Wednesday, November 20, 2013

नौ हजार अध्यापक होंगे भर्ती : मलूका

 
जागरण संवाददाता, खन्ना
दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) में दो दिवसीय स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इसके समापन अवसर पर शिक्षा मंत्री सिकंदर सिंह मलूका मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे। स्कूल की वाइस चेयरपर्सन अनु बैंस ने उनका स्वागत किया।
इस अवसर पर मलूका ने बताया कि दिसंबर में होने वाले टीईटी टेस्ट के बाद शिक्षा विभाग नौ हजार अध्यापकों की भर्ती और करेगा। यही नहीं, प्राइवेट स्कूलों की मनमानियां भी बंद की जाएंगी, ताकि विद्यार्थियों उनके अभिभावक किसी प्रकार के शोषण का शिकार हों। पंजाब सरकार ने भी शिक्षा के क्षेत्र में रिकार्ड तोड़ सुधार किए हैं। प्रदेश में आदर्श स्कूल बनाए जा रहे हैं। तकनीकी शिक्षा को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस अवसर पर आयोजित रंगारंग कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने गुरुबाणी शबद 'तू प्रभ दाता..' से मंत्रमुग्ध किया। जुगनी, नेचर डांस, स्पेनिश डांस गिद्दा ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। समाज में नारी की भूमिका पर आधारित नाटक का सफल मंचन किया गया। इसके माध्यम से नारी के सम्मान की प्रेरणा भी दी गई। प्रिंसिपल परमिंदर दुग्गल ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी और भविष्य के प्रोजेक्टों की जानकारी भी दी। उन्होंने आधुनिक शिक्षा के महत्व पर कहा कि डीपीएस शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान दे रहा है।


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Tuesday, November 19, 2013

अब अवकाश के लिए नहीं भटकेंगे गुरुजी



  • 15 दिसंबर तक शुरू हो जाएगी ऑनलाइन सेवा
इलाहाबाद : प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को अवकाश के लिए अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। शिक्षकों की सहूलियत के लिए बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से ऑनलाइन सेवा शुरू की जा रही है। इससे शिक्षक घर बैठे अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र दे सकेंगे, जवाब भी उन्हें मेल के माध्यम से मिल जाएगा। यह सेवा 15 दिसंबर तक शुरू हो जाएगी। इसको लेकर बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है।
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प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को अभी तक छुट्टी के लिए प्रधानाध्यापक, एबीएसए व बीएसए की चिरौरी करनी होती है। इससे स्कूल की पढ़ाई प्रभावित होती थी, लेकिन अब शिक्षक परिषद की बेवसाइट पर अवकाश का प्रार्थना पत्र भेज सकेंगे। इसके लिए 90 लाख की लागत से परिषद एवं बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालयों में सुविधा बढ़ाई जाएगी। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिन्हा का कहना है कि ऑनलाइन सेवा शिक्षकों की सहूलियत के लिए शुरू की जा रही है।
  • इस तरह से मिलेगी छुट्टी
अवकाश के लिए ऑनलाइन प्रार्थना पत्र देने के लिए शिक्षक को बेसिक शिक्षा परिषद की बेवसाइट पर अपना नाम, पिता का नाम, विद्यालय में अध्यापकों की संख्या, नियुक्ति की तारीख, जनपद एवं कितने दिन की छुट्टी लेनी है, डालना होगा। इसके बाद बेवसाइट में उनका पूरा ब्योरा सामने आ जाएगा, जैसे आगे कितने दिन की छुट्टी ली है, कितनी बची है। संबंधित विद्यालय में अध्यापकों की संख्या कम होने पर अवकाश रद भी हो सकता है। शिक्षकों के प्रार्थना पत्र का जवाब मेल के माध्यम से एक सप्ताह के अंदर भेजा जाएगा।


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माध्यमिक कम्प्यूटर अनुदेशकों ने दिया धरना


लखनऊ (एसएनबी)। माध्यमिक कम्प्यूटर अनुदेशक एसोसिएशन के बैनर तले प्रदेश के राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षक पद पर विभिन्न निजी कम्पनियों द्वारा तैनात अनुदेशको ने सोमवार को लक्ष्मणमेला मैदान में धरना देकर बकाया मानदेय दिलाने व हटाये गये कम्प्यूटर अनुदेशकों को वापस लेने की मांग की। इस धरने का नेतृत्व एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष कु. साजदा पवार कर रही थी। धरने पर बैठे कम्प्यूटर अनुदेशकों ने बताया कि वे पांच वर्षो से निरंतर कार्य कर रहे है। कम्पनियों को सरकार द्वारा दस हजार रुपये प्रतिमाह प्रति व्यक्ति के रूप में भुगतान किया जाता है परन्तु ये निजी कम्पनियों अनुदेशकों को 3248 रुपये ही भुगतान किया जाता है। इसके साथ ही पिछले 12 महीनों से मानदेय भी नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं मानदेय की मांग करने वाले 35 कम्प्यूटर अनुदेशकों को हटा भी दिया गया है।

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फर्जी संविदा कंडक्टर भर्ती की फिर होगी जांच

  लखनऊ। परवहिन निगम में फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए हुई 500 संविदा कंडक्टरों की भर्ती मामले की जांच रिपोर्ट अधिकारियों ने परवहिन मंत्री को नही सौंपी। इस मामले पर नाराज मंत्री ने एक बार फिर से जांच करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि फर्जी कंडक्टर भर्ती प्रक्रिया में कौन कौन से अधिकारी शामिल रहे। उनकी जांच बाद में पहले कार्यवाही की जाएगी। डीजल परमिट मामले की रिपोर्ट तलब की: ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 1176 डीजल परमिट मामले की जांच रिपोर्ट परवहिन मंत्री ने तलब की है।
उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच चल रही थी। जांच रिपोर्ट अभी प्रमुख सचिव के पास नहीं पहुंची है। रिपोर्ट मिलते ही विभागीय अधिकारियों पर जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही तय की जाएगी।

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पत्राचार बीएड पर शिक्षक में नया पेंच

 निवास प्रमाण पत्र को लेकर उठा विवाद
लखनऊ। पत्राचार के जरिये बीएड करने वालों को भी विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण देने का भले ही आदेश 6 माह पहले जारी हुआ हो पर इसमें अभी पेंच है। यह निवास प्रमाण पत्र को लेकर है।
वर्ष 2004 में विशिष्ट बीटीसी के लिए आवेदन करने वाली कई महिला आवेदक ऐसी हैं जिनकी शादी हो चुकी है और उनका निवास बदल चुका है। इसलिए डायट पर ऐसे आवेदकों के प्रमाण पत्रों का मिलान नहीं किया गया। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह कहते हैं कि शासन से इस संबंध में अनुमति मांगी गई है। जैसे ही निर्णय होगा ऐसे लोगों के प्रमाण पत्रों का मिलान कर प्रशिक्षण में मौका दिया जाएगा।
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बीएड वालों को विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण देकर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। वर्ष 2004 में भी विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के लिए आवेदन मांगे गए थे। इसमें पत्राचार बीएड करने वालों को शामिल होने से रोक दिया गया। तब उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तो फैसला इनके पक्ष में हुआ। इसके बाद एससीईआरटी ने आवेदन फार्म जमा करने की तारीख बढ़ा कर पत्राचार से बीएड करने वालों से भी आवेदन लिए लेकिन एससीईआरटी ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर दी।
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सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश निरस्त कर दिया। एससीईआरटी ने इसके बाद पत्राचार से बीएड करने वालों को चयन प्रक्रिया से अलग कर दिया लेकिन जो मेरिट जारी की गई उसमें करीब 1500 ऐसे डिग्रीधारक आ रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पत्राचार डिग्रीधारकों ने सुप्रीम कोर्ट के दो जजों वाली बेंच में चुनौती दी। इस बेंच ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि मेरिट में आने वाले पत्राचार डिग्रीधारकों को भी विशिष्ट बीटीसी का छह माह का प्रशिक्षण दिया जाए।

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शिक्षा मित्रों से वार्ता कर ढूढेंगे टीईटी का हल : नीतीश्वर कुमार

 लखनऊ । शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने में बाधक बने टीईटी मुद्दे का हल निकालने की पहल शुरू हो गई है। सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने मंगलवार को इस संबंध में शिक्षा मित्र संगठनों की बैठक बुलाई है। इसमें उनसे विचार-विमर्श किया जाएगा और उनका सुझाव लिया जाएगा।
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सचिव कहते हैं कि शिक्षा मित्रों से बातचीत में आने वाले सुझाव के आधार पर विभागीय अधिकारियों की बैठक बुलाई जाएगी।
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प्रदेश में 1.63 लाख शिक्षा मित्र हैं। इन्हें दो वर्षीय पत्राचार बीटीसी का प्रशिक्षण देकर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाया जाना है। पहले चरण में 60 हजार शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाया जाना है। इनका प्रशिक्षण पूरा हो चुका है और परीक्षा नियामक प्राधिकारी शीघ्र ही परिणाम भी जारी करने वाले हैं। शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने में सबसे बड़ी बाधा टीईटी है। इसलिए सचिव बेसिक शिक्षा चाहते हैं कि इस संबंध में शिक्षा मित्र के संघों से बातचीत कर ली जाए।
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इस बारे में आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार शाही कहते हैं कि सचिव बेसिक शिक्षा से अनुरोध किया था कि शिक्षा मित्रों के साथ एक बैठक कर उनका पक्ष भी जान लिया जाए। इसी आधार पर बैठक बुलाई गई है।



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Monday, November 18, 2013

अब बाबू नहीं बनेंगे पेंशन की टेंशन : साफ्टवेयर से घर बैठे ही मिल जाएगी सारी जानकारी

  •  पेंशन निदेशालय एनआइसी (नेशनल इंफॉरमेशन सिस्टम) से यह साफ्टवेयर करवा रहा है तैयार
  • आइएएस अधिकारियों से लेकर लिपिकीय संवर्ग के लिए बनाए जा रहे इस साफ्टवेयर के दायरे में रखा गया है शिक्षकों को भी

    लखनऊ | पेंशनरों को राहत देने वाली खबर है। अब उन्हें पेंशन के लिए अधिकारियों व बाबुओं की सीट पर याचना नहीं करनी पड़ेगी। सारा काम घर बैठे ही हो जाएगा और पेंशन की राशि भी बैंक में पहुंच जाएगी। यानी पत्रवलियों पर लगने वाली तमाम तरह की बेवजह की अड़चनों से उन्हें परेशान नहीं होना होगा। इस सुविधा को देने के लिए एक ऐसा साफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है, जिससे पेंशनर्स को घर बैठे ही एक निश्चित अवधि में पेंशन पास और फिर खाते में आने की जानकारी मिल जाएगी। इतना ही नहीं सेवानिवृत्त कर्मी को यह भी पता चलता रहेगा कि उसकी पत्रवली का मूवमेंट क्या है। यह जानकारी भी उसे मोबाइल फोन पर एसएमएस पर समय-समय पर मिलती रहेगी। पेंशनरों के बढ़ते उत्पीड़न और उनके लंबित मामलों को त्वरित गति से निपटाने के लिए ही पेंशन निदेशालय एनआइसी (नेशनल इंफॉरमेशन सिस्टम) से यह साफ्टवेयर तैयार करवा रहा है। आइएएस अधिकारियों से लेकर लिपिकीय संवर्ग के लिए बनाए जा रहे इस साफ्टवेयर के दायरे में शिक्षकों को भी रखा गया है। अभी तक शिक्षकों का हिसाब शिक्षा विभाग ही करता था पर जुलाई 2012 के बाद से पेंशन निदेशालय भी सेवानिवृत्त शिक्षकों के मामले में निगरानी करता था।
  • ऐसे होगा पेंशन का निर्धारण
सेवानिवृत्त कर्मी की पत्रवली विभाग स्कैन कर ऑनलाइन सिस्टम से वेतन निर्धारण अधिकारी (डीडीओ) को भेजेगा। डीडीओ से पत्रवली की स्कैन कॉपी को पेंशन विभाग भेजा जाएगा, जहां पेंशन का निर्धारण करते हुए उसे कोषागार में भेज दिया जाएगा। इसके बाद कर्मचारी के खाते में पेंशन की रकम पहुंच जाएगी।
  • पायलट प्रोजेक्ट तैयार हो रहा
पेंशन निदेशक महेश अग्निहोत्री कहते हैं कि ऑनलाइन पेंशन के लिए पायलट प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है। इसमें आइएएस और पीसीएस अधिकारियों को शामिल किया गया है। इसके बाद अन्य संवर्ग के कर्मचारियों को जोड़ा जाएगा। अग्निहोत्री का कहना है कि इस सेवा के शुरू होने से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी। उनकी पेंशन का निर्धारण में भी कोई गड़बड़ी नहीं हो सकेगी।
  • अंगूठे का निशान होगा पहचान
हर वर्ष जीवित प्रमाण पत्र के लिए कोषागार दफ्तर के चक्कर भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नहीं काटना होगा। सेवानिवृत्त कर्मी का थम इंप्रेशन (अंगूठा निशान) पेंशन कागज जमा करते समय ले लिया जाएगा। इसके बाद पेंशनर को विभाग में जाकर थम इंप्रेशन से ही अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र देगा। अभी कर्मचारियों को कोषागार जाकर जीवित होने का प्रमाण देने में काफी वक्त लग जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। निदेशक पेंशन कहते हैं कि जीवित प्रणाम पत्र के लिए थम इंप्रेशन की सुविधा भी जल्द शुरू होगी।

       खबर साभार : दैनिक जागरण

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विदाई भाषण में सचिन ने उड़ेलीं भावनाएं, कहा शुक्रिया

अपने आखिरी और 200वें टेस्ट मैच के बाद मैदान छोड़ते हुए सचिन तेंदुलकर की आंखें नम हो गईं। प्राइज सेरेमनी में जब उन्हें माइक दिया गया तो नम आंखों और भावुक आवाज से उन्होंने अपनी सफलता में शामिल हर शख्स का धन्यवाद किया।
सचिन ने माइक हाथ में लेते ही पहले तो खुद को बोलने में असहज पाया। फिर संभलते हुए बोले, 'मैं बहुत भावुक हूं पर खुद को मैनेज कर रहा हूं।' उन्होंने सबसे पहले अपने पिता को याद करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया।
तेंदुलकर ने कहा, 'मेरे पिता मेरे सबसे बड़े हीरो हैं जिन्हें में सबसे ज्यादा मिस करता हूं। उनकी वजह से ही मैं आज ये सब कर पाया। उन्होंने ही मुझे कभी हारना नहीं सिखाया। मैं जब भी मैदान में कुछ अच्छा करता हूं तो बल्ला उठाकर अपने पिता को धन्यवाद करता हूं।'
पढ़ें: भारत जीता, सचिन को देश-दुनिया का आखिरी सलाम
उन्होंने कहा कि दूसरी मेरी मां हैं जिनकी अच्छी देखभाल की वजह से मैं ये मुकाम हासिल कर पाया। उन्होंने न केवल मेरे लिए प्रार्थना की। मेरे लिए बहुत त्याग किया। उन्होंने कहा 'मैं अपने भाई नितिन और अजीत और उनके परिवार का भी शुक्रिया अदा करता हूं। बहन सविता जिसकी वजह से आज मैं यहां पहुंचा। मेरी बहन मेरे लिए आज भी उपवास रखती है।'
परिवार भी हुआ भावुक
सचिन के भाषण के दौरान उनकी बेटी और पत्नी की आंखें भी नम दिखाई दे रही थीं। सचिन ने कहा कि जब अंजलि से शादी हुई वो मेरे जीवन में सबसे खूबसूरत पल था। उन्होंने मेरे लिए बड़ा त्याग किया और सारी जिम्मेदारी लेकर मुझे केवल खेल पर ध्यान देने का मौका दिया। सचिन ने कहा वो मेरी लाइफ ईनिंग की बेस्ट पार्टनर हैं।
पढ़ें: सचिन को विदाई देने वानखेड़े क्यों नहीं पहुंचे कांबली?
सचिन ने कहा, 'मेरे बेटे और बेटी मेरे दो हीरे हैं। ये दोनों मेरे जीवन में बहुत अहम हैं। अब मैं इनके लिए ज्यादा वक्त दे सकूंगा जो अब तक नहीं दे सका।' उन्होंने अंजलि के परिवार वालों को भी शुक्रिया कहा।
सचिन ने अपने आंटी और अंकल का भी शुक्रिया किया। सचिन ने बताया कि उनका स्कूल दूर होने पर वह अपनी आंटी के घर रहते थे। जब वो प्रैक्टिस से आने के बाद सो जाते थे तो आंटी उन्हें आधी नींद में खाना खिलाती थीं ताकि वो अगले दिन फिर मैदान में पहुंच सकें।
दोस्तों, गुरू और अन्य खिलाड़ियों को भी शुक्रिया
मास्टर ब्लास्टर ने अपने सभी दोस्तों का भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, 'मेरे करियर के दौरान मैंने कई दोस्त बनाए जिनका मेरा करियर को आगे बढ़ाने में अहम रोल रहा। मेरे बचपन के दोस्त समेत सभी दोस्त मेरी लाइफ में बहुत अहम हैं।'
सचिन तेंदुलकर ने अपने पहले गुरु अचरेकर सर का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने क्रिकेट का पहला सबक सिखाया। सचिन ने कहा, 'अचरेकर सर ने मेरे करियर में कभी नहीं कहा कि मैं अच्छा खेलने लगा हूं। उनका मानना था मैंने मेहनत करना छोड़ दिया है।'
उन्होंने चयनकर्ताओं, बीसीसीआई का भी धन्यवाद किया। 16 साल की उम्र में ही चयन करने जैसा बोल्ड डिसीजन लेने के लिए भी बीसीसीआई की तारीफ की। उन्होंने अपने सभी कप्तानों सीनियर प्लेयर्स का भी धन्यवाद किया।
'मिस करूंगा सचिन... सचिन...'
टीम इंडिया के वर्तमान खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि सभी लोग देश के लिए खेल रहे हैं। ये सौभाग्य है कि हमें देश के लिए खेलने का मौका मिला है।
उन्होंने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की तारीफ की और सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने डॉक्टर और फिजियो का भी धन्यवाद किया।
अंत में सचिन ने अपने फैंस का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि लोगों ने उनके लिए व्रत किया। वो 'सचिन, सचिन' के शोर को मिस करेंगे। सचिन के इतना कहते ही हर ओर स्टेडियम में सचिन... सचिन... का शोर गूंजने लगा।