Monday, December 9, 2013

पदोन्नति मामले की शासन तक पहुंची गूंज




सहारनपुर : प्राथमिक शिक्षकों की पदोन्नति होने का मामला तूल पकड़ने लगा है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने सचिव बेसिक, शिक्षा से मामले में जिले में पदोन्नति लंबित रखने को लेकर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। निदेशक बेसिक शिक्षा उप्र से भी शासन ने रिपोर्ट मांगी है।
शैक्षिक सत्र 2013-14 में जिले के प्राथमिक जूनियर स्कूलों में पदोन्नति का मामला फाइलों में दफन होकर रह गया। बेसिक शिक्षा विभाग में चल रही उठापटक के कारण पदोन्नति का पेंच ऐसा फंसा की वह निकल नही सका। जून के प्रथम सप्ताह में तत्कालीन बीएसए द्वारा सचिव बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद से पदोन्नति हेतु अनुभव में शिथिलता प्रदान करने के लिए अनुमति मांगी थी इससे पहले पदोन्नति के लिए पांच वर्ष का अनुभव जरूरी था। विभाग के अनुरोध को स्वीकारते हुए अनुभव को शिथिल कर तीन वर्ष कर दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक प्राइमरी स्कूलों में प्रधानाध्यापकों पदों पर पदोन्नति में कोई अड़चन नही है इसमें 500 से अधिक पद रिक्त हैं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के मंत्री संजय सैनी जूनियर शिक्षक संघ के महामंत्री इसम सिंह का कहना है यदि इस माह पदोन्नति होने पर शिक्षकों को जनवरी से मिलने वाली तीन प्रतिशत की वेतन वृद्धि से वंचित होना पड़ेगा।
जिले का मामला शासन तक गूंजा बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने सचिव बेसिक शिक्षा से पदोन्नति होने के मामले में आख्या मांगी है। पत्र में कहा कि जिले में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति लंबित रखी जा रही है जबकि अन्य जिलों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन सहारनपुर में पदोन्नति हेतु अनुमति नही दी जा रही है। दूसरी ओर प्रदेश शासन की संयुक्त सचिव ममता श्रीवास्तव ने भी निदेशक बेसिक शिक्षा सचिव बेसिक शिक्षा परिषद उप्र इलाहाबाद से पदोन्नति के संबंध में आख्या मांगी है।
अधिकारी कहिन बीएसए वीके सिंह का कहना है कि पदोन्नति के लिए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से अनुमति मांगी गई है। अनुमति के साथ ही आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
 


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‘देश में 6 लाख शिक्षकों की कमी’




जमशेदपुर। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने कहा है कि देश में छह लाख शिक्षकों की कमी है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए इस अंतर को पाटने पर ध्यान दिया जा रहा है। राजू ने कहा कि सरकार ने आधारभूत संरचना के विकास, शिक्षकों की भर्ती के अलावा लड़कियों और अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों का दाखिला बढ़ाने में बड़ी सफलता हासिल की है। मंत्री ने कहा कि कानून को लागू किए जाने के बाद से हमने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में प्रगति की है। उन्होंने कहा कि मिड डे मील योजना को सुरक्षित बनाने के लिए राज्यों को पर्याप्त निगरानी सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं। एजेंसी
 


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5,775 पदों पर भर्ती, 10वीं पास को मौका




पश्चिम रेलवे में कुल 5,775 पद भरे जाने के लिए विज्ञप्ति जारी की गई है। इन पदों के अंतर्गत गैंगमैन/ ट्रैकमैन बी 1 के 3534 पद, हैल्पर/खलासी बी 1 के 932 पद, हैल्पर-II/ खलासी सी 1 के 662 पद, हैल्पर-II/ खलासी बी 1 के 52 पद और प्लेटफॉर्म पोर्टर 2 के 595 पद शामिल हैं।
इन पदों के लिए वेतनमान 5200 से 20200 रुपये ग्रेड पे 1800 रुपये निर्धारित है। इन पदों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के तहत 10वीं उत्तीर्ण अथवा आईटीआई अथवा समकक्ष होना चाहिए। सामान्य वर्ग के आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष और अधिक से अधिक 33 वर्ष होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग के लिए ियमानुसार छूट प्रदान की गई है। आयु की गणना 1 जनवरी, 2014 से की जाएगी।
इन पदों केलिए परीक्षा शुल्क 100 रुपये निर्धारित है। आरक्षित वर्ग को परीक्षा शुल्क से मुक्त रखा गया है। इन पदों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षा और चिकित्सा परीक्षा आयोजित की जाएंगी।
आवेदन जमाकरने की अंतिमतिथि 14 जनवरी, 2014 निर्धारित है। आवेदक निश्चित प्रारूप में आवेदन पत्र भरकर साधारण डाक द्वारा- सहायक कार्मिक अधिकारी (भर्ती), रेलवे भर्ती सेल, पश्चिम रेलवे, पार्सल डिपो, अलीभाई प्रेमजी मार्ग, ग्रांट रोड (पूर्व), मुंबई-400007 के पते पर भेजें। और धिक जानकारी केलिए वेबसाइट http:// www.rrc-wr.com/ WebPages/ Home.aspx या www.rrc-wr.com पर लॉग ऑन करें।
 


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आवेदकों को करना पड़ सकता है लंबा इंतजार


Updated on: Sat, 07 Dec 2013 06:22 PM (IST)
मैनपुरी, भोगांव: बीटीसी चयन प्रक्रिया में शासन स्तर से हो रही लेटलतीफी से आवेदकों में बेचैनी बढ़ती जा रही है। दिसंबर का पहला सप्ताह बीतने के बावजूद अभी तक शासन ने ऑनलाइन जनपदवार विकल्प भरने के लिए वेबसाइट का लॉक नहीं खोला है। इसके चलते चयन प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। शासन स्तर से अग्रिम कार्रवाई के संबंध में कोई दिशा-निर्देश न आने से डायट प्रशासन भी आवेदकों को कोई ठोस जवाब नहीं दे पा रहा है।
इस वर्ष बीटीसी चयन प्रक्रिया में शासन स्तर से कई बदलाव हुए थे। इन बदलावों के बाद कयास लगाया जा रहा था कि शायद अब इस प्रक्रिया में होने वाले हेरफेर और आवेदकों को लेट लतीफी से निजात मिल जायेगी। ऑनलाइन आवेदन लेने के बाद शासन स्तर से जारी हुई कट ऑफ मेरिट सूची के चयनितों को 28 अक्टूबर से 9 नवम्बर तक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पर चली काउंसिलिंग प्रक्रिया में सम्मिलित होने के लिए बुलाया गया था। काउंसिलिंग में भाग लेने के बाद विभिन्न वर्गो के आवेदकों को 18 से 24 नवम्बर तक वरीयता क्रम में 10 जनपदों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन विकल्प भरने का कार्यक्रम प्रस्तावित था। जो प्रक्रिया 18 नवम्बर से शुरू होनी थी वह दिसम्बर का पहला सप्ताह बीतने के बाद भी शुरू नहीं हो पाई है। ऑनलाइन विकल्प भरने के लिए इंतजार कर रहे आवेदक हर रोज राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की बेवसाइट को लॉगिन करने के लिए सारे जतन कर रहे है। लेकिन कुछ जनपदों में काउंसिलिंग व अन्य प्रक्रियाओं में हुई देरी के चलते एससीईआरटी ने अपनी बेवसाइट लॉक कर दी है। पहले कयास लगाये जा रहे थे कि शायद दिसम्बर के प्रथम सप्ताह तक ऑनलाइन जनपदवार विकल्प भरने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी। लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो सका है और शासन स्तर से अग्रिम कार्रवाई के सम्बन्ध में कोई तिथि नियत न होने से आवेदकों में निराशा का आलम है। हर रोज आवेदक डायट पर पहुंचकर इस संबंध में जानकारी जुटा रहे है। लेकिन यहां से भी उन्हें कोई ठोस जबाव न मिलने से उनमें मायूसी है। डायट प्राचार्य आरएस बघेल के मुताबिक कार्यक्रम में अब तक की हुई देरी के चलते प्रवेश प्रक्रिया अगले वर्ष जनवरी तक पूर्ण हो पाएंगी। एससीईआरटी से निर्देश मिलते ही अग्रिम कार्रवाइयां प्रारम्भ कर दी जायेंगी।
1140 में 800 की सूची गई शासन को
इस बार बीटीसी में प्रवेश के लिए डायट पर विभिन्न वर्गो के 1140 आवेदकों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया था। जिसमें से 901 आवेदक उपस्थित रहे थे। बाद में जांच के दौरान डायट प्राचार्य के नेतृत्व वाली चयन समिति ने 100 आवेदकों के अभिलेखों में गड़बड़ी और हेरफेर के चलते उन्हें शासन को भेजी गई सूची में स्थान नहीं दिया था। शासन को प्रेषित सूची में शामिल आवेदकों को एससीईआरटी के नए निर्देशों का बेसब्री से इंतजार है।

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