सहारनपुर
: प्राथमिक शिक्षकों की पदोन्नति
न होने का
मामला तूल पकड़ने
लगा है। बेसिक
शिक्षा मंत्री ने सचिव
बेसिक, शिक्षा से मामले
में जिले में
पदोन्नति लंबित रखने को
लेकर आख्या प्रस्तुत
करने के निर्देश
दिए है। निदेशक
बेसिक शिक्षा उप्र
से भी शासन
ने रिपोर्ट मांगी
है।
शैक्षिक
सत्र 2013-14 में जिले
के प्राथमिक व
जूनियर स्कूलों में पदोन्नति
का मामला फाइलों
में दफन होकर
रह गया। बेसिक
शिक्षा विभाग में चल
रही उठापटक के
कारण पदोन्नति का
पेंच ऐसा फंसा
की वह निकल
नही सका। जून
के प्रथम सप्ताह
में तत्कालीन बीएसए
द्वारा सचिव बेसिक
शिक्षा परिषद इलाहाबाद से
पदोन्नति हेतु अनुभव
में शिथिलता प्रदान
करने के लिए
अनुमति मांगी थी इससे
पहले पदोन्नति के
लिए पांच वर्ष
का अनुभव जरूरी
था। विभाग के
अनुरोध को स्वीकारते
हुए अनुभव को
शिथिल कर तीन
वर्ष कर दिया
गया था। सूत्रों
के मुताबिक प्राइमरी
स्कूलों में प्रधानाध्यापकों
पदों पर पदोन्नति
में कोई अड़चन
नही है इसमें
500 से अधिक पद
रिक्त हैं। उत्तर
प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ
के मंत्री संजय
सैनी व जूनियर
शिक्षक संघ के
महामंत्री इसम सिंह
का कहना है
यदि इस माह
पदोन्नति न होने
पर शिक्षकों को
जनवरी से मिलने
वाली तीन प्रतिशत
की वेतन वृद्धि
से वंचित होना
पड़ेगा।
जिले
का मामला शासन
तक गूंजा बेसिक शिक्षा
मंत्री राम गोविंद
चौधरी ने सचिव
बेसिक शिक्षा से
पदोन्नति न होने
के मामले में
आख्या मांगी है।
पत्र में कहा
कि जिले में
प्राथमिक एवं उच्च
प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत
शिक्षकों की पदोन्नति
लंबित रखी जा
रही है जबकि
अन्य जिलों में
यह प्रक्रिया पूरी
हो चुकी है,
लेकिन सहारनपुर में
पदोन्नति हेतु अनुमति
नही दी जा
रही है। दूसरी
ओर प्रदेश शासन
की संयुक्त सचिव
ममता श्रीवास्तव ने
भी निदेशक बेसिक
शिक्षा व सचिव
बेसिक शिक्षा परिषद
उप्र इलाहाबाद से
पदोन्नति के संबंध
में आख्या मांगी
है।
अधिकारी
कहिन बीएसए वीके सिंह
का कहना है
कि पदोन्नति के
लिए सचिव बेसिक
शिक्षा परिषद से अनुमति
मांगी गई है।
अनुमति के साथ
ही आगे की
कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
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