Wednesday, November 20, 2013

आज होगा एक लाख शिक्षकों की भर्ती पर फैसला



इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एक लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती पर फैसला बुधवार को होगा। प्राइमरी स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति टीईटी मेरिट या एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर किए जाने को लेकर चल रहे विवाद का निपटारा हाईकोर्ट में हो जाएगा। इस फैसले पर साढ़े तीन लाख से ज्यादा आवेदकों की नजर टिकी है।
8 नवंबर को सुनवाई पूरी होने के बाद लगभग दो साल तक कानूनी लड़ाई का निपटारा बुधवार को जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस विपिन सिन्हा की कोर्ट में हो जाएगा। इसी के साथ उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान और गणित विषय के 29,334 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का रास्ता भी साफ हो जाएगा। बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और बीएड डिग्री धारियों की भर्ती के लिए शुरू हुई प्रक्रिया के एक आवेदक एसके पाठक ने टीईटी के अंकों को वेटेज दिए जाने की मांग को लेकर याचिका कर दी थी। टीईटी मेरिट और एकेडमिक रिकार्ड पर 20 नवंबर को प्रस्तावित डिविजन बेंच के फैसले को देखते हुए इस मामले की सुनवाई 25 नवंबर को रख दी गई। इस प्रकार बुधवार को आने वाला फैसला 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों के साथ विज्ञान और गणित विषय के 29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए आवेदन करने वालों के लिए अहम हो गया है। 27 जुलाई 2011 को प्रदेश में निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद बसपा सरकार में 72,825 शिक्षकों की भर्ती शुरू हुई। एनसीटीई की गाइडलाइन के मुताबिक 13 नवंबर 2011 को पहली बार टीईटी हुई और फिर 30 नवंबर 2011 को भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ। इसी के बाद टीईटी के रिजल्ट पर सवाल उठने लगे। इस बीच विधानसभा चुनाव हुए और सत्ता में आने के बाद सपा ने मुख्य सचिव से टीईटी में गड़बड़ी की जांच करवाई। मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने टीईटी मेरिट की बजाय एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर 72,825 शिक्षकों की भर्ती के लिए दसिंबर 2012 में विज्ञापन जारी किया। सरकार के निर्णय के खिलाफ टीईटी मेरिट के आधार पर नियुक्ति की मांग कर रहे अभ्यर्थियों ने याचिका कर दी। जिसका निपटारा बुधवार को हो जाएगा।
 


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पहले भी सवालों के घेरे में रही है यूपीपीएसी की भर्तियां



यूपीपीएससी में सामान्य वर्ग के पदों पर भर्ती हुए जाति विशेष के अभ्यर्थी
सवालों के घेरे में प्रवक्ता भर्ती
अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं प्रतियोगी छात्र
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में सीधी भर्ती के दौरान ओबीसी में एक जाति विशेष के लोगों के चयन को लेकर जहां कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं भर्ती से वंचित रह गए कई प्रतियोगी छात्र हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं। जेई सिविल भर्ती के इंटरव्यू में शामिल दीपक सिंह भर्ती प्रक्रिया से बेहतरीन एजुकेशनल रिकार्ड के बाद भी छंट गये। वो लोक सेवा आयोग में ओबीसी के एक जाति विशेष लोगों को सीधी भर्ती में वरीयता देने को लेकर दाखिल होने वाली रिट के मुख्य याचिककर्ता हैं। यूपीपीएससी के ऐसे रवैये को लेकर प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति बैठकें कर रही है समिति के सदस्य रितेश सिंह,दिनेश तिवारी,अतुल सिंह,देवेंद्र सिंह,दीपक चतुर्वेदी,उमेश चौधरी आदि कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं।
सामान्य वर्ग के पदों पर ओबीसी में से एक जाति विशेष की भर्ती का प्रकरण पुराना है। जेई सिविल के 542 पदों की सीधी भर्ती में जनरल के 415,एससी/एसटी के 127 पदों पर आरक्षण था। जब रिजल्ट आया तो ओबीसी का एक भी पद नहीं होने के बाद 313 ओबीसी स्टूडेंट इसमें सफल घोषित किये गये, इस भर्ती में सामान्य वर्ग के 102 अभ्यर्थी ही सफल घोषित किये गये। सिविल इंजीनियरिंग के लेक्चरर के तीन पदों के लिए 28 अक्टूबर को हुए इंटरव्यू में एक जाति विशेष का एक अभ्यर्थी,दो एससी सफल हुए, सामान्य वर्ग का कोई नहीं सफल हुआ। प्रवक्ता आर्किटेक्चर के 15 पदों के लिए 21 से 23 अक्टूबर तक हुए इंटरव्यू के बाद जारी रिजल्ट में ओबीसी के सात अभ्यर्थी सफल हुए, इसमें भी एक विशेष जाति का बोलबाला दिखा। 11 अक्टूबर को अंग्रेजी प्रवक्ता के एक पद की सीधी भर्ती के इंटरव्यू का जब रिजल्ट घोषित हुआ ओबीसी में एक जाति विशेष की महिला को सफल घोषित किया गया।दिनेश चंद्र मिश्र, इलाहाबाद
सिविल जूनियर इंजीनियर की भर्ती में सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित पदों में से सैकड़ों पर ओबीसी अभ्यर्थी की भर्ती के बाद एक और मामला सामने आया है। इस बार इतिहास प्रवक्ता के पंद्रह पदों पर 31 अक्टूबर को हुए इंटरव्यू के बाद जो रिजल्ट जारी किया गया है, उसमें सामान्य वर्ग के आरक्षित पदों पर इस बार एक जाति विशेष के चयन से भर्ती प्रक्रिया पर फिर प्रश्न उठ गया है।
यूपीपीएससी ने इतिहास प्रवक्ता के 15 पदों में सामान्य वर्ग के लिए सात पद, ओबीसी के पांच पद और अनुसूचित जाति के तीन पद आरक्षित किये। सीधी भर्ती से भरे जा रहे इन पदों के लिए 31 अक्टूबर को साक्षात्कार हुआ। विज्ञापन संख्या 142(1)/01/DR/5-3/07-08 TC-2 के तहत हुए इस भर्ती का जब रिजल्ट आया तो ओबीसी के नाम पर एक जाति विशेष के ही सात अभ्यर्थी इतिहास प्रवक्ता के पद पद पर सफल घोषित किये गये। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अयोध्या सिंह महासचिव सुधीर सिंह ने इसके पीछे यूपीपीएससी के अध्यक्ष अनिल यादव पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा कि ओबीसी के नाम पर सिर्फ एक जाति विशेष का भर्ती अभियान सरकार के इशारे पर चलाया जा रहा है।
 


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