लगा है। एक शख्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके प्रदेश सरकार को घेरा है। उसका दावा है कि शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में महिला शिक्षक होते हुए भी वहां महिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) की तैनाती नहीं हो रही है। सरकार लिंगभेद कर रही है। इस याचिका से शिक्षा निदेशालय में खलबली मची है।

सुल्तानपुर के कूड़ेभार निवासी सुरेंद्र प्रसाद शुक्ल ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका संख्या 9043/2014 में कहा है कि प्रदेश सरकार महिलाओं को बीएसए बनाने में आनाकानी कर रही है। प्रदेश भर के बीएसए की सूची दाखिल करके कहा है कि पीसीएस एवं पीपीएस बनने वाली महिलाएं एसडीएम एवं पुलिस क्षेत्रधिकारी तो बन जाती है, लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी नहीं बनाया जाता है, जबकि शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में शिक्षक महिलाएं हैं। 

सुरेंद्र का कहना है कि सरकार प्रमोशन देने के बजाए महिलाओं को राजकीय इंटर कालेज एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान एवं अन्य कार्यालयों में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं। 

अनदेखी से महिलाएं जिला विद्यालय निरीक्षक, सहायक निदेशक, अपर निदेशक, उप निदेशक, संयुक्त निदेशक आदि पदों तक नहीं पहुंच पा रही है।

इस याचिका पर कोर्ट ने जवाब मांगा तो विभाग में हड़कंप है। शिक्षा निदेशालय में तो यह याचिका चर्चा का विषय बनी है। इस संबंध में शिक्षा निदेशक बेसिक दिनेश बाबू शर्मा ने संयुक्त सचिव उत्तर प्रदेश शिक्षा अनुभाग-एक को लिखा है कि बीएसए पद पर तैनाती शासन स्तर पर होती है। ऐसे में विभाग की कहीं कोई गलती नहीं है।

तीन दिन शेष, पोस्टल आर्डर की मारामारी


Publish Date:Mon, 27 Oct 2014 08:01 PM (IST) | Updated Date:Mon, 27 Oct 2014 08:01 PM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता: राजकीय इंटर कालेजों में नियुक्ति के लिए आवेदन करने में सिर्फ तीन दिन शेष हैं और अभ्यर्थियों को पोस्टल आर्डर लेने व फार्म की रजिस्ट्री करने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है।
मंडल स्तर पर हो रही नियुक्तियों के लिए अभ्यर्थी कितने ही मंडलों से अलग-अलग विषयों के लिए आवेदन कर सकते हैं। फलस्वरूप अभ्यर्थी पांच से पंद्रह तक आवेदन भर रहे हैं। आवेदन के साथ सौ रुपए (सामान्य वर्ग) पोस्टल आर्डर अथवा बैंक ड्राफ्ट लगाना है। चूंकि पोस्टल आर्डर में बैंक ड्राफ्ट के मुकाबले कम कमीशन लगता है इसलिए अभ्यर्थी पोस्टल आर्डर की ओर मुखातिब हैं। संकट यह है कि पोस्टल आर्डर बड़े डाकखाने, लाजपत नगर व नवाबगंज सहित कुछ ही डाकखानों में मिल रहे हैं इसलिए वहां भारी भीड़ लग रही है।
पोस्टल आर्डर को लेकर सबसे बड़ा संकट यह है कि अब पोस्टल आर्डर जारी करने से पहले डाककर्मी को डाक विभाग की वेबसाइट पर जाकर उसके नंबर का मिलान करना पड़ता है। प्राय: सर्वर धीमा चलने से पोस्टल आर्डर लेने वालों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। उदाहरण के लिए सोमवार को लाजपत नगर डाकखाने में प्रात: पौने दस बजे ही पोस्टल आर्डर लेने वालों की लाइन लगी। 11.30 बजे तक सर्वर सुस्त रहा नतीजतन ठीक से काम विलंब से शुरू हो सका। उधर आवेदनपत्रों की रजिस्ट्री करने में भी लाइन लगानी पड़ रही है।
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तिथि बढ़ाने की मांग
आवेदनपत्र भेजने की प्रक्रिया में अधिक समय लगने तथा दीवाली की छुंट्टी पड़ने से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाए हैं। अभ्यर्थियों की मांग है कि आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर से एक सप्ताह और बढ़ाई जाए।
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ये है कमीशन में फर्क
पोस्टल आर्डर शुल्क : 10 रुपए
बैंक ड्राफ्ट (खाते से) : 25 रुपए
बैंक ड्राफ्ट (नकद) : 35 रुपए
(ये बैंक दरें एसबीआई की हैं। दूसरे बैंकों में इस राशि में फर्क है)