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Monday, October 20, 2014
डायट करेगा बीटीसी प्रशिक्षण के लिए विद्यालय आवंटन
कानपुर, जागरण संवाददाता: निजी बीएड कालेजों के प्रशिक्षु शिक्षकों के प्रशिक्षण अध्यापन के लिए अब जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) स्कूलों का आवंटन करेगा। अभी तक इनका आवंटन बीएसए के माध्यम से होता था।
बीएड विद्यार्थियों को एक माह से अधिक समय के लिए स्कूलों की कक्षाओं में पढ़ाने का प्रशिक्षण लेना पड़ता है। दो विषयों में कम से कम 20-20 लेसन प्लान पढ़ाने पड़ते हैं। उसी के आधार पर उनका प्रायोगिक मूल्यांकन होता था। अभी तक प्रबंधक बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व जूनियर स्कूलों से सीधे संपर्क करके प्रशिक्षण की अनुमति प्राप्त कर लेते थे। प्रधानाध्यापक बीएसए की सहमति से उन्हें सुविधा उपलब्ध कराते थे। डायट को शिकायतें मिल रहीं थीं कि तमाम स्कूल प्रशिक्षण के नाम पर खानापूरी कराते हैं तो तमाम शिक्षक प्रशिक्षण के दौरान घर चले जाते हैं। कुछ स्कूलों से लेनदेन की भी शिकायतें मिलीं थीं चूंकि बीटीसी कालेजों पर डायट का सीधा नियंत्रण रहता है इसलिए प्रशिक्षण का स्तर सुधारने के लिए स्कूलों की आवंटन प्रक्रिया बदल दी है। डायट प्रशिक्षण पर नजर भी रखेगा।
सीजीएल भर्ती परीक्षा के दौरान जमकर हंगामा
एसएससी का पेपर लीक
अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की संयुक्त स्नातक स्तरीय-2014 टीयर-1 भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने का आरोप लगा है। रविवार को आयोजित परीक्षा में शहर के राजरूपपुर स्थित आर्य बेसिक इंटर कालेज केंद्र पर दो परीक्षार्थियों को मिले प्रश्न पुस्तिका का सील खुला हुआ था। इस पर पेपर आउट होने का आरोप लगाते हुए उस कमरे में उपस्थित सभी 44 अभ्यर्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार कर दिया। पहुंचे आयोग के अफसरों से उन्होंने लिखित शिकायत की। पूरी रिपोर्ट दिल्ली मुख्यालय भेज दी गई है। सोमवार को इस मामले में किसी फैसले की उम्मीद है। कुछ अन्य केंद्रों पर भी हंगामा की शिकायत है।
पहली पारी की परीक्षा में कालेज के कक्ष संख्या 14 में देवेंद्र कुमार वर्मा और वीरेंद्र कुमार प्रजापति नामक दो अभ्यर्थियों को मिले पेपर का सील टूटा हुआ था। उनकी शिकायत पर कमरे में मौजूद अन्य अभ्यर्थी भी खड़े हो गए तथा विरोध करने लगे। पेपर आउट होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने नारेबाजी भी शुरू कर दी। परीक्षा छोड़कर अभ्यर्थी बाहर निकलने लगे लेकिन शिक्षकों ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद भी अभ्यर्थियों ने परीक्षा नहीं दी। उनका कहना था कि पेपर आउट करने के लिए सिर्फ एक पेपर की जरूरत होती है। वे परीक्षा निरस्त कर दोबारा कराने की मांग कर रहे थे। प्रधानाचार्य की सूचना के बाद आयोग के अफसर भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने परीक्षार्थियों से लिखित शिकायत ली। परीक्षार्थियों को परीक्षा समाप्त होने के बाद ही छोड़ा गया। प्रधानाचार्य आशा सक्सेना का कहना है कि सभी प्रश्न पुस्तिका लिफाफा में थे। वह सील था और अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर के बाद खोला गया। उन्होंने बताया कि दो प्रश्न पुस्तिका की सील थोड़ी उखड़ी हुई थी।
इस बारे में आयोग ही कुछ बता सकता है।
रसूलाबाद स्थिति एक केंद्र पर भी अभ्यर्थियों ने हंगामा किया। हालांकि उन्होंने इसकी लिखित शिकायत नहीं की है। आयोग के क्षेत्रीय निदेशक जेपी गर्ग का कहना है कि पेपर लीक होने जैसी कोई बात नहीं है। पेपर की सुरक्षा तीन चरणोें में होती है। बैग में 144 लिफाफे होते हैं।
यह बैग जिला प्रशासन के अफसर खोलते हैं। एक लिफाफे में 24 बुकलेट होती है। यह परीक्षा कक्ष में दो अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर के बाद खोला जाता है। बुकलेट का स्टीकर जरूर खुला था लेकिन इससे पेपर आउट होने की बात नहीं कही जा सकती। आर्य बेसिक इंटर कालेज की पूरी रिपोर्ट दिल्ली मुख्यालय भेज दी गई है। परीक्षा छोड़ने वाले अभ्यर्थियों तथा उनकी शिकायतों के मद्देनजर सोमवार को निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।
एक कमरे के 44 अभ्यर्थियों ने पेपर आउट होने का आरोप लगा छोड़ी परीक्षा
अफसरों ने भी माना खुली थी सील,
मुख्यालय भेजी गई रिपोर्ट,
फैसला आज
बीएड प्रशिक्षु आज भर दें विवि परीक्षा फॉर्म
Publish Date:Sun, 19 Oct 2014 06:33 PM (IST) | Updated Date:Sun, 19 Oct 2014 06:33 PM (IST)
मैनपुरी, भोगांव: बीएड के पिछले सत्र में विवि परीक्षा फॉर्म भरने से वंचित रहे आवेदकों को सोमवार को अंतिम मौका है। परीक्षा फॉर्म भरने के लिए विवि प्रशासन ने दो बार तिथियों में संशोधन किया है। लेकिन इसके बावजूद भी कई कॉलेजों में बीएड की सीटें खाली छूट रही हैं। बीएड के प्रति युवाओं में घटते रुझान से कॉलेज संचालकों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ तौर पर झलक रही हैं।
बीएड सत्र 2013-14 के प्रशिक्षुओं को विश्वविद्यालयीय परीक्षा फॉर्म भरने के लिए एक साल से इंतजार करना पड़ रहा था। सत्र की सभी औपचारिकताएं मार्च-अप्रैल में पूर्ण हो जाने के बावजूद भी आवेदकों को परीक्षा फॉर्म भरने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। परीक्षा फॉर्म भरने के लिए विवि प्रशासन द्वारा संजीदगी न दिखाए जाने से विद्यार्थियों से निराशा का आलम व्याप्त हो रहा था। लंबे इंतजार के बाद 13 अक्टूबर को डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के परीक्षा विभाग ने ऑनलाइन बीएड परीक्षा फॉर्म भरने को हरी झंडी दी थी। पहले विवि प्रशासन ने 15 अक्टूबर तक हर हाल में फॉर्म भरने और उसके तिथि को बढ़ाकर 17 अक्टूबर किया था। लेकिन कॉलेजों में इंटरनेट पर लिंक की समस्या और कम संख्या में आवेदकों के पहुंचने से प्रशासन ने तिथि को बढ़ाकर 20 अक्टूबर कर दिया था। सोमवार को हर हाल में आवेदकों को संबंधित कॉलेज में पहुंचकर आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण कर ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरना होगा। हालांकि पिछले सत्र में प्रवेश के बावजूद बीएड कॉलेजों में कई आवेदक परीक्षा फॉर्म भरने के लिए नहीं पहुंचे हैं। ऐसी स्थिति में कॉलेजों में सीटों के खाली रहने की संभावना बढ़ गई है। परीक्षा फॉर्म भरने के बाद इस सत्र के विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षा के कार्यक्रम का बेसब्री से इंतजार है। सूत्रों की मानें तो विवि प्रशासन दीपावली के अवकाश के बाद किसी भी दिन बीएड परीक्षा का कार्यक्रम निर्धारण कर जारी कर सकता है।
BTC: काउंसिलिंग कार्ड मिलने से आवेदकों को राहत
मैनपुरी, भोगांव: प्राइवेट कॉलेजों में खाली पड़ी बीटीसी की सीटों को भरने के लिए शासन ने दूसरी काउंसिलिंग से पहले आवेदकों के काउसिलिंग कार्ड नेट पर जारी कर दिए हैं। काउंसिलिंग कार्ड जारी होने के बाद इन्हें प्राप्त करने के लिए आवेदक जल्दबाजी दिखा रहे हैं और कार्ड को इंटरनेट से डाउनलोड करने के बाद दूसरी काउंसिलिंग की तैयारियों में तेजी से जुट गए हैं। सूची में नाम होने के बावजूद काउंसिलिंग कार्ड न मिल पाने वाले आवेदकों को काउंसिलिंग में भाग लेने का मौका दिया जाएगा।
बीटीसी चयन प्रक्रिया 2013 में आवंटित जनपद के निजी कॉलेजों की सीटों के तमाम कवायद के बावजूद खाली रह जाने के चलते शासन ने इन्हें भरने के लिए दूसरी काउंसिलिंग का फरमान जारी किया है। दूसरी काउंसिलिंग से पहले आवेदकों को 17 अक्टूबर से बेसिक शिक्षा विभाग की वेबसाइट से काउंसिलिंग कार्ड को डाउनलोड कर प्राप्त करना था। लेकिन पहले दिन वेबसाइट पर कार्ड डाउनलोड करने पहुंचे आवेदकों को असफलता हाथ लगी थी। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने शनिवार की सुबह वेबसाइट पर इस संबंध में डाटा अपलोड कर दिया था और आवेदकों को एक-एक कर काउंसिलिंग कार्ड प्राप्त होने लगे थे। शनिवार को काउंसिलिंग कार्ड प्राप्त करने के लिए साइबर कैफों पर आवेदकों ने पहुंचकर इस काम को अंजाम दिया। काउंसिलिंग कार्ड मिलने के बाद आवेदकों को गृह जनपद में काउंसिलिंग के लिए 21 अक्टूबर से वर्ग वार बुलाया जाएगा। जिन आवेदकों का नाम सूची में होने के बावजूद कार्ड इंटरनेट से उपलब्ध नहीं हो पाया है उन्हें चयन समिति के समक्ष अपने रजिस्ट्रेशन और पहचान के संबंध में अभिलेख दिखाकर काउंसिलिंग में सम्मिलित होने का मौका दिया जाएगा। काउंसिलिंग कार्ड इंटरनेट से प्राप्त करने के बाद निजी कॉलेजों में बीटीसी प्रशिक्षण की चाहत रखने वाले युवाओं ने राहत की सांस ली है। डायट प्राचार्य आरएस बघेल ने बताया कि शासन ने काउंसिलिंग कार्ड जारी कर दिए हैं और आवेदक इन्हें 20 अक्टूबर तक हर हाल में इंटरनेट से प्राप्त कर लें।
UGC का बड़ा कदम, फ्रॉड किया तो खैर नहीं!
ब्यूरो शनिवार, 18 अक्टूबर 2014
अमर उजाला, लखनऊ
यूजीसी ने सभी यूनीवर्सिटीज को भेजा लेटर
अब विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों में मार्क्सशीट पर स्टूडेंट्स की फोटो होगी।
इससे फर्जी अंकपत्रों के खेल पर रोक लगेगी। वहीं, स्टूडेंट्स को सत्यापन के लिए चक्कर लगाने से छुट्टी मिल जाएगी।
यह आदेश यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयोंको पत्र भेजकर दिया।
राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई ने यूजीसी को पत्र लिखकर मुंबई विवि की तर्ज पर देश भर में सभी यूनिवर्सिटीज में मार्क्सशीट पर फोटोग्राफ छापने की सलाह दीथी।
यूजीसी के सचिव प्रोफेसर जसपाल एस संधु ने सभी यूनिवर्सिटीज को निर्देश दिए हैं कि वे अपने मार्क्सशीट पर छात्रों की फोटो छपवाएं।
ऐसे लगेगी फर्जीवाड़े पर लगाम
अभी यूनिवर्सिटी में मार्क्सशीट की डुप्लीकेसी होने की संभावना हमेशा बनी रहती है। कई बार शिकायतें मिलती हैं कि फर्जी मार्क्सशीट छापकर गोरखधंधा किया गया।
ऐसे में इस नई व्यवस्था से सभी यूनिवर्सिटी में फर्जीवाड़े पर लगाम लग जाएगी।
प्रो. संधु का कहना है कि जब स्टूडेंट की मार्क्सशीट पर उसकी फोटोग्राफ होगी तो उसका सत्यापन करना भी परीक्षा विभाग के लिए आसान होगा।
मार्क्सशीट पर स्टूडेंट के नाम के साथ उसकी फोटोग्राफ होने से वेरिफिकेशन में भी आसानी होगी।
फर्जी अंकपत्र पकड़े जाने के बाद उठाया था कदम
यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी के कुलपतियों को पत्र भेजकर उसके साथ मुंबई यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट की मार्क्सशीट की फोटोकापी भी भेजी है।
राज्यसभा सांसद अनिल देसाई ने यूजीसी के चेयरमैन को लिखे पत्र में यह जिक्र किया है कि वर्ष 2010 में 627 स्टूडेंट्स के खिलाफ एफआईआर हुई, जिसमें उन्होंने वर्ष 2006 से 2009 तक की फर्जी मार्क्सशीट बनाकर आगे की कक्षाओं में दाखिला लिया था।
इसमें बीकॉम, बीए, बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग, बैचलर ऑफ साइंस एंड एमएमएस कोर्स शामिल है।
स्ववित्तपोषित शिक्षकों के घर कैसे जलेंगे दीपक
जौनपुर : पैसों की कमी के कारण सरकार की तरफ से उच्च शिक्षा में स्ववित्तपोषित योजना को बढ़ावा दिया गया जिसके तहत 75 फीसद व्यवस्था स्ववित्तपोषित हो गई। इन सबके बीच शिक्षकों को मुफलिसी से गुजरना पड़ रहा है। पिछले चार माह से करीब 500 शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है जिससे इस दीपावली में इनके घरों में दीपक जलने का भी संकट आ गया है।
75 फीसद उच्च शिक्षा सेल फाइनेंस पर हो गई है। छात्रों की फीस से ही इनका वेतन मिलता है। मगर प्रबंधक यह कह रहे हैं कि अभी तक परिणाम नहीं आया है जिससे सभी छात्रों का प्रवेश नहीं हो सका है। इसी आधार पर शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पाया है। अगर देखा जाए तो प्रत्येक कालेजों में करीब सात शिक्षक स्ववित्तपोषित होंगे। जिस हिसाब से 473 कालेजों में तीन हजार 311 शिक्षक होने चाहिए। यह संख्या तो पूरी तरह से फर्जी है क्योंकि अधिकतर कालेजों में एक ही शिक्षक का नाम चल रहा है। सही आंकड़ा देखें तो स्ववित्तपोषित शिक्षकों की संख्या 500 के आस-पास होगी। इन शिक्षकों का वेतन पहले से ही कम है। ऐसे में दीपावली में भी वेतन न मिलने से इस बार पूरे परिवार के सामने आर्थिक तंगी आ गई है।
इस बाबत स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा.अनुराग मिश्र ने बताया कि सरकार ने सस्ती शिक्षा को देखते हुए स्ववित्तपोषित व्यवस्था को लागू कराया था। इसके बाद कड़ी मेहनत के बाद शिक्षकों को वेतन न देना गलत है। इसके बारे में कुलपति व विश्वविद्यालय को अवश्य सोचना चाहिए।
स्टैंडिंग कमेटी में आवेदन आए तो देखेंगे मामला: कुलपति
इस बाबत कुलपति पूर्वाचल विश्वविद्यालय प्रो.पीयूष रंजन अग्रवाल ने बताया कि किसी भी कालेज का स्टैडिंग कमेटी में आवेदन आने के बाद ही मामला देखा जा सकता है। स्ववित्तपोषित शिक्षकों को वेतन देने का पूरा कंट्रोल प्रबंधकों का होता है।
Publish Date:Sat, 18 Oct 2014 08:29 PM (IST) | Updated Date:Sat, 18 Oct 2014 08:29 PM (IST)
Saturday, October 18, 2014
72825 Teacher Recruitment, UPTET :
जूनियर में
काउंसलिंग कराने के बाद
एफिडेविट दे कर
ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स निकाल कर प्राइमरी
में काउंसलिंग कराने
वाले कैंडिडेट्स का
अभ्यर्थन बकरार
जूनियर में काउंसलिंग
कराने के बाद
एफिडेविट दे कर
ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स निकाल कर प्राइमरी
में काउंसलिंग कराने
वाले कैंडिडेट्स का
अभ्यर्थन बकरार
लो / कम मेरिट
वालों को दोनों
भर्तियों ( जूनियर व प्राथमिक
) में तगड़ा
नुक्सान
29334 Junior High
School Science Math Teacher Recruitment, 72825
Teacher Recruitment, UPTET,
फ़िलहाल जूनियर की पांचवी
काउंसलिंग में इनके
स्थान पर सीट
नहीं भरी जाएंगी
,
वहीं दुसरी तरफ सचिव
ने बगैर ओरिजिनल
डाक्यूमेंट्स के सिर्फ
अटेस्टेड फोटोकॉपी से काउंसलिंग
कराने का आदेश
जारी कर दिया
है ।
अंतिम फैसला अगली सुनवाई
में होगा , फ़िलहाल
अभ्यर्थन बकरार रखा गया
है , लेकिन कोर्ट
की कार्यवाही व
नीचे लिखे ऑर्डर
से साफ़ झलक
रहा है कि
अंतिम फैसला दोनों में
पात्रता बनाये रखेगा
ऐसे में अब
कैंडिडेट्स दोनों भर्तियों में
अपनी काउंसलिंग आसानी
से करा सकते
हैं :-
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