Thursday, December 5, 2013

चयन बोर्ड पर चले पत्थर, लाठीचार्ज



पथराव से गार्ड जख्मी, खिड़कियों के शीशे टूटे
टीजीटी, पीजीटी परीक्षा कराने से अभ्यर्थी हैं नाराज, लाठी लगने और गिरने से कई अभ्यर्थी हुए चुटहिल
जागरणजागरण संवाददाता, इलाहाबाद : आवेदन करने के काफी समय बीतने के बावजूद परीक्षा होने से नाराज टीजीटी, पीजीटी अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड कार्यालय पर बुधवार को खूब हंगामा किया। अभ्यर्थियों ने चयन बोर्ड प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुख्य द्वार पर ताला भी जड़ दिया। तैनात गार्ड कुछ कर्मचारियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वह उग्र हो उठे और पथराव शुरू कर दिया पत्थर लगने से सुरक्षा गार्ड चुटहिल हो गया। साथ ही कार्यालय की खिड़की के शीशे टूट गए। इधर बोर्ड प्रशासन की सूचना पर पहुंची पुलिस फोर्स ने अभ्यर्थियों को रोकने का प्रयास किया किंतु उनके तेवर को देखते हुए हटाने के लिए हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा। लाठी लगने से कुछ अभ्यर्थियों को हल्की चोटें भी आईं।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से टीजीटी और पीजीटी 2011 में पांच हजार रक्त पदों की भर्ती निकाली गई थी। इसके लिए प्रदेशभर से करीब छह लाख आवेदन आए लेकिन परीक्षा नहीं कराई गई, इसी के बीच धांधली रोकने को एक याचिका की सुनवाई में कोर्ट ने रिक्त पदों का सत्यापन कराने का निर्देश दिया और परीक्षा पर रोक लगा दी। कोर्ट के आदेशानुसार चयन बोर्ड पदों की जांच कराने लगा, परीक्षा में विलंब होने से आवेदकों का धैर्य जवाब देने लगा। बुधवार सुबह माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड पर सैकड़ों आवेदकों का जमावड़ा हो गया, ‘रुकी भर्ती पूरी करो, परीक्षा जल्द कराओका नारा लगाते हुए बोर्ड कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया। इसी बीच कुछ आवेदकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी जिससे वहां पर तैनात सुरक्षा गार्ड सुनील कुमार का हाथ जख्मी हो गया। स्थिति बिगड़ती देख बोर्ड प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी, कुछ देर बाद पुलिस फोर्स पहुंची और हंगामा कर रहे अभ्यर्थियों को लाठी लेकर खदेड़ लिया। लाठी लगने भगदड़ में गिरने से राहुल, विनोद, धीरज प्रकाश, पवन शर्मा आदि आवेदकों को चोटें लगीं। अभ्यर्थी विक्रम का कहना है कि चयन बोर्ड जानबूझकर परीक्षा नहीं करा रहा है, ही कोई जानकारी देता है। इससे हमारा भविष्य अंधकारमय हो गया है।
अदालत की अनुमति का इंतजार
टीजीटी-पीजीटी-2011 परीक्षा कराने के लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अदालत की अनुमति का इंतजार कर रहा है। बोर्ड ने 25 अगस्त से परीक्षा की तिथि घोषित की थी और पूरी तैयारियां भी कर रखी थीं लेकिन इससे पहले ही 19 अगस्त को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने दीप्ति मिश्र अन्य का याचिका पर इस पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि पदों का सत्यापन करके यह परीक्षा कराई जाए।1मामला अदालत में है। बोर्ड का प्रयास है कि परीक्षाएं जल्द शुरू हों। प्रदर्शन करने वालों में कई ऐसे थे जिन्होंने टीजीटी-पीजीटी के लिए आवेदन नहीं किया है। 1-समर बहादुर सिंह, प्रशासनिक अधिकारी
 


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एलटी ग्रेड भर्ती में बोनस अंक नहीं




जागरण ब्यूरो, लखनऊ : भविष्य में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती में परास्नातक (पीजी) को बोनस अंक दिये जाने की व्यवस्था खत्म होगी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उप्र अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब कैबिनेट से इस प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने की कवायद की जा रही है।
नियमावली में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य शैक्षिक योग्यता स्नातक है। नियमावली में प्रावधान है कि यदि कोई अभ्यर्थी स्नातक के साथ परास्नातक प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण है तो उसे 15, द्वितीय श्रेणी में 10 और तृतीय श्रेणी में पांच बोनस अंक दिये जाएंगे। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जूनियर हाईस्कूलों से उच्चीकृत किये गए राजकीय हाईस्कूलों में एलटी ग्रेड के पुरुष संवर्ग के 1425 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पिछले साल अगस्त में शुरू हुई थी। इस भर्ती प्रक्रिया के दौरान स्नातक स्तर पर लिये गए विषयों से अलग विषय में परास्नातक करने वाले अभ्यर्थियों को भी बोनस अंक दिये गए। इस प्रावधान को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
अभ्यर्थियों का तर्क था कि यदि भौतिकी विषय के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी ने स्नातक स्तर पर बीएससी करने के बाद अंग्रेजी में परास्नातक किया हो तो उसे बोनस अंक देने का क्या औचित्य है। अदालत ने शासन को इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा था। इस पर मंडल स्तर पर होने वाली यह भर्तियां रोक दी गई थीं। सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने बताया कि नियमावली के तहत एलटी ग्रेड शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य शैक्षिक योग्यता स्नातक है। नियमावली बनाते समय यह सोचा गया होगा कि जो लोग स्नातक के विषय से ही परास्नातक हैं, वे उस विषय में ज्यादा दक्ष होंगे। इसलिए परास्नातक को बोनस अंक दिये जाने की व्यवस्था की गई थी लेकिन एलटी ग्रेड के पुरुष शिक्षकों की भर्ती के दौरान यह पता चला कि इस प्रावधान का दुरुपयोग किया जा रहा है। लिहाजा शासन ने एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती में बोनस अंक देने की व्यवस्था को खत्म करने का फैसला किया है।
 


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शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध


•अमर उजाला ब्यूरो
चंदौसी। बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक अपनी मांगों के लेकर आंदोलित हो गए हैं। काली पट्टी बांध कर शिक्षण कार्य करने का सिलसिला चल रहा है जो आठ दिसंबर तक जारी रहेगा। शिक्षकों का कहना है कि वह सरकार के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं क्योंकि सरकारी शिक्षकों की मांगों को पूरा नहीं कर रही है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ और उत्तर प्रदेशीय जूनियर शिक्षक संघ ने दो दिसंबर से काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। जिले में जूनियर शिक्षक संघ की अध्यक्ष संतोष यादव और महामंत्री सेवाराम दिवाकर ने बताया कि शिक्षकों का आंदोलन सफलता के साथ चल रहा है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि शिक्षक महासंघ के आह्वान पर आंदोलन किया जा रहा है। इसके तहत 9 दिसंबर को बहजोई में पैदल मार्च और प्रदर्शन होगा। यदि सरकार फिर भी नहीं चेती तो 18 दिसंबर को लखनऊ में बड़ी रैली होगी। एक लाख से अधिक शिक्षक जुटेंगे।
आठ तक काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य करेंगे शिक्षक


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Wednesday, December 4, 2013

Principal Vacancy in School

नए कलेवर में दिखेंगी बेसिक शिक्षा परिषद की किताबें

  • दूसरे राज्यों में किताबों की जांच करने के लिए भेजी गईं दो टीमें 
लखनऊ। निजी स्कूलों की तर्ज पर अब बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक बच्चों को दी जाने वाली निशुल्क पाठ्य पुस्तकें भी नए कलेवर में नजर आएंगी। इन किताबों की क्वालिटी सुधारने के लिए कवर और कागज को पहले की अपेक्षा ज्यादा अच्छा किया जाएगा। इसके लिये दूसरे राज्यों में किताबों की जांच करने के लिए दो टीमें भेजी गईं हैं | 
  • मेरठ और गोरखपुर के अफसर टीम में शामिल
दूसरे राज्यों में किताबों की क्वालिटी की जांच करने के लिए राज्य परियोजना निदेशालय के निर्देश पर दो टीमें हरियाणा और बिहार भेजी गई हैं। इनमें मेरठ मंडल के मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक), उप शिक्षा निदेशक (डीडीआर) व बेसिक शिक्षा अधिकारी की टीम बनाकर हरियाणा भेजा गया है। जबकि गोरखपुर मंडल के मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक), उप शिक्षा निदेशक और बेसिक शिक्षा अधिकारी की टीम को बिहार भेजा गया है। ये टीमें अपनी रिपोर्ट सर्व शिक्षा अभियान को सौंपेंगे। जिसके बाद उस पर बैठक कर निर्णय लिया जाएगा। 


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सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार: 72825 शिक्षक भर्ती

  • मुख्यमंत्री ने की उच्च स्तरीय बैठक
  • सभी पहलुओं पर किया गया विचार
  • मुख्यमंत्री ने की उच्च स्तरीय बैठक
  • सभी पहलुओं पर किया गया विचार
  • सड़क पर उतरे बेरोजगार


इलाहाबाद : कोर्ट के आदेश के बावजूद प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षकों की रुकी भर्ती को लेकर कोई कदम उठाए जाने से टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति है। रुकी नियुक्ति शुरू कराने को लेकर सैकड़ों अभ्यर्थी सड़क पर उतरे।
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : प्राथमिक स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती के मामले में राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ विशेष अनुज्ञा याचिका में सुप्रीम कोर्ट जाएगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद इस पर सहमति बनी है।1बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी, मुख्य सचिव जावेद उस्मानी, सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार और बेसिक शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में हुई इस बैठक में को लेकर हाई कोर्ट के फैसले का पालन करने या उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार किया गया। हाई कोर्ट ने 20 नवंबर को मायावती सरकार के फैसले को बहाल करते हुए शिक्षकों की भर्ती अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के आधार पर ही करने का आदेश दिया है। साथ ही अदालत ने सरकार द्वारा अध्यापक सेवा नियमावली में किए गए 15वें संशोधन को रद कर दिया है। बैठक में चर्चा हुई कि यदि हाई कोर्ट के फैसले पर अमल किया गया तो मोअल्लिम--उर्दू उपाधिधारकों की मांग पर उर्दू शिक्षकों के 4280 पदों पर चालू की गई भर्ती प्रक्रिया भी अटक जाएगी। साथ ही जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान और गणित विषयों के 29334 पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी प्रक्रिया भी फंस जाएगी। एक दिक्कत यह भी है कि उसने अध्यापक सेवा नियमावली में 15वां संशोधन करने के बाद शैक्षिक मेरिट के आधार पर तकरीबन दस हजार शिक्षकों की भर्तियां कर ली हैं। इन भर्तियों को लेकर भी कानूनी पेच फंस सकता है। इस पहलू पर भी गौर हुआ कि यदि सरकार हाई कोर्ट के फैसले को मान भी ले तो इस निर्णय से असंतुष्ट अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे ही। तब भी भर्ती प्रक्रिया फंसेगी।


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